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समाचार संगठनों की मदद के लिए यूट्यूब रोकेगी फर्जी खबरें

raghvendra
Published on: 13 July 2018 8:04 AM GMT
समाचार संगठनों की मदद के लिए यूट्यूब रोकेगी फर्जी खबरें
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न्यूयार्क: गूगल की वीडियो प्लेटफॉर्म कंपनी यूट्यूब भ्रामक सूचनाओं पर शिकंजा कसने और समाचार संगठनों की मदद के लिए खबर की सच्चाई परखने के वास्ते कई कदम उठा रही है। कंपनी इन चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए 2.5 करोड़ डॉलर का निवेश भी करेगी। यूट्यूब ने कहा है कि वह समाचार स्त्रोतों को और अधिक ‘विश्वसनीय’ बनाएगी, खासतौर से ब्रेकिंग न्यूज के मामले में एहतियात बरतेगी, जहां गलत सूचनाएं आसानी से फैल सकती हैं। इसी क्रम में यूट्यूब वीडियो सर्च के परिणाम में वीडियो और उससे जुड़ी खबर का एक छोटा-सा विवरण उपयोगकर्ताओं को दिखाना शुरू करेगी। इसी के साथ चेतावनी भी देगी कि ये खबरें बदल सकती हैं। इसका उद्देश्य फर्जी वीडियो पर रोक लगाना है जो कि गोलीबारी, प्राकृतिक आपदा और अन्य प्रमुख घटनाओं के मामले में तेजी से फैल सकती है।

यू-ट्यूब ने कहा कि वह अपने प्लेटफॉर्म पर खबरों में सुधार और भ्रामक सूचनाएं जैसी गंभीर चुनौतियों से निपटने के लिए अगले कुछ वर्षों में 2.5 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी। इसमें दुनिया भर के समाचार संगठनों में ‘टिकाऊ एवं बेहतर वीडियो परिचालन’ स्थापित करने के लिए कर्मचारी प्रशिक्षण और वीडियो प्रोडक्शन सुविधा में सुधार जैसे चीजें शामिल हैं। इसके अलावा कंपनी विकिपीडिया और इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका जैसे सामान्य विश्वसनीय सूत्रों के साथ विवादित वीडियो से निपटने के तरीकों का भी परीक्षण कर रही है।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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