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World Malaria Day 2022: मलेरिया रक्त कोशिकाओं, लीवर और फेफड़े को करता है प्रभावित, जानिए इसके लक्षण
World Malaria Day 2022 : मच्छरों के काटने से फैलने वाली बीमारी (mosquito borne disease) मलेरिया पीड़ित मरीज के रक्त कोशिकाओं तथा लीवर और फेफड़े को बुरी तरह से डैमेज कर सकता है।
World Malaria Day 2022 : फीमेल एनाफिलीज मच्छर (Marsh Mosquitoes) के काटने से फैलने वाली मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है। इस जानलेवा बीमारी से बचने के लिए लोगों को 25 अप्रैल के दिन वर्ल्ड मलेरिया डे (World Malaria Day) मनाकर जागरूक किया जाता है। आपको बता दें मच्छरों से पैदा होने वाली जानलेवा बीमारी मलेरिया लीवर और हमारे रक्त कोशिकाओं को बड़े स्तर तक नुकसान पहुंचाते हैं। जब एनाफिलीज मच्छर डंक मारते वक्त खून में पैरासाइट छोड़ देते हैं तो इसका इंफेक्शन लीवर में होने लगता है। साथ ही जब पैरासाइट की कुछ मात्रा खून में सम्मिलित होती है तो वह रक्त कोशिकाओं को खतरनाक स्तर तक नुकसान पहुंचाती है।
कई केस में वक्त पर इलाज और बचाव के उपाय ना किए जाने के कारण मरीज की मौत भी हो जाती है। हालांकि अगर लक्षण दिखने के तुरंत बाद ही चिकित्सक से परामर्श लिया जाए तो मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति कुछ बचाव और दवाइयों के मदद से जल्द ही स्वस्थ हो सकता है। मौजूदा वक्त में मलेरिया के इलाज के लिए कई दवाइयां उपलब्ध है। अब एलोपैथ के अलावा आयुर्वेद के द्वारा भी मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को कुछ दिनों में स्वस्थ किया जा सकता है।
मलेरिया से बचाव
- मलेरिया से बचाव के लिए अपने घर के आस-पास मच्छरों को पनपने से रोकने का उपाय करना चाहिए।
- बारिश का मौसम आने से पहले ही घर के आसपास के सभी नाले नालियों तथा सड़क के गड्ढों को भर देना चाहिए जिससे इन में पानी जमा ना हो सके।
- घर पर तथा घर के आसपास सफाई का विशेष ध्यान दें, पानी को कहीं भी ठहरने ना दें।
- समय-समय पर घर के कोनों में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें।
- घर के अंदर कूलर, एसी तथा घर पर पड़े पुराने टायरों तथा गमलों में पानी इकट्ठा ना होने दें। साथ ही घर के पानी की टंकियों को समय-समय पर साफ करते रहें तथा ढक कर रखें।
- घर में तथा घर के आसपास वातावरण में मौजूद कीटाणुओं को नष्ट करने के लिए अगर, लोबान, तगर जैसे दवाओं को जलाकर धूपन करते रहें।
- मलेरिया से बचने के लिए इंसेक्टिसाइड और पेस्टिसाइड दबाव का छिड़काव कर मच्छरों को खत्म करने से बचें क्योंकि यह दवाएं पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं इसके जगह नीम की पत्ती अथवा सूखी लकड़ियों का इस्तेमाल कर सकते हैं साथ ही नीम के तेल का छिड़काव कर भी पर्यावरण को बचाते हुए मलेरिया के मच्छरों को खत्म किया जा सकता है।
मलेरिया के लक्षण
- फीमेल एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलने वाली बीमारी मलेरिया से पीड़ित मरीज को तेज बुखार चढ़ता है।
- ठंड लगने के साथ-साथ ज्यादा पसीना आना।
- मांस पेशियों में तेज दर्द होना।
- जी मिचलाना पेट दर्द सिर दर्द तथा डायरिया का शिकायत होना।
- शरीर में हमेशा दर्द और ऐंठन का समस्या बना रहना।
मलेरिया का प्रभाव
मच्छरों के काटने से होने वाली यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति की जान भी ले सकती है। सही वक्त पर इलाज ना हो पाने के कारण मरीज की रक्त कोशिकाओं में सूजन हो सकता है। साथ ही लीवर, किडनी जैसे प्रमुख अंग फेल हो सकते हैं। ब्लड शुगर की समस्या भी मरीज को हो सकता है।इसके अलावा फेफड़ों में फ्लूड जमा होने के कारण मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है, जिसे फ्लेमोनरी एडिमा बीमारी कहा जाता है। इसके अलावा मलेरिया मरीज के लाल रक्त कोशिकाओं को डैमेज कर एनीमिया जैसी गंभीर समस्या दे सकता है।