नवरात्रि 2020: सप्तशती के इस अध्याय का करें पाठ,मिलेगी खूबसूरत पत्नी, रहेंगे खुशहाल

ब्रह्म मुहूर्त  में उठे और नित्य प्रति के कार्यों से निवृत्त होकर उस स्थान पर बैठ जाए, जहां आपने देवी की चौकी अपने घर में लगाई है। दुर्गा सप्तशती के प्रथम मंत्रों का उच्चारण करें।

Update: 2020-10-16 02:24 GMT
देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए  नवरात्रि में बहुत उपाय किए जाते हैं और मनोवांछित फल पाते हैं।

जयपुर: कल शनिवार 17 अक्टूबर से नवरात्रि शुरू हो रही है। कलश स्थापना के साथ कल से देवी की आराधना शुरु हो जाएगी।माता रानी अपने भक्तों की हर इच्छा पूरी करती है। इस बार भी लोग आदिशक्ति की पूजा कर मां का आशीर्वाद पाएंगे। वैसे तो देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि में बहुत उपाय किए जाते हैं और मनोवांछित फल पाते हैं।

अगर आप आप शादी योग्य है और जीवनसंगिनी की तलाश है तो जानिए कौन सा उपाय करने से सुंदर स्त्री प्राप्त करने के साथ ही धन की प्राप्ति कर सकते हैं। दुर्गा सप्तशती का चौथा अध्याय उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जिनकी शादी नहीं हो रही है अथवा जो लोग गरीबी से जूझ रहे हैं।

 

अतुल प्रभाव और बलशाली देवी

नौ रात्रि में जब दुर्गा देवी की उपासना के साथ उनके महात्मय का वर्णन भी सप्तशति पाठ के माध्यम से करते हैं। दुर्गा सप्तशती के चौथे अध्याय में बताया गया कि महाअसुर महिषासुर का वध करने के बाद समस्त देवता अपना सिर तथा शरीर झुकाकर भगवती की स्तुति करने लगते हैं और भक्तिपूर्वक देवी को नमस्कार करते हैं। वंदना करते हैं कि हे अंबिका आप सब का कल्याण करें। अतुल प्रभाव और बलशाली देवी जगत का पालन करें तथा अशुभ भय का नाश करें। इस अध्याय में देवी को देवता विभिन्न नामों से पुकारते हैं।

 

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देवी की आराधना और स्तुति

 

दुर्गा सप्तशती के चौथे अध्याय में जिस प्रकार देवता-देवी की अराधना और स्तुति करते हैं, उसी प्रकार मानव को भी देवी की आराधना और प्रार्थना करनी चाहिए। दुर्गा सप्तशती के इस अध्याय का पाठ करने से धन की प्राप्ति होती है। जिन लोगों की शादी नहीं हो रही है, उन लोगों को सुंदर स्त्री की प्राप्ति होती है और माता की भक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए इस अध्याय को दरिद्रानाशक भी कहा गया है।

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ब्रह्म मुहूर्रत में उठे

 

इसके लिए जरूरी है कि आप ब्रह्म मुहूर्त में उठे और नित्य प्रति के कार्यों से निवृत्त होकर उस स्थान पर बैठ जाए, जहां आपने देवी की चौकी अपने घर में लगाई है। दुर्गा सप्तशती के प्रथम मंत्रों का उच्चारण करने और देवी की स्तुति करने के बाद चौथे अध्याय का पाठ आरंभ करें। पाठ की समाप्ति पर आरती करना न भूलें और मां को भोग अर्पित कर क्षमा याचना करें। अपनी समस्या को मां के श्रीचरणों में रखे, फिर देखिए कुछ ही दिनों में आपकी धन और स्त्री संबंधी समस्याओं का समाधान कैसे होता है? तो इस बार आपको भी है साथी की तलाश तो जरूर करें ये उपाय।

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