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यूट्यूबर का जलवा : यूरोपीय संसद में चुने गए एमपी

YouTuber Fidias Panayiotou: 24 वर्षीय फिडियास के 2.6 मिलियन सब्सक्राइबर हैं। वह अपने विवादों के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 14 Jun 2024 4:52 AM GMT
YouTuber Fidias Panayiotou
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YouTuber Fidias Panayiotou  (photo: social media )

YouTuber Fidias Panayiotou: यूट्यूबर भी अब किसी फिल्मी सेलेब्रिटीज़ से कम नहीं हैं। जिस तरह से यूट्यूबरों का इन्फ्लूएंस देखा जा रहा है उससे साफ है कि आने वाले समय में वे बाकी सेलेब्रिटीज़ को पीछे छोड़ देंगे।

यूट्यूबरों की लोकप्रियता का अंदाज़ा इसी से लगा लीजिए कि यूरोपीय संघ की संसद के लिए हुए चुनाव में साइप्रस के एक यूट्यूबर चुने गए हैं।

इस यूट्यूबर का नाम है फिडियास पानायियोटौ जो अपने "फिडियास" चैनल पर प्रैंक और विवादित वीडियो बनाने के लिए जाने जाते हैं।

24 वर्षीय फिडियास के 2.6 मिलियन सब्सक्राइबर हैं। वह अपने विवादों के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं। जापानी पुलिस को चकमा देना, एक वीडियो के लिए अफ़्रीकी बच्चों का इस्तेमाल करना जैसे उनके वीडियो की काफी आलोचना भी हुई है।


फिडियास ने साइप्रस गणराज्य से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। उनका कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं था। उन्होंने विज्ञापन पर कोई पैसा खर्च नहीं किया और न ही यूट्यूब पर अपनी राजनीतिक उम्मीदवारी के बारे में कोई वीडियो पोस्ट किया। फिर भी उन्होंने साइप्रस में 19.4 प्रतिशत वोट प्राप्त किए, जो कुल मिलाकर तीसरे स्थान पर रहा। वह यूरोपीय संघ की संसद के लिए चुने गए चार अन्य साइप्रसियों में शामिल हो गए हैं।

अप्रैल में जब उन्होंने अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की थी तब फ़िडियास ने कहा था कि वह यूरोपीय संसद की राजधानी ब्रुसेल्स में "बेवकूफ़ों" को परेशान करना चाहते हैं। लेकिन अब उन्होंने स्वीकार किया है कि उनका लक्ष्य निर्वाचित होना नहीं था, बल्कि युवाओं को राजनीति में आने के लिए प्रेरित करना था।

बहरहाल, अब जबकि वह आधिकारिक रूप से एक राजनीतिज्ञ बन गए हैं, उन्होंने संसद में अपने भविष्य पर चर्चा करने के लिए अपने एक्स अकाउंट का उपयोग करना शुरू कर दिया है।


क्या है संकेत

लोगों ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया है कि साइप्रस ने विवादास्पद यूट्यूबर को संसद सदस्य चुना है। लेकिन कुछ लोगों का तर्क है कि फ़िडियास का चुनाव देश की राजनीतिक पार्टियों की स्थिति के प्रति लोगों की निराशा का संकेत है।

फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि वह संसद में क्या हासिल करने का प्रयास करेंगे। ये भी पता नहीं है कि उनके चुनाव का उनके यूट्यूब अपलोड शेड्यूल पर क्या प्रभाव पड़ेगा।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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