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Train Hijacking Incidents: ट्रेन हाइजैकिंग की घटनाएं कब-कब हुई हैं, आइए जानते हैं घटनाक्रम

Train Hijacking Incidents: न केवल पाकिस्तान बल्कि भारत देश में भी कई बार ट्रेन हाईजैक होने की घटनाएं हुई हैं। आइए जानते हैं प्रमुख ट्रेन हाईजैक घटनाओं के बारे में।

Akshita Pidiha
Published on: 12 March 2025 1:43 PM IST
Train Hijacking Incidents
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Train Hijacking Incidents (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Train Hijacking Incidents: ट्रेन हाइजैकिंग, यानी ट्रेन का अपहरण, एक गंभीर अपराध है जिसमें अपराधी या आतंकवादी समूह ट्रेन को जबरन अपने नियंत्रण में लेकर यात्रियों और चालक दल को बंधक बनाते हैं। दुनिया भर में ऐसी घटनाएं दुर्लभ हैं, लेकिन जब भी हुई हैं, उन्होंने संबंधित देशों की सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं। इस लेख में, हम वैश्विक स्तर पर ट्रेन हाइजैकिंग की प्रमुख घटनाओं का विस्तार से विश्लेषण करेंगे।

पाकिस्तान: जाफर एक्सप्रेस हाइजैक (2025)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

11 मार्च 2025 को, पाकिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को माच के पहाड़ी इलाके में हाईजैक कर लिया। हमलावरों ने ट्रेन पर चारों तरफ से फायरिंग की, जिससे ट्रेन का चालक घायल हो गया और ट्रेन रुक गई। इस घटना में 100 से अधिक यात्रियों को बंधक बनाया गया, जिनमें से कई सुरक्षा कर्मी भी शामिल थे। बीएलए ने दावा किया कि इस ऑपरेशन में उन्होंने छह सुरक्षाकर्मियों को मार गिराया। पाकिस्तानी सेना ने क्षेत्र को घेर लिया और ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन पहाड़ी इलाका होने के कारण यह अभियान चुनौतीपूर्ण साबित हुआ।

बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने हाल ही में पाकिस्तान में ट्रेन हाइजैकिंग की एक बड़ी घटना को अंजाम दिया है। 11 मार्च 2025 को, BLA ने क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को माच के पहाड़ी इलाके में हाईजैक किया। हमलावरों ने ट्रेन पर चारों तरफ से फायरिंग की, जिससे ट्रेन का चालक घायल हो गया और ट्रेन रुक गई। इस घटना में 100 से अधिक यात्रियों को बंधक बनाया गया, जिनमें से कई सुरक्षा कर्मी भी शामिल थे। BLA ने दावा किया कि इस ऑपरेशन में उन्होंने छह सुरक्षाकर्मियों को मार गिराया। पाकिस्तानी सेना ने क्षेत्र को घेर लिया और ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन पहाड़ी इलाका होने के कारण यह अभियान चुनौतीपूर्ण साबित हुआ।

BLA, जिसे पाकिस्तान सरकार एक आतंकवादी संगठन मानती है, बलूचिस्तान की स्वतंत्रता के लिए संघर्षरत है। इस संगठन ने पहले भी पाकिस्तान में सुरक्षा बलों और सरकारी प्रतिष्ठानों पर हमले किए हैं। हालांकि, ट्रेन हाइजैकिंग जैसी घटना दुर्लभ है और यह BLA की रणनीति में एक नए आयाम को दर्शाती है।

इस घटना ने पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं और बलूचिस्तान में बढ़ती अस्थिरता को उजागर किया है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह आवश्यक हो गया है कि वे इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं और क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करें।

भारत: माओवादी हमले (2009)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

22 अक्टूबर 2009 को, माओवादियों ने भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस को झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में हाईजैक कर लिया। लगभग 300-400 माओवादियों ने ट्रेन को रोककर 500 से अधिक यात्रियों को बंधक बना लिया। यह घटना जंगलमहल क्षेत्र में हुई, जो माओवादी गतिविधियों के लिए कुख्यात है। बंधकों को लगभग पांच घंटे बाद रिहा किया गया, और इस दौरान किसी भी यात्री को शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचा।

भारत: जनशताब्दी एक्सप्रेस हाइजैक (2013)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

6 फरवरी 2013 को, मुंबई-हावड़ा मुख्य रेलवे मार्ग पर जनशताब्दी एक्सप्रेस को माओवादियों ने हाईजैक कर लिया। यह घटना सिरसा गेट से कुम्हारी के बीच लगभग 13 किलोमीटर तक हुई। माओवादियों ने ट्रेन को रोककर यात्रियों को बंधक बनाया, लेकिन सुरक्षाबलों की तत्परता के कारण बड़ा हादसा टल गया।

भारत: राजधानी एक्सप्रेस हाइजैक (2009)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

2009 में, माओवादियों ने भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस को झारखंड में हाईजैक कर लिया था। इस घटना में 300-400 माओवादियों ने ट्रेन पर कब्जा कर लिया और सैकड़ों यात्रियों को बंधक बना लिया था। यह घटना जंगलमहल क्षेत्र में हुई थी, जो माओवादी गतिविधियों के लिए जाना जाता है।

ट्रेन हाइजैकिंग पर आधारित फिल्में

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

ट्रेन हाइजैकिंग की घटनाओं ने फिल्म निर्माताओं को भी प्रेरित किया है। 1975 की बॉलीवुड फिल्म "शोले" में गब्बर सिंह और उसके गिरोह द्वारा ट्रेन पर हमला दिखाया गया है। इसके अलावा, 1980 की फिल्म "द बर्निंग ट्रेन" भी ट्रेन हाइजैकिंग पर आधारित है। हॉलीवुड में भी कई फिल्में बनी हैं, जिनमें ट्रेन हाइजैकिंग को कहानी का आधार बनाया गया है।

ट्रेन हाइजैकिंग की घटनाएं दुर्लभ हैं, लेकिन जब भी होती हैं, वे संबंधित देशों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती पेश करती हैं। इन घटनाओं से निपटने के लिए सुरक्षा बलों की तत्परता और रणनीतिक कौशल की परीक्षा होती है। आवश्यक है कि सरकारें और सुरक्षा एजेंसियां ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सतर्क रहें और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

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