Assam Flood: जलमग्न हुआ असम, 30 जिलों में 29 लाख से अधिक लोग प्रभावित

Assam Flood: हर साल प्रकृति की मार बाढ़ के रूप में सहने वाले असम (flood in assam) में इस साल हालात भयावह है। राज्य के कुल 35 में से 30 जिले बुरी तरह बाढ़ से प्रभावित हैं।

Update:2022-07-02 20:51 IST

असम में बाढ़: photo - social media

Guwahati: हर साल प्रकृति की मार बाढ़ के रूप में सहने वाले असम (flood in assam) में इस साल हालात भयावह है। राज्य के कुल 35 में से 30 जिले बुरी तरह बाढ़ से प्रभावित हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक, करीब 29 लाख से अधिक लोग इस आपदा से प्रभावित हैं। प्राधिकरण ने अपने रेगुलर बुलेटिन में बताया कि बीते 24 घंटे में 14 लोगों की मौत बाढ़ के कारण हुई है, इनमें 6 बच्चे भी शामिल हैं। इसी के साथ बाढ़ में जान गंवाने वाले लोगों की तादाद बढ़कर 173 हो गई है।

सड़क बना बेघरों का ठिकाना

इस प्राकृतिक आपदा (natural calamity) ने लाखों लोगों को अपने घरों से बेघर कर दिया है। गांव, खेत-खलियान सभी जलमग्न हो चुके हैं। खेतों और तालाबों में कोई अंतर नहीं रह गया है। इस प्रलयकारी बाढ़ में लोगों के आशियाने तक बह गए। सबसे बड़ी मुश्किल किसानों के समक्ष खड़ी हो गई है। उनके खेती बर्बाद तो हो ही गई, अब उनके सामने मवेशियों को सुरक्षित जगहों पर रखने की चुनौती है। हालत ये है कि इंसान और जानवर सभी का ठिकाना एक जगह हो गया है।


गांव के गांव पानी विलीन (Village water merges) होने के बाद लोगों ने इलाके के ऊंचे सड़कों पर अपना अस्थायी ठिकाना बना लिया है। असम के मध्य में स्थित मोरीगांव एक ऐसा ही जिला जहां दो माह के भीतर दूसरी बार भीषण बाढ़ आई है। इस इलाके के लोग बीते एक माह से सड़क पर बने अस्थायी ठिकाने में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। एएसडीएमए की रिपोर्ट के मुताबिक, मोरीगांव जिले में करीब 1 लाख 70 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

भूस्खलन का खतरा बढ़ा

बाढ़ के साथ –साथ भूस्खलन का खतरा भी बढ़ गया है। अब तक कई लोग लैंडस्लाइड के कारण हादसे का शिकार हो चुके हैं। ब्रह्मपुत्र नदी जिसे असम का शोक भी कहा जाता है बेकी, कोपिली, बराक और कुशियारा समेत कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा: photo - social media

15 अगस्त तक मुआवजे का वितरण

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा (Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने कहा कि हर जिले में नुकसान का आकलन करने के लिए 15 जुलाई की समयसीमा तय की गई है। जिसके बाद 20 जुलाई तक जिले के संरक्षक मंत्री और सचिव इसपर मुहर लगाएंगे। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त तक बाढ़ प्रभावितों के बीच मुआवजे का वितरण कर दिया जाएगा।

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