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जलवायु परिवर्तनः भारत को 87 अरब डॉलर का नुकसान, विश्व मौसम विज्ञान संगठन का बड़ा दावा

WMO Report : विश्व मौसम विज्ञान संगठन द्वारा पिछले वर्ष आयी प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़ और सूखे के चलते भारत को करीब 87 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।

Rajat Verma
Written By Rajat VermaPublished By Shraddha
Published on: 26 Oct 2021 2:09 PM IST
जलवायु परिवर्तन के चलते भारत को 87 अरब डॉलर का नुकसान
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जलवायु परिवर्तन के चलते भारत को 87 अरब डॉलर का नुकसान (कॉन्सेप्ट फोटो - सोशल मीडिया) 

WMO Report : मंगलवार को जारी विश्व मौसम विज्ञान संगठन (World Meteorological Organization) द्वारा प्रकाशित "स्टेट ऑफ द क्लाइमेट इन एशिया" की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले वर्ष आयी प्राकृतिक आपदाओं (Prakartik Apda) जैसे उष्णकटिबंधीय चक्रवात (Tropical Cyclones), बाढ़ (flood) और सूखे (drought) के चलते भारत को करीब 87 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।

एशिया और पैसिफिक प्रांतों के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (ESCAP) द्वारा जारी अनुमान के अनुसार भारत में आई प्राकृतिक आपदाओं के कारणवश देश का कई सौ अरब डॉलर का औसत वार्षिक नुकसान हुआ है, जो कि एक विकासशील देश के नज़रिए से बहुत बड़ी रकम है।

प्राकृतिक आपदाओं के चलते भारत को 87 अरब डॉलर का नुकसान (कॉन्सेप्ट फोटो - सोशल मीडिया)

इस रिपोर्ट के अनुसार प्राकृतिक आपदाओं के चलते चीन ने सबसे ज़्यादा 238 अरब डॉलर का नुकसान दर्ज किया। जिसके इसके बाद भारत में 87 अरब डॉलर और जापान में 83 अरब डॉलर का नुकसान प्राकृतिक आपदा के कारण हुआ है। साथ ही WMO ने यह भी कहा है कि सभी प्राकृतिक आपदाओं में सूखे के कारण अधिक औसत वार्षिक नुकसान हुआ है।

पिछले वर्ष दक्षिण और पूर्व एशियाई ग्रीष्मकालीन मानसून असामान्य रूप से सक्रिय थे, जिसके चलते पिछले वर्ष लगातार भारी मात्रा में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के साथ ही बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक घटनाएं दर्ज की गईं । इन प्राकृतिक आपदाओं के चलते कई देशों में भारी मात्रा में जान और माल नुकसान भी हुआ। WMO द्वारा जारी रिपोर्ट में यह भी जानकारी मिली है कि हाल के दिनों में दर्ज किए गए । सबसे मजबूत चक्रवात अम्फान ने मई 2020 में भारत और बांग्लादेश के सुंदरबन क्षेत्र को भारी रूप से प्रभावित किया था , जिसके कारणवश भारत में करीब 2.4 मिलियन और बांग्लादेश में करीब 2.5 मिलियन लोगों को तबाही के चलते अपना घर छोड़ना पड़ा। पिछले साल हिंद महासागर, प्रशांत महासागर और आर्कटिक महासागर में समुद्र की सतह का औसत तापमान रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था जिसके चलते रिपोर्ट के अनुसार एशिया तथा उसके आसपास स्तिथ समुद्र के सतह का तापमान रिकॉर्ड औसत से तीन गुना अधिक बढ़ रहा है, जो कि भविष्य में और बड़ी समस्या का कारण बन सकता है।


प्राकृतिक आपदा से भारी नुकसान (कॉन्सेप्ट फोटो - सोशल मीडिया)

इसके अलावा रिपोर्ट के मुताबिक तीव्र चक्रवात, मानसूनी बारिश और बाढ़ के चलते दक्षिण एशिया और पूर्वी एशिया में घनी आबादी वाले क्षेत्र अधिक प्रभावित हुए हैं। पिछले वर्ष इस भारी और भीषण तबाही के चलते भारत, चीन, बांग्लादेश, जापान, पाकिस्तान, नेपाल और वियतनाम में लाखों लोग बेघर हो गए तथा उन्हें अपना निवास स्थान छोड़ना पड़ा।



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Shraddha

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