×

रंगों के हिसाब से जलाएं वास्तुनुसार दीपक, धन धान्य से भरा रहेगा आंगन

हर दिशा अपने में महत्वपूर्ण होती है। हर दिशा में पंच तत्व का महत्व होता है। दीवाली के समय में रंगोली का बहुत पुराना प्रचलन है, रंगों का बहुत महत्व है, लक्ष्मी के आगमन के लिए फूलों व रंगों से उनका स्वागत किया जाता है। आपका जिस दिशा में दरवाजा है, उसी हिसाब से आप रंगों का चयन करें।

suman
Published on: 24 Oct 2019 5:30 PM GMT
रंगों के हिसाब से जलाएं वास्तुनुसार दीपक, धन धान्य से भरा रहेगा आंगन
X
ज्योतिष शास्त्र में षष्ठम, अष्टम, द्वादश भाव एवं मंगल को कर्ज का कारक ग्रह माना जाता है। मंगल के कमजोर होने पर या पाप ग्रह से संबंधित होने पर या अष्टम, द्वादश, षष्ठम भाव में पर नीच स्थिति में होने पर व्यक्ति सदैव ऋणी बना रहता है।

जयपुर: हर दिशा अपने में महत्वपूर्ण होती है। हर दिशा में पंच तत्व का महत्व होता है। दीवाली के समय में रंगोली का बहुत पुराना प्रचलन है, रंगों का बहुत महत्व है, लक्ष्मी के आगमन के लिए फूलों व रंगों से उनका स्वागत किया जाता है। आपका जिस दिशा में दरवाजा है, उसी हिसाब से आप रंगों का चयन करें।

शास्त्रों के अनुसार मुख्यत दिशा का बहुत महत्व होता है। दिवाली के दिन मुख्य द्वार को फूलों व अशोक/आम के पत्तियों से वंदनवार लगाएं और कलश में भी जल भर कर रखें। उत्तर दिशा में मुख्य दरवाज़ा हो, तो लाल रंगों से परहेज़ करें। दीवारों पर भी लाल गुलाबी रंग से परहेज़ करें। यह ज़ल की दिशा है, यहां हरे व नीले रंगों से रंगोली बनाएं।

इन टिप्स से करें पटाखों की जलन कम, लापरवाही से भुगतना पड़ेगा नुकसान

उत्तर में एक आईना रखने से धन-संपत्ति आती है, यहां एक पानी का फव्वारा भी रखें। पूर्व मुखी वाले नीले रंग से परहेज़ करें। हरे व लाल रंग से रंगोली बनाएं। पूर्व में बुद्धा की प्रतिमा व घोड़े भी लगाने चाहिए, जिनके पैर आगे से उठे हों। दक्षिणमुखी वाले नीले रंग से परहेज़ करें। लाल, हरा, पीला रंग से रंगोली बनाएं। पश्चिम मुखी वाले हरे रंग से परहेज़ करें। पीला, लाल व सफेद रंग का अधिक प्रयोग करें। ब्रह्म स्थान में पानी में जलती हुई मोमबत्ती जलाएं।

उत्तर, उत्तर पूर्व और दक्षिणपूर्व धन आने की दिशाएं होती हैं, इसको हमेशा साफ रखें और यहां कभी भी साफ-सफाई के सामान न रखें। अगर वास्तु के अनुसार रसोई नहीं बनी हुई तो दिवाली के दिन रसोई के ईशान कोण में एक पीले कपड़े के ऊपर कलश में ज़ल भर कर उसमें तीन सिक्के रख दें, चूल्हे के उपर पीले रंग से स्वास्तिक बनाए व आग्नेय मे पांच दीपक भी जलाएं। नैत्रृत्य में कोई दोष हो तो पंचमुखी बाला जी की मूर्ति घर में रखें।

आग्नेय दिशा में कोई भी पानी का स्रोत्र नहीं रखें, न ही नीले रंगों का प्रयोग करें। यहां दिवाली वाले दिन लाल रंग के पांच दीपक जलाएं।

25 अक्टूबर: किन राशियों के लिए धनतेरस का दिन रहेगा फायदेमंद, जानें राशिफल

suman

suman

Next Story