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लॉकडाउन मौत का द्वार: संक्रमितों को मेटल के बक्सों में कर रहा कैद, चीन में रातों-रात खाली हो रहे सैकड़ों घर

China Coronavirus: चीन अपनी जीरो कोविड पॉलिसी (zero covid policy) के तहत अपने ही नागरिकों पर कहर बरपा रहा है। इस बारे में सोशल मीडिया पर वायरल हुए कुछ वीडियो से पता चलता है।

Vidushi Mishra
Written By Vidushi Mishra
Published on: 13 Jan 2022 6:10 AM GMT
lockdown in china
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चीन में लॉकडाउन का कहर (फोटो-ट्विटर)

China Coronavirus: चीन ने कोरोना के बढ़ते मामलों के कहर को देखते हुए तीन शहरों में लॉकडाउन लगा दिया है। जिसकी वजह से चीन की करीब दो करोड़ की आबादी घरों में कैद हो गई है। यहां तक तो फिर भी ठीक है कि कोरोना के प्रकोप को कम करने के लिए लॉकडाउन लगा दिया, लेकिन इसके अलावा चीन अपनी जीरो कोविड पॉलिसी (zero covid policy) के तहत अपने ही नागरिकों पर कहर बरपा रहा है। इस बारे में सोशल मीडिया पर वायरल हुए कुछ वीडियो से पता चलता है। जिसमें लाखों लोगों को जहां पर क्वारंटाइन शिविरों में रखा गया है, वहीं पर ऐसे कई कोरोना संक्रमित मरीज भी हैं, जिन्हें मेटल के बॉक्सों में बंद यानी कैद कर दिया गया है।

दरअसल चीन ने तेजी से बढ़ते कोरोना के खतरे को देखते हुए सख्त से सख्त कदम उठाए हैं। ऐसे में अगले महीन ही चीन विंटर ओलिपिंक की मेजबानी करने वाला है। तो इन हालातों को जल्द से जल्द काबू में करने के लिए चीन लगातार सख्ती बढ़ता जा रहा है।

वायरल हुए चीन के इस वीडियो को देखने पर पता चलता है कि कोरोना के प्रकोप को कम करने के लिए सख्त पाबंदियों के नाम पर कैसे चीन की जनता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इतना बुरा व्यवहार कि किसी ने बुरे सपने में भी नहीं सोचा होगा।

इंसानियत शब्द का चीन में कोई मतलब नहीं होता है। यहां गर्भवती महिलाओं, छोटे मासूम बच्चों और बुजुर्गों को भी मेटल के बॉक्सों में कैद करके रखा जा रहा है। जानकारी के अनुसार, कोरोना संक्रमित होने पर संक्रमितों को इन बॉक्सों में दो हफ्ते के लिए कैद कर दिया जाता है। इसमें लकड़ी के पलंग व टॉयलेट बनाए गए हैं।

चीन में लॉकडाउन नहीं मौत का द्वार

सामने आई रिपोर्ट्स में बताया गया है कि अगर किसी इलाके में एक भी संक्रमित मरीज मिल जाता है तो फिर पूरे इलाके के लोगों को क्वारंटीन कर दिया जाता है। जिसके चलते उन्हें बसों में भर भरकर कैंपों में लाया जाता है। फिर चाहे दिन हो या आधी रात का समय ही क्यों न हो। उन्हें फौरन अपना घर छोड़ कर क्वारंटीन कैंप ले जाया जाता है।

ऐसे में चीन में कोरोना संक्रमितों व उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाने की भी अच्छी खासी नीति है। जिससे हर व्यक्ति को 'ट्रैक एंड ट्रेस' एप्स के जरिए अपने मोबाइल से जानकारी एकत्र कर सकता है। इसलिए इसे रखना भी चीन की जनता के लिए बेहद जरूरी है।

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीचे चीन के तियानजिन शहर में ओमिक्रॉन का कहर भी लगातार जारी है। ऐसे में वहां पर लॉकडाउन लगने के डर से लोग घबड़ा गए हैं और लॉकडाउन लगने से पहले ही खाने-पीने का सामान खरीदने की होड़ में जुट गए हैं।

चीन मे पाबंदियों का कहर इस हद तक है कि बीते दिनों एक गर्भवती महिला का हॉस्पिटल तक जाने नहीं दिया गया और महिला का गर्भपात हो गया। चीन में अब लॉकडाउन का मतलब मौत का द्वार है। यहां लोग लॉकडाउन को लेकर बहस पर अड़े हुए हैं। लेकिन चीन अपने कहर से बाज नहीं आ रहा है।


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