Chaitra Navratri Niyam: जानिए नवरात्रि के उपाय, मां दुर्गा की बरसेगी आप पर कृपा, इस शुभ मुहूर्त में करें कलश स्थापना

Chaitra Navratri Niyam: चैत्र नवरात्रि के नियम, चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापान से लेकर 9 दिन तक क्या क्या करें की मां दुर्गा की कृपा बरसती रहेगी, जानने के लिये यहां देखें

Update:2023-03-21 23:13 IST
Chaitra Navratri Niyam: सांकेतिक तस्वीर,सौ. से सोशल मीडिया

Chaitra Navratri Niyam: चैत्र नवरात्रि के नियम, चैत्र नवरात्रि 22 मार्च 2023 से शुरू हो रही है और 30 मार्च को रामनवमी के साथ सामप्त हो रही है। इस बार नवरात्रि पंचक काल के दौरान शुरू हो रही है, लेकिन इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बनने के कारण ह नवरात्रि साधक के मनवांछित फलों को देने वाली है। माता रानी इस बार नौका पर सवार होकर आ रही है जो शुभ संकेत है।

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त (Navratri Kalash Sthapana Shubh Muhurat)

22 मार्च से हो रही चैत्र नवरात्रि और और 30 मार्च 2023, दिन वार को नवरात्रि का समापन होगा। इन दिनों में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाएगी। 2023 में चैत्र नवरात्रि का आरंभ 22 मार्च से होगा। पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 मार्च 2023 की रात 10 .52 मिनट से शुरू होगी और 22 मार्च 2023 की रात 8 .20 मिनट पर समाप्‍त होगी। उदया तिथि के अनुसार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च 2023 से होगी। इस दिन घटस्‍थापना का शुभ मुहूर्त केवल 1 घंटा 10 मिनट का रहेगा। घटस्‍थापना का शुभ मुहूर्त 22 मार्च की सुबह 06:29 बजे से सुबह 07:39 बजे तक रहेगा।

चैत्र नवरात्रि के नौ दिन कब कब किस स्वरूप की पूजा है..

चैत्र नवरात्रि प्रथम दिन (22 मार्च 2023) - प्रतिपदा तिथि, मां शैलपुत्री पूजा, घटस्थापना

चैत्र नवरात्रि दूसरा दिन (23 मार्च 2023) - द्वितीया तिथि, मां ब्रह्मचारिणी पूजा

चैत्र नवरात्रि तीसरा दिन (24 मार्च 2023) - तृतीया तिथि, मां चंद्रघण्टा पूजा

चैत्र नवरात्रि चौथा दिन (25 मार्च 2023) - चतुर्थी तिथि, मां कुष्माण्डा पूजा

चैत्र नवरात्रि पांचवां दिन (26 मार्च 2023) - पंचमी तिथि, मां स्कंदमाता पूजा

चैत्र नवरात्रि छठा दिन (27 मार्च 2023) - षष्ठी तिथि, मां कात्यायनी पूजा

चैत्र नवरात्रि सातवां दिन (28 मार्च 2023) - सप्तमी तिथि, मां कालरात्री पूजा

चैत्र नवरात्रि आठवां दिन (29 मार्च 2023) - अष्टमी तिथि, मां महागौरी पूजा, महाष्टमी

चैत्र नवरात्रि नवां दिन (30 मार्च 2023) - नवमी तिथि, मां सिद्धीदात्री पूजा, दुर्गा महानवमी

नवरात्रि में घट स्थापना की पूरी विधि

घट स्थापना के लिये घर के ईशान कोण, यानी उत्तर-पूर्व दिशा का चुनाव करना चाहिए। इसके लिये सबसे पहले घर के उत्तर-पूर्वी हिस्से की अच्छे से साफ-सफाई करके, वहां पर जल से छिड़काव करें और जमीन पर साफ मिट्टी या बालू बिछाएँ। फिर उस साफ मिट्टी या बालू पर जौ की परत बिछाएं।

