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दावोस में छलका इमरान खान का दर्द, कहा-किसी के प्रति इतना...
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने सुबह के समाचार पत्रों को पढ़ना और टीवी देखना बंद कर दिया है। उन्होंने कहा क्योंकि यह एक दर्दनाक प्रक्रिया है। उन्होंने इसका कारण भी बताया है।
दावोस : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने सुबह के समाचार पत्रों को पढ़ना और टीवी देखना बंद कर दिया है। उन्होंने कहा क्योंकि यह एक दर्दनाक प्रक्रिया है। उन्होंने इसका कारण भी बताया है।
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दावोस में एक कार्यक्रम में इमरान खान ने कहा कि मीडिया में उनके ऊपर अधिक ही नेगेटिव निशाना साधा जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को अपनी सरकार द्वारा लागू किए जा रहे गहरे संस्थागत और शासन सुधारों के लाभों से गुजरना है, इसके लिए धैर्य रखने की जरूरत दावोस में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक 2020 में भाग लेने आए इमरान ने कहा कि उनका विजन पाकिस्तान को एक मानवीय, न्यायपूर्ण और कल्याणकारी समाज बनाने की है।
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इसी दौरान उन्होंने अपने ऊपर की जा रही आलोचनाओं पर भी बात की। इमरान ने कहा कि सबसे अच्छा मैं यह कर सकता था कि मैंने अखबारों को पढ़ना बंद कर दिया और शाम के चैट शो नहीं देखे। इमरान ने कहा कि सबसे अच्छा मैं यह कर सकता था कि मैंने अखबारों को पढ़ना बंद कर दिया और शाम के चैट शो नहीं देखे। लेकिन मेरे अधिकारी उन्हें देखते हैं और फिर मुझे बताते हैं कि वे क्या कह रहे हैं.। इसके अलावा इमरान ने दावोस में भी शांति का भी राग अलापा है। इमरान ने कहा कि पाकिस्तान किसी भी नए संघर्ष का हिस्सा नहीं बनेगा, क्योंकि शांति से ही देश का भला हो रहा है।
भारत को किया याद
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को एक बार फिर से भारत की याद आई। उन्होंने बुधवार को कहा कि जब भारत के साथ उनके देश के संबंध सामान्य हो जाएंगे, तब दुनिया को पाकिस्तान की आर्थिक संभावनाओं के बारे में पता चलेगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से ये रिश्ते बेहतर नहीं हैं।
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) 2020 में बुधवार को अपने विशेष संबोधन में इमरान खान ने कहा कि उनका दृष्टिकोण पाकिस्तान को एक कल्याणकारी देश बनाने का है। हालांकि, शांति और स्थिरता के बिना आर्थिक वृद्धि संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सिर्फ शांति के लिए किसी भी अन्य देश के साथ भागीदारी करने को तैयार हैं। उन्होंने अमेरिका के साथ संबंध को ऐसी ही भागीदारी बताया।