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World Earth Day: ऐसे बनाएं धरती को स्वर्ग, आज लें इन कामों का संकल्प

विश्व भर में 22 अप्रैल को विश्‍व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है इसे मनाने का उद्देश्य पृथ्वी के महत्‍व को समझें ।

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Newstrack Network NetworkPublished By Suman Mishra | Astrologer
Published on: 22 April 2021 4:58 AM GMT (Updated on: 22 April 2021 4:59 AM GMT)
विश्‍व पृथ्वी दिवस
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सांकेतिक तस्वीर( साभार-सोशल मीडिया)

लखनऊ: आज विश्व पृथ्वी दिवस (World Earth Day )है। 22 अप्रैल को हर साल दुनियाभर में विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है।22 अप्रैल, 1970 को पहली बार विश्‍व पृथ्वी दिवस मनाया गया था। अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने इसे मनाने की शुरुआत की थी। इस दिन ग्लोबल वार्मिंग व प्रदूषित होते पर्यावरण (Environment) से धरती को बचाने के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है।

इस बार वर्चुअल तरीके से इस दिन को मनाया जा रहा है। ग्लोबल वॉर्मिंग (Global Warming) दुनिया का सबसे बड़ा मुद्दा है, जिसका असर धरती के साथ-साथ सेहत पर भी हो रहा है। मगर, सिर्फ कुछ छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखकर आप धरती(Earth)को तबाह होने से बचा सकते हैं।

देश में बढ़ते कोरोना वायरस मामलों के कारण कई राज्यों में लॉकडाउन कर दिया गया है। जिस वजह से लोग अपने घरों में कैद हैं जिसका असर वातावरण में देखने को मिल सकता है। लॉकडाउन के कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकलेंगे तो ऐसे में वातावरण प्रदुषित भी नहीं होगा। इससे खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक कोशिश से प्रदूषण को कम किया जा सकता है।

सांकेतिक तस्वीर( साभार-सोशल मीडिया)

इन वजहों से बढ़ रहा ग्लोबल वार्मिंग

आज हर जगह, हर क्षेत्र में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ रही है, जोकि ग्लोबल वार्मिंग का सबसे बड़ा कारण है। ग्लोबल वार्मिंग का सबसे बड़ा कारण प्रदूषण है। औद्योगीकरण का विकास, हर साल विश्व में हो रहे करोड़ों टन से ज्यादा प्लास्टिक का उत्पादन और रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे फ्रिज, कंप्यूटर, स्कूटर, कार आदि भी ग्लोबल वार्मिंग का कारण है। इनसे जो गैसे निकलती है, वो ग्लोबल वार्मिंग बढ़ाती है। ग्रीन हाउस गैसें भी ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार होती हैं। इनमें नाइट्रस ऑक्साइड, मीथेन, क्लोरो-फ्लोरो कार्बन, वाष्प, ओजोन शामिल हैं।

ऐसे धरती की करें सुरक्षा

अपनी जरुरतों के लिए लोग जंगल काट रहे हैं, लेकिन उसकी जगह पेड़-पौधे नहीं लगाते,अगर हम पेड़ पौधे लगाएंगे तो धरती को बचाने में अपना सहयोग जरूर दें। जितना हो सके पेड़-पौधे लगाएं। बिजली उत्पादन में बहुत अधिक प्राकृतिक संसाधन खर्च होते हैं इसलिए अधिक से अधिक बिजली की बचत करनी चाहिए। इसके लिए सोलर लाइट्स और दिन में नेचुरल लाइट्स का यूज करें।

दुनियाभर में बेशुमार कचरा पैदा हो रहा है, जिसे विघटित होने में 2 महीने लग जाते हैं जबकि प्लास्टिक से बनी चीजें 450 साल से अधिक समय लेती हैं। कोशिश करें कि कचरा कम से कम हो, ताकि इन्हें आसानी से रिसाइकिल किया जा सके। प्लास्टिक का भी कम से कम यूज करें।

सांकेतिक तस्वीर( साभार-सोशल मीडिया)

फैलाए जागरूकता और दें योगदान

पार्क से कचरा हटाने और इसे रिसाइकिल करने में अपनी योगदान दें। साथ ही पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने में भी अपना योगदान दें। जितना हो सके अपने परिवार, दोस्तों और अन्य लोगों में पर्यावरण का संदेश फैलाएं।

लोगों को लगता है कि उनके शहर में पानी की कमी नहीं तो उन्हें बचत करने की भी जरूरत नहीं। मगर, आप शायद यह नहीं जानते कि बहुत से शहरों में पानी की कमी है। वास्तव में पीने योग्य पानी के संसाधन सीमित है। पृथ्वी पर 1% से भी कम पानी इंसानों द्वारा यूज किया जाता है। ऐसे में अधिक से अधिक पानी की बचत करें।

पृथ्‍वी जो कि हमारा पोषण करती है, मगर पर्यावरण असंतुलन (Environmental Imbalance) की वजह से इसकी स्थिति दयनीय होती जा रही है। ऐसे में लोग पृथ्वी के प्रति अपने कर्तव्यों को समझें और इसे बेहतर बनाने में योगदान दें इसी उद्देश्‍य (Purpose) के साथ हर साल विश्व पृथ्वी दिवस का आयोजन करके लोगों को जागरूक किया जाता है। इस पृथ्वी दिवस पर भी अपनी धरती को हरा भरा और बेहतर बनाने का संकल्‍प ले सकते हैं और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित कर सकते हैं।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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