लक्ष्मी-गणेश की साथ में पूजा के पीछे क्या है विधान, दिवाली पर ही क्यों करते हैं पूजा?

दिवाली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा का विधान है।  साधारणतया जब पूजा की जाती है तो लक्ष्मी पूजन के साथ भगवान विष्णु की पूजा होती है लेकिन दिवाली को लक्ष्मी और गणेश की पूजा की जाती है। शायद बहुत कम लोग ही जानते हैं कि इस दिन लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा क्यों की जाती है। इस बारे में एक मान्यता है।

Update: 2019-10-24 17:36 GMT

जयपुर:दिवाली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा का विधान है। साधारणतया जब पूजा की जाती है तो लक्ष्मी पूजन के साथ भगवान विष्णु की पूजा होती है लेकिन दीवाली को लक्ष्मी और गणेश की पूजा की जाती है। शायद बहुत कम लोग ही जानते हैं कि इस दिन लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा क्यों की जाती है। इस बारे में एक मान्यता है।

कहानी इस तरह है:-

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एक बार एक राजा ने खुश होकर एक लकड़हारे को एक चंदन का जंगल उपहार के रूप में भेंट किया। वह लकड़हारा बहुत साधारण आदमी था। उसे चंदन की लकड़ी का महत्व और कीमत पता नहीं था। लकड़हारा रोज जंगल से चंदन की लकड़ियां लाता और उसे जलाकर खाना बनाता था।जब इस बात की जानकारी हुई तो उसकी समझ में आया कि किसी भी संसाधन का उपयोग करने के लिए बुद्धि और ज्ञान दोनों की आवश्यता होती है। शायद यही कारण है कि धन की देवी लक्ष्मी और बुद्धि के देवता गणेश की पूजा इस दिन साथ में होती है।

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यहां-यहां जलाएं दिए

दिवाली के त्योहार पर रोशनी का अपना एक अलग ही महत्व रहता है। रोशनी के लिए पारंपरिक तरीकों में दीयों को सबसे ज्यादा तवज्जो दी जाती है। इस त्योहार पर घर को दीयों से जगमग कर दिया जाता है। दीपावली पर दीए जलाने की अपनी एक अलग ही मान्यता है। माना जाता है कि दिवाली पर दीए जलाने से भगवान गणेश और मां लक्ष्मी को प्रसन्न किया जा सकता है। इसके अलावा भी दीयों को शुभ संकेत के तौर पर भी देखा जाता है। जानते हैं कि दिवाली पर कहां-कहां दीए जलाने चाहिए...

सबसे पहले दीपावली पर मां लक्ष्मी की तस्वीर के आगे घी का एक बड़ा दीया जलाना काफी शुभ फलदायी रहता है। इसके अलावा पूरे घर में तेल के दीए जलाने चाहिए. मुख्य तौर पर घर के मुख्य दरवाजे पर जरूर ही दीया जलाना चाहिए। घर के मंदिर में भी दीया जलाया जाना चाहिए। सके अलावा घरों में मौजूद खिड़की और छत पर भी दीए जलाने चाहिए। घर की रसोई में भी दीया जलाना चाहिए। ऐसा करने से घर में हर समय अन्न बना रहता है, अन्न की कमी नहीं होती है। घर के कमरों की चौखट पर भी दीया जलाना चाहिए। घर के अलावा घर के बाहर भी कई जगहों पर दीए जलाना शुभ माना जाता है. घर के बार अगर कोई चौराहा हो तो वहां भी दीया जलाना चाहिए। घर के नजदीक अगर कोई मंदिर मौजूद है तो वहां भी दीया जलाना चाहिए। दीवाली की रात में पीपल के पेड़ के नीचे दीया जलाने की भी अपनी मान्यता है। माना जाता है कि इससे मां लक्ष्मी को प्रसन्न किया जा सकता है।

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