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World Liver Day 2023: लिवर की समस्याओं को न करें नजरअंदाज, जीवनशैली में करें बदलाव

World Liver Day 2023: विश्व लिवर दिवस 19 अप्रैल के अवसर पर लोगो को खानपान में बदलाव, सदा भोजन और नियमित व्यायाम का लीवर के लिए महत्व रखता है।

Dhanish Srivastava
Published on: 19 April 2023 9:00 PM IST
World Liver Day 2023: लिवर की समस्याओं को न करें नजरअंदाज, जीवनशैली में करें बदलाव
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विश्व लिवर दिवस 2023 (फ़ोटो: सोशल मीडिया)

Lucknow News: विश्व लिवर दिवस 19 अप्रैल के अवसर पर विशेशज्ञों ने स्वस्थ जीवनशैली का महत्व बताया। जानकारी दी गई कि आजकल लाइफस्टाइल में बदलाव ही लिवर की बीमारियों की मुख्य वजह है। लोग अपने खानपान का ध्यान नहीं रख रहे हैं। फास्टफूड, फ्रोजेन और प्रोसेस्ड फूड का प्रचलन काफी बढ़ गया है। इसके अलावा अत्यधिक मात्रा में शराब पीना लिवर के लिए काफी नुकसानदेह है।

भारत में 30 फीसदी लोग फैटी लिवर से परेशान

विवेकानंद अस्पताल के पूर्व चिकित्सक डॉ. प्रशांत कटियार ने बताया कि आज के दौर में फैटी लिवर की समस्या आम बन गई है। नियमित एक्सरसाइज और वसा युक्त खाने से दूर रहकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। आज भारत में करीब 30 फीसदी लोग फैटी लिवर की समस्या से ग्रस्त हैं। जिसकी मुख्य वजह भागदौड़ भरी जीवनशैली और खानपान पर ध्यान न रखना है।

किसी समस्या का हल नहीं है एल्कोहल

वरिष्ठ गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. प्रशांत कटियार ने न्यूजट्रैक से बातचीत में बताया कि लिवर की समस्याओं की सबसे बड़ी वजह अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन करना है। इससे एल्कोहलिक लिवर डिज़ीज़ की शुरूआत होती है। जो आगे चलकर क्रॉनिक एल्कोहलिक लिवर डिज़ीज़ में तब्दील हो जाती है। इससे लिवर को काफी नुकसान पहुंचता है। मरीज को भूख लगना बंद हो जाती है। हालांकि शराब छोड़ने, सही देखभाल और इलाज से एक स्टेज तक रोगी की हालत में सुधार हो जाता है। बशर्ते वो पूरी तरह से शराब से दूरी बना ले। इसके अलावा लिवर की बीमारियों के काफी गंभीर मामलों में लिवर ट्रांसप्लांट का रास्ता अपनाया जाता है। डॉ. कटियार ने बताया कि आज की लाइफस्टाइल में वाइन कल्चर बढ़ रहा है। आम लोगों में जागरूकता फैलाकर इसपर रोक लगानी चाहिए। इससे लिवर की बीमारियों के मामले में स्वतः गिरावट आ जाएगी।

लिवर की बीमारियां हैं काफी खतरनाक

विश्व लिवर दिवस के अवसर पर डॉ. प्रशांत कटियार ने बताया कि लिवर की गंभीर बीमारियों में हेपटाइटिस बी शामिल है। वैक्सीन के जरिए इससे बचाव किया जाता है। इसके अलावा मेडिकल साइंस में हुई तरक्की से हेपटाइटिस सी का सफल इलाज सामने आ चुका है। इसके मरीजों में सुधार की दर 95 फीसदी तक हो चुकी है। उन्होंने बताया कि लिवर शरीर को पोषण प्रदान करने का काम करता है। शरीर की बहुत सी गतिविधियों को नियंत्रित करता है। ऐसे में लिवर के खराब होने का असर पूरे शरीर पर पड़ता है।

ये हैं लक्षण

आमतौर पर लिवर में आ रही खराबी का शुरूआत में पता नहीं चलता है। बहुत मामूली लक्षण जैसे भूख में कमी, स्किन प्रॉब्लम, नींद न आना, व्यवहार में बदलाव आदि देखे जाते हैं। अगली स्टेज में भूख बिल्कुल न लगना, उल्टियां होना और बुखार रहना जैसे लक्षण सामने आते हैं। लिवर काफी खराब होने पर खून की उल्टियां और बेहोश हो जाने जैसे गंभीर लक्षण सामने आते हैं। हालांकि सही जीवनशैली, सही जांच और इलाज से लिवर की बीमारियों से निजात पाई जा सकती है। लोगों को अपने नियमित हेल्थ चेकअप में लिवर की जांच को जरूर शामिल करना चाहिए।



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Dhanish Srivastava

Dhanish Srivastava

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