Assam: सुरक्षा बलों और उल्फा-आई के उग्रवादियों के बीच मुठभेड़, 1 नागरिक जख्मी
Assam: असम के उग्रवाद प्रभावित तिनसुकिया जिले में सुरक्षाबलों और प्रतिबंधित संगठन उल्फा-आई के उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई है। सुबह से दोनों पक्षों के बीच एनकाउंटर जारी है।
Assam: असम के उग्रवाद प्रभावित तिनसुकिया जिले में (Encounter in Tinsukia district) सुरक्षाबलों और प्रतिबंधित संगठन उल्फा-आई के उग्रवादियों (extremists) के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई है। बुधवार सुबह से दोनों पक्षों के बीच एनकाउंटर जारी है। दोनों तरफ से कई राउंड फायरिंग हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फायरिंग के जद में आने से एक स्थानीय व्यक्ति जख्मी हो गया है। जिसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में एडमिट कराया गया है। मौके पर असम पुलिस और सेना के अतिरिक्त जवान पहुंच चुके हैं। पूरे इलाके को सील कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि सुरक्षाकर्मियों को इलाके में प्रतिबंधित संगठन के उग्रवादियों के मुवमेंट की जानकारी मिले थी। जिसके बाद जवानों ने एरिया को सील कर सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इसी दौरान उग्रवादियों ने जवानों पर फायरिंग कर दी। जिसका सुरक्षाबलों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। अभी तक किसी उग्रवादी के मारे जाने या गिरफ्तार होने की खबर सामने नहीं आई है। वही, असम पुलिस को भी किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा है।
मणिपुर में असम रायफल्स की बड़ी कामयाबी
इससे पहले मंगलवार को असम रायफल्स के जवानों ने मणिपुर की राजधानी इंफाल में विद्रोही संगठनों की बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया। असम रायफल्स ने इंफाल घाटी में प्रतिबंधित संगठन आरपीएफ/पीएलए के दो विद्रोहियों को गिरफ्तार कर लिया था। उग्रवादियों के पास से 5 ग्रेनेड, 3 पिस्तौल, 3 आईईडी और 3 डेटोनेटर जब्त किए गए थे।
शांति भंग करने की साजिश
हथियारों के जखीरे से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। अधिकारियों के मुताबिक, जांच के दौरान पकड़े गए उग्रवादियों ने गैर-मणिपुरी स्थानीय लोगों और सुरक्षाबलों को निशाना बनाने और त्योहारी सीजन में इंफाल घाटी में शांति भंग करने की साजिश को कबूल किया है।
बता दें कि इस साल जुलाई में सुरक्षाबलों ने तिनसुकिया जिले में एक कार्रवाई के दौरान प्रतिबंधित संगठन उल्फा-आई के एक उग्रवादी को मार गिराया था। मारे गए उग्रवादी की पहचान ज्ञान असोम के रूप में हुई थी। असम का तिनसुकिया जिले विद्रोही संगठनों की गतिविधियों के लिहाज काफी संवेदनशील माना जाता है।