आज से शुरू हो गया भाद्रपद माह, जानिए भादो मास की महिमा, व्रत त्योहार और किस्मत चमकाने वाले नियम

BhadraMaah Ke Niyam:आज से भादो मास शुरु हो गया है। इस में राधा कृष्ण की भक्ति के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। जानते इस सर्वोत्तम मास के नियम और व्रत त्योहार

Update:2024-08-20 12:11 IST

BhadraMaah Ke Niyam :आज यानि 20 अगस्त से भादों का महिना शुरु हो गया है। जो 19 सिंतबर तक रहेगा। धार्मिक मतानुसार इस मास की महिमा अपरंपार है।भाद्र, भद्र से बना है जिसका अर्थ है अच्छा व सभ्य।जो भी नियम से इस माह स्नान ,दान व व्रत करता है, उस पर ईश्वर की कृपा बनी रहती है। हिंदू पंचांग के अनुसार छठा महिना जो सावन के बाद आता है उसे भादों यानि भाद्रपद कहते हैँ। इस माह में हरितालिका तीज, कृष्‍ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, ऋषि पंचमी, राधा अष्टमी और अनंत चतुर्दशी का त्योहार मनाते हैं। इसके बाद 15 दिन का पितृपक्ष प्रारंभ हो जाता है।

भाद्रपद माह में क्या न करें 

भाद्रपद में लहसुन, प्याज, शहद, गुड, दही-भात, मूली, बैंगन, कच्ची चीजें, मांस और मछली सहित किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। तैलीय एवं अधिक मसालेदार चीजें खाने से बचना चाहिए।

 शरीर की शुद्धि और पवित्रता के लिए एक वक्त का भोजन ही करना चाहिए।

 इस माह में सभी तरह की सुख सुविधाओं का त्याग कर देना चाहिए और पलंग पर सोना भी छोड़ देना चाहिए। जमीन पर चटाई बिछाकर उस पर सोना चाहिए।

असत्य वचन बोलना, कड़वे वचन कहना, विश्वासघात करना, ईष्या करान, क्रोध करना यह सभी त्याग देना चाहिए।

 किसी भी तरह के मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए।

इस माह नारियल का तेल नहीं इस्तेमाल करना चाहिए। इससे संतान सुख में कमी आती है।

भाद्रपद के महीने में नशीले पदार्थों तंबाकू, गुटखा, सिगरेट व शराब आदि का सेवन करने से बचें।

 इस समय शारीरिक संबंधों से बचना चाहिए।

भाद्रपद माह में क्या करें 

 इस महा में भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण, गणेशजी, माता पार्वती और शिवजी का ध्यान करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।

भादों के महीने में पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। आलस्य दूर करने के लिए इस महीने शीतल जल से स्नान करना चाहिए।

भादों के महीने में गरीबों को दान देना चाहिए।

 श्रीकृष्ण को तुलसी दल अर्पित करना और इसे दूध में उबालकर पीना लाभदायक माना गया है।

 इस माह में मक्खन खाने से उम्र बढ़ती है।

शारीरिक बल प्राप्त करने के लिए भाद्र मास में पंचगव्य अर्थात दूध, दही, घी गोमूत्र, गोबर का प्रयोग करें।

भाद्रमास का महत्व

भाद्र माह में दही न खाएं, लेकिन दही से पूरे मास भगवान कृष्ण को पंचामृत से स्नान कराने से मनोकामना पूरी होती हैं।जिन लोगों को संतान सुख नहीं है , उन लोगों को इस माह या तो कृष्ण का जन्म कराना चाहिए या कृष्ण जी के जन्मोत्सव में शामिल ना चाहिए। इस महीने आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए श्रीमदभगवदगीता का पाठ शुभ परिणाम देता है। इस महीने में लड्डू गोपाल और शंख की स्थापना से घर में धन और सम्पन्नता आती है।

विद्या, बुद्धि और ज्ञान के लिए इस माह श्री गणेश की उपासना करें। पीले रंग के भगवान् गणेश की स्थापना करें। हर दिन उनको दूर्वा और मोदक का भोग लगायें। पूरे माह ब्रह्मचर्य का पालन करें। हर प्रकार की बाधा का नाश होगा।

पूरे मास भगवान श्रीकृष्ण को तुलसी दल अर्पित करें। इस माह आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए श्रीमद्भगवदगीता का पाठ करना चाहिए। मन को शुद्ध करने के लिए यह माह बेहद उपयोगी है। इस माह पलंग पर शयन नहीं करना चाहिए। जमीन पर चटाई बिछाकर शयन करना चाहिए। इस माह किसी से झूठ न बोलें। इस माह तेल से बनी चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए। इस माह एक समय भोजन करना चाहिए।

इस मास कई त्योहार आते हैं। संतान सुख की प्राप्ति के लिए कान्हा के जन्मोत्सव में शामिल होना चाहिए। कृष्ण पक्ष द्वादशी को वत्स द्वादशी कहते है। इसमें गाय-बछड़े का पूजन किया जाता है। यह पर्व बच्चों की सुख-शांति से जुड़ा है। इस मास के शुक्ल पक्ष, एकादशी को देवझूलनी एकादशी मनाते है। इस व्रत में भगवान विष्णु की उपासना का विधान है। इस माह गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए और न ही किसी अन्य व्यक्ति के दिए हुए पके चावल खाने चाहिए।नारियल के तेल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। नहीं तो घर में दरिद्रता आती हैं।

भाद्रपद माह के प्रमुख व्रत त्योहार

कजरी तीज, हेरंब संकष्टी चतुर्थी- 22 अगस्त 2024

बलराम जयंती- 24 अगस्त 2024

भानु सप्तमी- 25 अगस्त 2024

कृष्ण जन्माष्टमी- 26 अगस्त 2024

दही हांडी- 27 अगस्त 2024

अजा एकादशी- 29 अगस्त 2024

प्रदोष व्रत- 31 अगस्त 2024

भाद्रपद अमावस्या - 2 सितंबर 2024

हरतालिका तीज, वराह जयंती- 6 सितंबर 2024

गणेश चतुर्थी- 7 सितंबर 2024

ऋषि पंचमी- 8 सितंबर 2024

ललिता सप्तमी- 10 सितंबर 2024

महालक्ष्मी व्रत आरंभ, राधा अष्टमी- 11 सितंबर 2024

परिवर्तिनी एकादशी- 14 सितंबर 2024

प्रदोष व्रत, वामन जयंती- 15 सितंबर 2024

विश्वकर्मा पूजा, कन्या संक्रांति- 16 सितंबर 2024

अनंत चतुर्दशी, पूर्णिमा श्राद्ध, गणेश विसर्जन, - 17 सितंबर 2024 मंगलवार

पितृ पक्ष प्रारंभ, आंशिक चंद्र ग्रहण- 18 सितंबर 2024 बुधवार

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