Madrasa Demolished In Assam: असम में अब स्थानीय लोगों ने मदरसा ढहाया
Madrasa Demolished In Assam: असम में अब स्थानीय लोगों द्वारा एक मदरसा ढहाया दिया गया। मदरसा ढहाने की ये चौथी घटना है। इसके पहले तीन मदरसे प्रशासन द्वारा ढहाए जा चुके हैं।
Madrasa Demolished In Assam: असम में अब स्थानीय लोगों द्वारा एक मदरसा ढहाया दिया गया। मदरसा ढहाने की ये चौथी घटना है। इसके पहले तीन मदरसे प्रशासन द्वारा ढहाए जा चुके हैं। ताजी घटना असम के गोलपारा जिले के मटिया पुलिस थाने (Matia Police Station) के पखिउरा चार गांव की है। यहां स्थानीय निवासियों ने आज एक मदरसे को 'राष्ट्र विरोधी' और 'जिहादी' गतिविधियों के लिए कथित तौर पर इस्तेमाल करने के आरोप में ध्वस्त कर दिया। मदरसे से जुड़े एक मौलवी को कथित राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के कुछ दिनों बाद यह कदम उठाया गया है।
4 अगस्त को सरकारी अधिकारियों द्वारा किया ध्वस्त
इसके पहले, मोरीगांव जिले के मोइराबारी में जमीउल हुडा मदरसा 4 अगस्त को सरकारी अधिकारियों द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था। फिर 29 अगस्त को अधिकारियों ने बारपेटा जिले के होवली में जमीउल हुडा अकादमी मदरसा को गिरा दिया, जबकि 31 अगस्त को बोंगाईगांव जिले में मरकजुल मा-आरिफ क्वारियाना मदरसा को ध्वस्त कर दिया गया।
भारत विरोधी और 'जिहादी' गतिविधियों को लेकर आंदोलित थे: SP
इंडियनएक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, गोलपारा के पुलिस अधीक्षक वी वी राकेश रेड्डी ने कहा कि - "दरोगर अलगा पखिउरा चार" मदरसे से जुड़े एक मौलवी जलालुद्दीन शेख (49) को 'जिहादी' गतिविधियों में उनकी भूमिका के लिए 20 अगस्त को गिरफ्तार किये जाने के बाद से इस क्षेत्र के निवासी भारत विरोधी और 'जिहादी' गतिविधियों को लेकर आंदोलित थे। रेड्डी ने कहा कि "भारतीय उपमहाद्वीप में अल कायदा" संगठन और अंसारुल बांग्ला टीम के दो सदस्यों को "पश्चिम बंगाल के जानकार शिक्षकों" के रूप में स्थानीय लोगों से मिलवाया गया था। ये दोनों लोग 2020 और 2022 के बीच मदरसे में पढ़ाते थे। बाद में लोगों को पता चला कि वे दोनों अमीनुल इस्लाम उर्फ उस्मान और जहांगीर आलम, जिहादी गतिविधियों में शामिल थे। दोनों इसके बाद फरार हो गए।
मदरसे का इस्तेमाल जिहादी गतिविधियों को लेकर लोगों में आक्रोश: रेड्डी
रेड्डी ने कहा कि स्थानीय लोगों में इस बात से बहुत आक्रोश पैदा हो गया कि उनके गांव और मदरसे का इस्तेमाल जिहादी गतिविधियों के लिए किया जाता था और उन्हें इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी। मदरसे को तोड़ा जाना जनता का एक कड़ा संदेश है कि वे राष्ट्र विरोधी तत्वों के खिलाफ हैं और वे इस तरह की गतिविधियों में शामिल नहीं होना चाहते हैं।
एसपी ने बताया कि "एक्यूआईएस" के गोलपारा मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के बाद, हमें सुराग मिले कि बारपेटा, मोरीगांव और गोलपारा मॉड्यूल के बीच संबंध थे। मदरसों में इसी तरह की प्रशिक्षण गतिविधियाँ होती थीं और इनमें एक कॉमन बांग्लादेशी संपर्क था जिसने लोगों को प्रेरित करने और विभिन्न समय पर ठिकाने स्थापित करने का काम किया।