Assam floods: बारिश से तबाह हुई असम में ट्रेन सेवा, अब जुलाई तक यात्रियों को करना पड़ेगा इंतजार
Assam floods: बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित असम की बराक घाटी, त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर के कुछ हिस्सों के लिए रेल संपर्क 10 जुलाई तक बहाल हो जाने की उम्मीद है।
Assam: बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित असम की बराक घाटी, त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर के कुछ हिस्सों के लिए रेल संपर्क 10 जुलाई तक बहाल हो जाने की उम्मीद है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के तहत दीमा हसाओ जिले (Dima Hasao) में पहाड़ी खंड में 58 बिंदुओं पर रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त(Railway tracks damaged) हो गए हैं और 15 मई से संपर्क टूट गया है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात के बाद एक ट्वीट में मुख्यमंत्री हेमंत सरमा (Chief Minister Hemant Sarma) ने कहा कि रेल मंत्रालय ने दीमा हसाओ जिले में रेलवे नेटवर्क की बहाली के लिए 180 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं और काम 10 जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा।
सरमा एके अनुसार, महत्वपूर्ण रेल लिंक के क्षतिग्रस्त हिस्सों(Railway tracks damaged) की मरम्मत न केवल असम के बराक और ब्रह्मपुत्र घाटियों के बीच संपर्क बहाल करेगी बल्कि त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर के कुछ हिस्सों को देश के बाकी हिस्सों से भी जोड़ेगी।
असम का एकलौता हिल स्टेशन
अधिकारियों ने कहा है कि भूस्खलन और बाढ़ ने असम के एकमात्र हिल स्टेशन हाफलोंग और सुरम्य पर्यटन स्थल दीमा हसाओ में विनाश का गहरा निशान छोड़ दिया है। अधिकारी अनिश्चित हैं कि तबाही की भयावहता को देखते हुए, दीमा हसाओ अपनी खोई हुई चमक वापस हासिल कर भी पायेगा कि नहीं।
अगले कुछ हफ्तों में सड़क संपर्क बहाल होने की संभावना है, लेकिन दीमा हसाओ, बराक घाटी, त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली ट्रेनों की आवाजाही जुलाई से शुरू होने की उम्मीद है।
एनएफ रेलवे के अनुसार, मरम्मत का कार्य जोरों पर चल रहा है। हमने 30 जून तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पूरी बहाली में एक सप्ताह से अधिक समय लगेगा।
62 फीसदी ज्यादा बारिश
भारतीय मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, असम में मार्च से मई के बीच सामान्य से 62 फीसदी ज्यादा बारिश हुई - औसत 414.6 मिलीमीटर के बजाय 672.1 मिलीमीटर। यह 10 साल में सबसे ज्यादा है। राज्य में इसी अवधि के दौरान क्रमशः 2021 और 2020 में 41 फीसदी और 10 फीसदी कम वर्षा देखी गई थी। बंगाल की खाड़ी से नमी, स्थानीय मौसम संबंधी कारकों के साथ मिलकर भारी बारिश हुई है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, साल के इस समय असमान्य रूप से बाढ़ और भूस्खलन हुआ है और जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाले दिनों में निश्चित रूप से इस तरह के चरम मौसम की घटनाओं का सामना करेंगे। पर्यावरणविद् कहते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में वनों की कटाई, निर्माण गतिविधियों और पहाड़ी काटने जैसे कई कारकों के साथ उच्च तीव्रता वाली वर्षा ने समग्र स्थिति को और खराब कर दिया है।
मिसाल के तौर पर दीमा हसाओ जिले में, पहाड़ी के बड़े हिस्से को काट दिया गया और बारिश में रेलवे लाइनें बह गईं। दीमा हसाओ जिले में कोपिली नदी पर बांध भी है। इस साल की शुरुआत में ही बांध पर आपदा आ चुकी थी। मार्च में, राज्य द्वारा संचालित नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन के तीन कर्मचारी बेमौसम बारिश के बाद बाढ़ वाली सुरंग के फाटकों को बंद करने की कोशिश में मारे गए थे।
होजई और नगांव जिलों के निवासियों का कहना है कि बाढ़ हर साल बदतर होती जा रही है। लोगों का कहना है कि यह उनके जीवन में सबसे बड़ी बाढ़ है। अभी मानसून भी नहीं है लेकिन 2004 की बाढ़ की तुलना में इस बार बाढ़ कई गुना घातक है।
एक स्थानीय एनजीओ ब्लू हिल्स सोसाइटी ने कहा कि कभी उग्रवाद के लिए बदनाम दीमा हसाओ ने अभी विकास की अपनी यात्रा शुरू की थी, लेकिन प्राकृतिक आपदा ने अब जिले को 50 साल पीछे धकेल दिया है। नई ब्रॉड गेज कनेक्टिविटी और राजमार्ग ने पर्यटन और राजस्व के मामले में दीमा हसाओ के लिए कुछ आशा जगाई थी। लेकिन, भारी बारिश और भूस्खलन ने जिले को 50 साल पीछे धकेल दिया गया है।