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Purple Epilepsy Day: जागरूकता से कम हो सकती है जटिलता, जानिए मिर्गी दिवस का इतिहास और महत्त्व

Purple Epilepsy Day 2023: मिर्गी रोग को लेकर जागरूकता अभियान चलाने से इस समस्या काफी हद तक दूर किया जासकता है. इसी समस्या को दूर करने के लिए प्रत्येक वर्ष में 26 मार्च को दुनिया भर के देशों में मिर्गी दिवस मनाया जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार विश्व में लगभग 50 मिलियन लोग इस रोग से पीड़ित हैं.

Vertika Sonakia
Published on: 26 March 2023 12:37 PM IST
Purple Epilepsy Day: जागरूकता से कम हो सकती है जटिलता, जानिए मिर्गी दिवस का इतिहास और महत्त्व
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Purple Epilepsy Day 2023(Photo: Social Media)

Purple Epilepsy Day 2023: मिर्गी रोग को लेकर देश में कई गलत अवधारणाएं है. यह रोग विभिन्न प्रकार का होता है और इसके प्रकार के अनुसार ही इसके लक्षण होते है. लोग इसके बारे में भ्रमित रहते हैं और आसानी से परामर्श केलिए डॉक्टर के पास नहीं जाते हैं.

मिर्गी रोग को लेकर जागरूकता अभियान चलाने से इस समस्या काफी हद तक दूर किया जा सकता है. इसी समस्या को दूर करने के लिए प्रत्येक वर्ष में 26 मार्च को दुनिया भर के देशों में मिर्गी दिवस मनायाजाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार विश्व में लगभग 50 मिलियन लोग इस रोग से पीड़ित हैं.

मिर्गी दिवस का इतिहास

मिर्गी दिवस के माध्यम से विश्व में इस रोग के प्रति जागरूकता फैलाना और इस रोग से पीड़ित लोगों को सशक्त बनाने का उद्देश्य है. समाज के लोगों ने मिर्गी रोग के प्रति जाग्रत अवधारणाओँ को दूर करना सबसे महत्वपूर्ण है ताकि मिर्गी रोग से पीड़ित लोग समाज में खुलकर एक सकारात्मक तरीके से रह सकें.

मिर्गी दिवस की थीम

मिर्गी दिवस 2023 की थीम के लिए “कलंक” का चयन किया गया. इस दिवस के माध्यम से समाज में मिर्गी पीड़ित लोगों को एक कलंक की अभिशाप न समझकर उनके प्रति सकारात्मक मानसिकता बनानेकी आवश्यकता है.

मिर्गी बिमारी होने के कारण

  • सिर पर घातक चोट लगना
  • अल्जाइमर रोग
  • ब्रेन ट्यूमर या सिस्ट होना
  • एड्स
  • मेनिन्जाइटिस

मिर्गी के लक्षण

  • अचानक गुस्सा होना
  • चक्कर आना
  • एक ही जगह पर घूमना
  • ब्लैकआउट या मेमोरी लॉस होना
  • कुछ समय के लिए कुछ भी याद नहीं रहना
  • अचानक खड़े खड़े गिर जाना
  • बार बार एक जैसा व्यवहार करना
  • छूने, सूंघने और सुनने की क्षमता में बदलाव आना
  • चेहरे गर्दन और हाथ की मांसपेशियों में लगातार बदलाव आना
  • अचानक से डर जाना और बात करने में असमर्थ होना

इन सबके अलावा मिर्गी के अन्य लक्षण भी हो सकते हैं. मिर्गी के लक्षण उसके प्रकार के आधार पर निर्भर करते हैं.

मिर्गी के खतरे को बढ़ाने वाले कारक

  • बुखार
  • तनाव
  • अधिक दवाओं का सेवन
  • नींद ना आना
  • अत्यधिक कैफीन का सेवन
  • अनुचित या अधिक भोजन करना
  • अत्यधिक शराब का सेवन
  • लंबे समय तक भोजन ना करना
  • ब्लड शुगर में कमी

मिर्गी का इलाज

मिर्गी का इलाज रोगी की उम्र और उसके स्वास्थ्य एवं लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करता है. मिर्गी का इलाज करने के लिए डॉक्टर निम्न उपचार कर सकते हैं-

  • एंटी एलर्जिक दवाएं
  • कीटोजेनिक आहार
  • मस्तिष्क की सर्जरी
  • मिर्गी संबंधित दवाएं

मिर्गी के आरंभिक चरण से इसके लक्षण को भलीभाँति पहचान कर और डॉक्टर के परामर्श से इस रोग को जड़ से ठीक किया जा सकता है |

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