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Women Reservation Bill: सरकार में महिलाओं की भागीदारी को लेकर इन देशों ने किया है बढ़िया काम, पढ़ें ये रिपोर्ट

Women Reservation Bill: इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेटिक एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस, स्टॉकहोम (आईडीईए) के डेटा से पता चलता है कि दुनिया भर में तमाम देशों ने सार्वजनिक कार्यालय में महिलाओं के लिए सकारात्मक कार्रवाई की है जिसके बेहतरीन नतीजे सामने आए हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 19 Sept 2023 10:02 AM IST
Women Reservation Bill
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Women Reservation Bill (photo: social media )

Women Reservation Bill: विश्व स्तर पर स्थानीय और राष्ट्रीय राजनीति में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बहुत कम है। इंटर पार्लियामेंट्री यूनियन के अनुसार 2018 तक दुनिया में सिर्फ 24 फीसदी सांसद महिलाएँ थीं। अब ये आंकड़ा 25.5 का है। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेटिक एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस, स्टॉकहोम (आईडीईए) के डेटा से पता चलता है कि दुनिया भर में तमाम देशों ने सार्वजनिक कार्यालय में महिलाओं के लिए सकारात्मक कार्रवाई की है जिसके बेहतरीन नतीजे सामने आए हैं। नवंबर 2021 तक, 132 देशों में लिंग आधारित कोटा अपनाया जा चुका है।

अर्जेंटीना से शुरू करके, 1990 के दशक की शुरुआत में नेपाल सहित कई देशों ने पार्टी उम्मीदवार सूची में न्यूनतम कोटा अपनाया। फ़्रांस, कोरिया और नेपाल सहित अन्य देशों में उम्मीदवार सूची का 50 फीसदी तक कोटा पारित किया है। अर्जेंटीना, मेक्सिको और कोस्टा रिका जैसे देशों में पार्टी कोटे का कानून है और उनकी राष्ट्रीय विधायिकाओं में 36 फीसदी से अधिक महिला प्रतिनिधित्व है। हालाँकि, राजनीतिक दलों द्वारा स्वैच्छिक (गैर-विधायी) कोटा के माध्यम से दक्षिण अफ्रीका, स्वीडन और जर्मनी जैसे देशों में महिला प्रतिनिधित्व का समान स्तर हासिल किया गया है। दक्षिण अफ़्रीका एक उत्कृष्ट उदाहरण है जहाँ की नेशनल असेंबली में 44.8 फीसदी महिलाएँ शामिल हैं। दक्षिण अफ्रीका में, देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी, अफ़्रीकी नेशनल कांग्रेस (एएनसी) ने 1991 में महिलाओं के लिए कोटा पर चर्चा शुरू की। 1994 तक एएनसी द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों में 35.7 फीसदी महिलाएँ थीं। इसके परिणामस्वरूप नेशनल असेंबली में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 25 फीसदी हो गया। 2009 में चुनाव तक, एएनसी ने प्रतिनिधित्व को 50 फीसदी तक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता जताई और इसका परिणाम यह हुआ कि दक्षिण अफ़्रीकी नेशनल असेंबली में 49.2 फीसदी महिला प्रतिनिधित्व हो गया।

टॉप देश

पूर्वी अफ्रीकी देश रवांडा 61 फीसदी संसदीय सीटों पर महिलाओं के साथ दुनिया में अग्रणी है। रवांडा को देश की सरकार में महिलाओं की भागीदारी की दर के लिए एक आदर्श मॉडल के रूप में भी बताया जाता है। रवांडा में 2018 में हुए चुनाव में कुल 80 सीटों में 49 पर महिलाएं थीं जो 61.3 फीसदी बैठता है। क्यूबा दूसरे पायदान पर है जहाँ 605 सीटों में 322 महिलाओं का कब्जा है। तीसरे स्थान पर संयुक्त अरब अमीरात

है जहाँ 50 फीसदी सांसद महिलाएं हैं। देश ने प्रभावशाली सुधार किया है और 2019 में दुनिया में 85वें स्थान से उछलकर 2021 में तीसरे स्थान पर पहुंच गया। यह नतीजा राष्ट्रपति शेख खलीफा द्वारा 2018 में आधी संसदीय सीटों पर महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने के आह्वान के परिणामस्वरूप आया है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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