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World Governments Summit: पीएम मोदी बोले-लोगों की जिंदगी में सरकार का दखल कम से कम हो...
World Governments Summit: प्रधानमंत्री ने कहा, हम ना केवल सरकारों के साथ उपस्थित चुनौतियों का समाधान करेंगे, बल्कि विश्व-बंधुत्व को भी मजबूती देंगे। एक विश्व-बंधु के रूप में भारत इसी सोच के साथ आगे बढ़ रहा है। अपनी जी-20 प्रेसिडेंसी के दौरान भी हमने इसी भावना को आगे बढ़ाया। हम वन अर्थ, वन फैमिली. वन फ्यूचर इसी भाव से चले।
World Governments Summit: पीएम मोदी ने बुधवार को कहा कि मेरा मानना है कि आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो सबको साथ लेकर चलें। पीएम मोदी ने दुबई में वल्र्ड गवर्नमेंट्स समिट में बोलते हुए कहा कि दुबई जिस तरह से वैश्विक अर्थव्यवस्था, वाणिज्य और प्रौद्योगिकी का वैश्विक केंद्र बन रहा है, वह बहुत बड़ी बात है।
बोले-आज हम 21वीं सदी में
उन्होंने कहा कि आज हम 21वीं सदी में हैं। एक तरफ दुनिया आधुनिकता की ओर बढ़ रही है तो पिछली सदी से चले आ रहीं चुनौतियां भी उतनी ही व्यापक हो रही हैं। खाने की सुरक्षा हो, स्वास्थ्य सुरक्षा हो, पानी की सुरक्षा हो, ऊर्जा की सुरक्षा हो चाहे शिक्षा हो। हर सरकार अपने नागरिकों के प्रति अनेक दायित्वों से बंधी हुई है। आज हर सरकार के सामने सवाल है कि वो किस अप्रोच के साथ आगे बढ़े। मेरा मानना है कि आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो सबको साथ लेकर चलें।
सरकार का न अभाव होना चाहिए और न ही दबाव
पीएम ने कहा, ‘मैं मानता हूं कि सरकार का अभाव भी नहीं होना चाहिए और सरकार का दबाव भी नहीं होना चाहिए। बल्कि मैं तो ये मानता हूं कि लोगों की जिंदगी में सरकार का दखल कम से कम हो, ये सुनिश्चित करना भी सरकार का काम है। इन 23 वर्षों में सरकार में मेरा सबसे बड़ा सिद्धांत रहा है-‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस‘। मैंने हमेशा एक ऐसा वातावरण बनाने पर जोर दिया है जिसमें नागरिकों में उद्यम और ऊर्जा की भावना विकसित हो।‘
पीएम मोदी ने कहा, सबका साथ-सबका विकास‘ के मंत्र पर चलते हुए हम सैचुरेशन की अप्रोच पर बल दे रहे हैं। सैचुरेशन की अप्रोच, यानी सरकार की योजनाओं के लाभ से कोई भी लाभार्थी छूटे नहीं, सरकार खुद उस तक पहुंचे। गवर्नेस के इस मॉडल में भेदभाव और भ्रष्टाचार दोनों की ही गुंजाइश समाप्त हो जाती है।
गवर्नेंस में जन-भावनाओं को प्राथमिकता दी
प्रधानमंत्री ने कहा, हमने गवर्नेंस में जन-भावनाओं को प्राथमिकता दी है। हम देशवासियों की जरूरत के प्रति संवेदनशील हैं। हमने लोगों की जरूरतों और लोगों के सपनों को पूरा करने पर ध्यान दिया है। भारत आज सौर, हवा, जल के साथ-साथ बायोफ्यूल्स, ग्रीन हाइड्रोजन पर भी काम कर रहा है। हमारी संस्कृति हमें सिखाती है कि प्रकृति से जितना हासिल किया है, उसे लौटाने का प्रयास भी करना चाहिए। इसलिए भारत ने विश्व को एक नया मार्ग सुझाया है, जिस पर चलते हुए हम पर्यावरण की बहुत मदद कर सकते हैं। ये मार्ग है- मिशन लाइफ यानि वातावरण के लिए जीना।
भारत इसी सोच के साथ आगे बढ़ रहा है
उन्होंने कहा, ‘हम ना केवल सरकारों के साथ उपस्थित चुनौतियों का समाधान करेंगे, बल्कि विश्व-बंधुत्व को भी मजबूती देंगे। एक विश्व-बंधु के रूप में भारत इसी सोच के साथ आगे बढ़ रहा है। अपनी जी-20 प्रेसिडेंसी के दौरान भी हमने इसी भावना को आगे बढ़ाया। हम वन अर्थ, वन फैमिली. वन फ्यूचर इसी भाव से चले।‘
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी की मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘एक दशक में हम दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए। इसी अवधि में हमारी सौर ऊर्जा क्षमता 26 गुना बढ़ गई, हमारी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता भी दोगुनी हो गई और हमने इस संबंध में अपनी पेरिस प्रतिबद्धताओं को समय सीमा से पहले ही पार कर लिया।‘