ज्योतिष :देवउठनी एकादशी पर ये सारे काम, खुलेगा मोक्ष का मार्ग
देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं।और इस दिन से शुभ कार्य का आरंभ होता है। श्रीविष्णु की पूजा विधि-विधान की जाती है। देवउठनी एकादशी 08 नवंबर को है। इस दिन उपवास रखने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। मोक्ष का मार्ग खुलता है।
जयपुर: देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं।और इस दिन से शुभ कार्य का आरंभ होता है। श्रीविष्णु की पूजा विधि-विधान की जाती है। देवउठनी एकादशी 08 नवंबर को है। इस दिन उपवास रखने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। मोक्ष का मार्ग खुलता है। मान्यता है कि इस दिन नदियों में स्नान करने और भगवान विष्णु की पूजा से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। एकादशी के पवित्र दिन अगर ये सारे काम किए जाए तो बैकुंठ की प्राप्ति होती है।
देवउठनी एकादशी पर सुबह स्नान करने के बाद विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की भी विधिवत पूजा जरूर करें। तभी पूजा पूर्ण होगी और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद भी मिलेगा।
मान्यता है कि पीपल के वृक्ष में देवताओं का वास होता है, इसलिए एकादशी के दिन पीपल के वृक्ष में सुबह गाय के घी का दीपक जरूर जलाएं।
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इस दिन भगवान विष्णु और माता तुलसी का विवाह होता है और इस दिन ये विवाह हर सुहागन को जरूर करना चाहिए। इसे अंखड सौभाग्य व सुख-समृद्धि मिलती है। मां तुलसी को लाल चुनरी जरूर चढ़ाएं।
शाम को घर के हर कोने को प्रकाशमान करें, क्योंकि इस दिन भगवान जागते हैं। शाम को पूजा करें और घर के हर कोने में दीप जलाएं। ऐसा करने से घर में कभी धन की कमी नहीं रहती है।
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देव दीपावली के दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए श्रीसूक्त का पाठ करें। एकादशी के दिन भगवान विष्णु को दक्षिणवर्ती शंख से गाय के दूध से अभिषेक करना चाहिए।