इसके बाद पुनः उसके ऊपर साफ मिट्टी या बालू की साफ परत बिछानी चाहिए और उसका जलावशोषण करना चाहिए। यहां जलावशोषण का मतलब है कि उस मिट्टी या बालू के ऊपर जल छिड़कना चाहिए। फिर उसके ऊपर मिट्टी या धातु के कलश की स्थापना करनी चाहिए।

कलश को गले तक साफ, शुद्ध जल से भरना चाहिए और उस कलश में एक सिक्का डालना चाहिए। अगर संभव हो तो कलश के जल में पवित्र नदियों का जल जरूर मिलाना चाहिए। इसके बाद कलश के मुख पर अपना दाहिना हाथ रखकर

गंगे! च यमुने! चैव गोदावरी! सरस्वति!

नर्मदे! सिंधु! कावेरि! जलेSस्मिन् सन्निधिं कुरु।।

इस प्रकार ये मंत्र पढ़ना चाहिए। अगर आपको ये मंत्र याद ना हो, तो बिना मंत्र के ही गंगा, यमुना, कावेरी, गोदावरी, नर्मदा आदि पवित्र नदियों का ध्यान करते हुए उन नदियों के जल का आह्वाहन उस कलश में करना चाहिए और ऐसा भाव करना चाहिए कि सभी नदियों का जल उस कलश में आ जाये। साथ ही वरूण देवता का भी आह्वाहन करना चाहिए कि वो उस कलश में अपना स्थान ग्रहण करें।

इसके बाद कलश के मुख पर कलावा बांधना चाहिए और एक ढक्कन या परई या दियाली या मिट्टी की कटोरी, जो भी आप समझते हों और जो भी आपके पास उपलब्ध हो, उससे कलश को ढक देना चाहिए।

अब ऊपर ढकी गयी कटोरी में जौ भरिये और अगर जौ न हो तो आप चावल भी भर सकते हैं। इसके बाद एक जटा वाला नारियल लेकर उसे लाल कपड़े से लपेटकर, कलावे से बांध देना चाहिए। फिर नारियल को जौ या चावल से भरी हुई कटोरी के ऊपर स्थापित करना चाहिए।

यहां दो बातें विशेषतौर पर बता दूं- कुछ लोग कलश के ऊपर रखी गयी कटोरी में ही घी का दीपक जला लेते हैं, लेकिन ऐसा करना उचित नहीं है। कलश का स्थान पूजा के उत्तर-पूर्व कोने में होता है, जबकि दीपक का स्थान दक्षिण-पूर्व कोने में होता है। अतः कलश के ऊपर दीपक नहीं जलाना चाहिए।

दूसरी बात ये है कि कुछ लोग कलश के ऊपर रखी कटोरी में चावल भरकर उसके ऊपर शंख स्थापित करते हैं, तो इस सिलसिले में मुझे ये कहना है कि आप ऐसा कर सकते हैं। बशर्ते कि शंख दक्षिणावर्ती होना चाहिए। साथ ही शंख रखते समय उसका मुंह ऊपर की ओर रखना चाहिए और उसकी चोंच अपनी ओर करके रखनी चाहिए।

सबसे पहले उत्तर-पूर्व कोने की सफाई करें और जल छिड़कते समय कहें- ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे। फिर उत्तर-पूर्व कोने में मिट्टी या बालू बिछाएं और 5 बार मंत्र पढ़ें- ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे।

उसके ऊपर जौ बिछाएं- ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे।

उसके ऊपर फिर मिट्टी या बालू बिछाएं- ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे।

उसके ऊपर कलश रखें और मंत्र पढ़िये- ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे।

फिर कलश में जल भरिये- ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे।

उसमें सिक्का डालिये- ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे।

वरूण देव का आह्वाहन कीजिये- ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे।

कलश के मुख पर कलावा बांधिये- ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे।

कलश के ऊपर कटोरी रखिये- ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे।

उसमें चावल या जौ भरिये- ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे।

फिर नारियल पर कपड़ा लपेटिये- ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे।

