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World Bank: भारत समेत सौ देशों को वर्ल्ड बैंक की चेतावनी, ऐसे नहीं बन पाएंगे अमीर
World Bank: बहुत से देश उन्नत अर्थव्यवस्था बनने के लिए पुरानी रणनीतियों पर निर्भर हैं। वे बहुत लंबे समय तक सिर्फ़ निवेश पर निर्भर रहते हैं - या वे समय से पहले ही नवाचार की ओर चले जाते हैं
World Bank: विश्व बैंक ने कहा है कि भारत, चीन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका सहित 100 से अधिक देश “मध्यम आय के जाल” में फंसने के जोखिम में हैं।विश्व बैंक ने कहा है कि वर्तमान रुझानों के मुताबिक भारत को अमेरिका के प्रति व्यक्ति आय स्तर के 25 फीसदी तक पहुंचने में 75 साल लग जाएंगे।अपनी विश्व विकास रिपोर्ट में, विश्व बैंक ने कहा है कि पिछले 50 वर्षों का सबक यह है कि जैसे-जैसे देश अमीर होते गए, वे एक ऐसे “जाल” में फंस गए, जहां प्रति व्यक्ति आय औसतन अमेरिकी स्तर का लगभग 10 फीसदी थी, जो सालाना 8,000 डॉलर (6,64,000 रुपए) के बराबर थी। 1990 के बाद से सिर्फ 34 मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्थाएं उच्च आय की स्थिति में पहुंचने होने में कामयाब रहीं हैं और उनमें से भी एक तिहाई से ज्यादा या तो यूरोपीय संघ में एकीकरण के लाभार्थी थे, या तेल की नई खोज के लाभार्थी थे।
75 साल लग जाएंगे भारत को
विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री इंदरमीत गिल ने कहा कि मौजूदा रुझानों के अनुसार, चीन को प्रति व्यक्ति आय अमेरिका के स्तर के 25 फीसदी तक पहुंचने में 10 साल और भारत को 75 साल लगेंगे। गिल ने कहा - वैश्विक आर्थिक समृद्धि की लड़ाई मोटे तौर पर मध्यम आय वाले देशों में जीती या हारी जाएगी।.लेकिन इनमें से बहुत से देश उन्नत अर्थव्यवस्था बनने के लिए पुरानी रणनीतियों पर निर्भर हैं। वे बहुत लंबे समय तक सिर्फ़ निवेश पर निर्भर रहते हैं - या वे समय से पहले ही नवाचार की ओर चले जाते हैं।
गिल ने कहा कि जरूरत एक नए दृष्टिकोण की है। वह ये कि पहले निवेश पर ध्यान दें; फिर विदेश से नई तकनीकों के समावेश पर जोर दें; और अंत में, एक त्रि-आयामी रणनीति अपनाएँ जो निवेश, समावेश और नवाचार को संतुलित करे। उन्होंने कहा कि बढ़ते बदलावों के चलते अब गलती की कोई गुंजाइश नहीं है।
108 देश हैं मिडिल इनकम ग्रुप में
विश्व बैंक के अनुसार, 2023 के अंत में 108 देशों को मध्यम आय के रूप में वर्गीकृत किया गया था, जिनमें से प्रत्येक की प्रति व्यक्ति वार्षिक आय 1,136 डॉलर से 13,845 डॉलर के बीच थी। बता दें कि 2 अगस्त को एक डॉलर 83 रुपये 76 पैसे का है।
- मध्यम आय वाले देशों में 6 अरब लोग रहते हैं जो वैश्विक आबादी का 75 फीसदी है। यही नहीं, हर तीन में से दो लोग अत्यधिक गरीबी में जी रहे हैं।
- वे ग्लोबल जीडीपीका 40 फीसदी से अधिक उत्पन्न करते हैं, 60 फीसदी से अधिक कार्बन उत्सर्जन का स्रोत हैं और मध्यम आय के जाल से बाहर निकलने में कहीं ज्यादा बड़ी चुनौतियों का सामना करते हैं।
विश्व बैंक प्रमुख गिल ने कहा है कि इन देशों के लिए मध्यम आय के जाल से बाहर निकलना कठिन होगा। उन्होंने कहा कि मध्यम आय वाले देशों को चमत्कार करना होगा - न केवल खुद को उच्च आय की स्थिति में लाने के लिए बल्कि पर्यावरणीय विनाश से बचने के लिए।