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दुनिया के सबसे महंगे इंजेक्शन ने बचाई मासूम की जान, इस रेयर बीमारी से था पीड़ित

Arthur Morgan नाम के 5 महीने के बच्चे ने दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन लगवाकर Spinal Muscular Atrophy को मात दे दिया है।

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Newstrack NetworkPublished By Shreya
Published on: 2 Jun 2021 1:48 PM IST (Updated on: 2 Jun 2021 2:08 PM IST)
दुनिया के सबसे महंगे इंजेक्शन ने बचाई मासूम की जान, जानें पूरा मामला
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आर्थर मॉर्गन (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Most Expensive Drug In The World: ब्रिटेन से एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां पर एक बच्चे ने दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन लगवाकर मौत को मात दे दी है। 5 महीने का ये बच्चा एक गंभीर बीमारी से पीड़ित था, जिसका नाम स्पाइनल मस्क्युलर एट्रोफी (Spinal Muscular Atrophy) है। इस बीमारी से पीड़ित बच्चे की जिंदगी दो साल में ही खत्म हो जाती है। लेकिन अपने बच्चे को बचाने के लिए उसके माता पिता ने दुनिया के सबसे महंगे इंजेक्शन की व्यवस्था की और उसे आखिरकार बचा लिया।

इस बच्चे का नाम आर्थर मॉर्गन (Arthur Morgan) है। आर्थर स्पाइनल मस्क्युलर एट्रोफी (Spinal Muscular Atrophy) नाम की गंभीर और रेयर बीमारी से पीड़ित था। इस बीमारी में आमतौर पर इंसान को लकवा मार जाता है और 2 साल में ही उसका जीवन समाप्त हो जाता है।

दवा की एक डोज की कीमत है 18 करोड़

इस बीमारी का इलाज तो संभव है, लेकिन उसके लिए एक खास इंजेक्शन की आवश्यकता होती है, जो दुनिया का सबसे मंहगा इंजेक्शन कहा जाता है। इस दवा की एक डोज की कीमत 1.79 मिलियन पाउंड्स यानी भारतीय मुद्रा में करीब 18 करोड़ रुपये है।

इस बीमारी से ठीक होने के लिए जोल्गेंस्मा (Zolgensma) नाम की थेरेपी दी जाती है। जोल्गेंस्मा (Zolgensma) दवा दुनिया की सबसे महंगी दवा है। जोल्गेंस्मा, ऐसी जीन थेरेपी है जिसे हाथ में इंजेक्शन के सहारे दिया जाता है। बीते हफ्ते ही बच्चे को इस दवा की डोज दी गई है। बता दें कि स्पाइनल मस्क्युलर एट्रोफी (SMA) से ठीक होने के लिए इस इंजेक्शन की केवल एक ही डोज काफी होती है।

कैसे पता चला बीमारी के बारे में

आर्थर मॉर्गन (Arthur Morgan) पांच महीने पहले दिसंबर 2020 में पैदा हुआ था। वो एक प्रीमेच्योर बेबी था, ऐसे में बच्चे के माता पिता उसका काफी ज्यादा ख्याल रखा करते थे। कुछ समय से उन्होंने यह नोटिस किया कि बच्चा ठीक से चीजों पर रिएक्ट नहीं कर रहा है, ऐसे में वो उसे डॉक्टर के पास लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने जब जांच की तो पता चला कि आर्थर स्पाइनल मस्क्युलर एट्रोफी (Spinal Muscular Atrophy) नाम की रेयर और गंभीर बीमारी है।

जिसके बाद आर्थर के इलाज के लिए उसे Zolgensma थेरेपी दी गई। जोल्गेंस्मा दवा को स्विट्ज़रलैंड की फर्म नोवारटिस (Novartis Gene Therapies) ने तैयार किया है। एसएमए को ठीक करने के लिए इस दवा की एक डोज ही काफी होती है। दवा लेने के बाद ही बच्चे चलने-फिरने और बैठने में सक्षम हो जाते हैं। यह दुनिया का सबसे महंगा इलाज है।

बच्चे के पैरेंट्स ने ली राहत की सांस

एक वेबसाइट से बातचीत में बच्चे के माता पिता ने बताया कि आर्थर पहला बच्चा है, जिसे जोल्गेंस्मा थेरेपी दी गई है। उन्होंने बताया कि जब उन्हें इस बात का पता चला तो वे काफी परेशान और भावुक थे। कुछ हफ्तों की दिक्कत के बाद अब ऑर्थर ठीक है। ऐसे में बच्चे के माता पिता की खुशी का ठिकाना ही नहीं है।

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