चैत्र नवरात्रि में उपाय

  • चैत्र नवरात्रि में पहले दिन से 9 दिन तक मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनायें और घर के मेन दरवाजे पर तोरण लगाने से मां दुर्गा की कृपा बरसती है।
  • नवरात्रि के प्रथम दिन से नौ दिन तक लगातार हनुमान मंदिर में जाकर पान चढ़ाएं। नौ दिन किए गए ये कार्य जिस भी मनोकामना के लिए करेंगे वह जरूर पूरी होगी।
  • किसी भी तरह की बीमारी ठीक करने के लिए देवी मां के सामने नौ दिन अखंड ज्योत जलाना चाहिए और यदि ऐसा न कर सकें तो नौ दिन सुबह-शाम देवी के समक्ष घी का दीया जलाएं और उस दीपक में 4 लौंग डाल दें।
  • अर्गला स्तोत्र व कीलकम् का पाठ रोज़ाना माता के सामने करें व हलवा का भोग चढ़ाकर एक कमल का पुष्प अर्पण करें ऐसा करने से आपकी विवाह की चाहत पूरी हो जाएगी ।
  • किसी से रिश्ता जोड़ना हो या संतान की चाहत नवरात्रि में पूरे नौ दिन पांच तरह के सूखे मेवे लाल चुनरी में रखकर देवी को भोग लगाएं और बाद में उसे प्रसाद स्वरुप खा लें।
  • धन प्राप्ति के लिए नवरात्रि में पूरे नौ दिन रोज एक समय पर देवी को ताजे पान के पत्ते पर सुपारी और सिक्के रखकर समर्पित करें।
  • देवी मां से सुख और ऐश्वर्य का आशीर्वाद चाहिए तो देवी को नौ दिन लगातार 7 इलायची और मिश्री का भोग लगाएं। नवरात्रि में लाल आसन पर बैठकर संध्याकाल में जो जातक विष्णु सहस्रनाम तथा ललिता सहस्रनाम का पाठ करता है।
  • नवरात्रि में पहले एक, दूसरे दिन दो ऐस करते हुए क्रमश नौ कन्याओं को हर दिन भोजन कराएं और उनकी पूजा कर उन्हें दक्षिणा भेंट करें। ये उपाय आपके घर-परिवार पर आने वाले हर सकंट को हर लेगा और आपके घर में सुख-शांति का वास होगा।
  • नवरात्र में घर में सोने (Gold) या चांदी (Silver) की कोई भी शुभ सामग्री जैसे, स्वास्तिक, ॐ, श्री, हाथी, कलश,दीपक, गरूड़ घंटी, पात्र, कमल, श्रीयंत्र,आचमनी, मुकुट, त्रिशूल आदि खरीद लें और इसे देवी के चरणों मे समर्पित कर दें और नवरात्रि के अंतिम दिन उस सामग्री को गुलाबी कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें। यह उपाय आपके घर में धन वर्षा करा देगा।
  • यदि लाख कोशिशों के बाद भी आपका कर्ज से पीछा नहीं छूट रहा, तो नवरात्र में सूर्य डूबने के पश्‍चात 21 गुलाब के फूल, सवा किलो साबूत लाल मसूर लाल कपड़े में बांधकर माता के सामने रखकर घी का दीपक जलाकर रोज़ाना 108 बार यह मंत्र पढ़ें- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे'।
  • इसके उपरांत पूजा समाप्त होने के बाद अपने ऊपर सात बार उतारें व किसी को भी दान कर दें। साथ ही माता से कर्ज मुक्ति की प्रार्थना करें। ऐसा करने से आपको अवश्य कर्ज से मुक्ति मिलेगी।
  • अपने जीवन के दुर्भाग्य को दूर करने के लिए दुर्गा अष्टमी की रात में अपने घर के मुख्य दरवाजे पर रात 12 बजे गाय के घी का एक दीपक जलाएं।

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