हिमंता बिस्वा सरमा का असम का CM बनना तय, सोनोवाल ने दिया इस्तीफा
असम से बड़ी खबर आ रही है। तेज घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस्तीफा दे दिया है।
नई दिल्ली: असम में तेज घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस्तीफा दे दिया है। अब विधायक दल की बैठक में हिमंता बिस्वा सरमा के नाम की घोषणा की औपचारिकता बाकी रह गई है। हिमंता बिस्वा सरमा शाम 4 बजे राज्यपाल से मिलने वाले हैं।
ताजा जानकारी मिल रही है कि विधायक दल की बैठक में सर्बानंद सोनोवाल ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा जिसे बीजेपी विधायक दल की बैठक में मंजूर कर लिया गया है।
शर्मा असमी ब्राह्मण हैं और पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन के संयोजक रहे हैं। वह 2015 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे। लेकिन भाजपा ने 2016 का चुनाव सर्बानंद सोनोवाल को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर लड़ा था। इसलिए मुख्यमंत्री सोनोवाल बने।
हिमंता बिस्वा सरमा का जन्म 1 फरवरी 1969 को गुवाहाटी की गांधी बस्ती, उलूबरी में हुआ था। उनके पिता का नाम कैलाश नाथ शर्मा है,जिनका स्वर्गवास हो चुका है। मां मृणालिनी देवी हैं। जबकि उनकी शादी रिनिकी भुयान से हुई है। उनके दो बच्चे हैं।
करियर
सरमा ने कामरूप में अकादमी स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की। 1985 में आगे की पढ़ाई के लिए कॉटन कॉलेज गुवाहाटी में दाखिला लिया। 1990 में ग्रेजुएशन और 1992 में पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन किया।
1991-1992 में कॉटन कॉलेज गुवाहाटी के जनरल सेक्रेटरी रहे। सरकारी लॉ कॉलेज से एलएलबी किया और गुवाहाटी कॉलेज से पीएचडी की डिग्री ली। साल 1996 से 2001 तक सरमा ने गुवाहाटी हाई कोर्ट में लॉ की प्रैक्टिस की।
किताबें पढ़ना और यात्राएं करना शर्मा को बहुत पसंद है। खेलों में भी रुचि रखते हैं। वह असम हॉकी एसोशिएसन, असम बैडमिंटन एसोशिएसन के प्रेसिडेंट और असम क्रिकेट असोशिएसन के वाइस प्रेसिडेंट रहे हैं।
2001 से सरमा के रानीतिकत करियर की शुरूआत हुई। वह तीन बार असम के एमएलए रहे। 2001 में असम के जालुकबरी से पहली बार जीते। इसके बाद 2006 में दूसरी और 2011 में तीसरी बार निर्वाचित हुए।
हिमंता बिस्वा सरमा असम सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। कांग्रेस से इस्तीफा देने के लगभग एक साल बाद 2015 में अमित शाह के घर पर शर्मा भाजपा में शामिल हुए।. 2016 में होने वाले चुनाव के लिए उन्हें पार्टी का संयोजक बनाया गया।