वास्तु और कूड़ादान: जान लें ये खास बात, नहीं तो घर में मच सकता है बवाल

जब हम घर साफ करते हैं तो कूड़ा भी इकट्ठा होता है, जिस हम बाहर घर से कुछ दूरी पर फेंक देते हैं। घर में इकट्ठा होने वाले कूड़े को कैसे फेंके, जिससे पर्यावरण और घर के आस-पास की जगह सुरक्षित रहें।

Update: 2020-10-09 04:55 GMT
कूड़ेदान सही दिशा में ना हो तो कई तरह की समस्याएं पनपने लगती

जयपुर: त्योहारों का मौसम है। खुद को स्टाइलिश बनाने के साथ घर के भी इंटीरियर को बेहतर लुक देने के लिए पहले से तैयारी करनी होती है। वैसे तो हम हर दिन अपने घरों की सफाई करते हैं, पर फेस्टिवल में खासकर घर को अच्छे से साफ किया जाता है। सालभर की गंदगी को एक-एक करके साफ किया जाता है। जब हम घर साफ करते हैं तो कूड़ा भी इकट्ठा होता है, जिस हम बाहर घर से कुछ दूरी पर फेंक देते हैं। घर में इकट्ठा होने वाले कूड़े को कैसे फेंके, जिससे पर्यावरण और घर के आस-पास की जगह सुरक्षित रहें।

लेकिन साथ ही ये बात भी ध्यान रखें कि घर कितना ही सुंदर हो लेकिन जब तक उस घर में खुशियां ना हो उसका कोई महत्व नहीं हैं। इन खुशियों के आगमन के लिए घर का वास्तु सही होना जरूरी हैं वास्तु में कई चीजें बताई गई हैं जिनका असर हालात पर पड़ता हैं। इन्हीं में से एक हैं कूड़ेदान जिसका वास्तु में बड़ा महत्व हैं किस इसे घर में किस दिशा में रखा जाए। जानते हैं इसके बारे में।

 

धन प्राप्ति के नए अवसर नहीं मिलते

दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम को अपव्यय जोन माना गया है इसलिए इस दिशा कूड़े दान रखना उपयुक्त है। डिप्रेशन के जोन पश्चिम-उत्तर-पश्चिम में भी आप कूड़ादान रख सकते हैं। यहां रखा कूड़ादान जीवन के प्रति सकारात्मक बनाता है। उत्तर दिशा का संबंध धन व करियर से है। इस दिशा में कूड़ादान रखने से धन प्राप्ति के नए अवसर नहीं मिलते वही धन हानि होने की भी संभावना बनी रहती है। नौकरी तलाश कर रहे युवाओं के रास्ते में भी यह बाधा उत्पन्न करता है। भूलकर भी इस दिशा में कूड़ेदान नहीं रखें। स्पष्टता और प्रज्ञा की उत्तर-पूर्व दिशा ईश की दिशा मानी गई है। वास्तु के अनुसार यहाँ कूड़ादान रखने से देवताओं की कृपा प्राप्त नहीं होती एवं यहाँ कूड़ादान होने से अनेक शारीरिक और मानसिक समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

 

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इस दिशा में क्रिएटिव विचार मुश्किल से

इस दिशा में रखे कूड़ेदान की वजह से यहां रहने वाले लोगों के दिमाग में नए और क्रिएटिव विचार मुश्किल से ही आते हैं। सूर्य से संबंध रखने वाली पूर्व दिशा मान-सम्मान और सामाजिक सम्पर्क से संबंध रखने वाली दिशा मानी गई है। इस दिशा में कूड़ादान रखने से आर्थिक समस्याएं झेलनी पड़ती हैं वहीं परिवार के सदस्यों के बाहरी लोगों से रिश्ते खराब होते हैं।

दक्षिण में कूड़ादान

इसका संबंध शुक्र ग्रह से है। भूलकर भी इस तरफ कूड़ादान नहीं रखना चाहिए। इस दिशा में कूड़ादान रखने से आपके व्यापार में धनहानि हो सकती है एवं अच्छे कार्यों में बाधा आएगी। यश और आराम के दिशा क्षेत्र दक्षिण में कूड़ादान होने से वहां रहने वाले लोगों को आराम का अनुभव बिल्कुल नहीं होता है।परिवार के लोग कितनी भी मेहनत से कोई भी कार्य क्यों न कर लें उनकी मेहनत बेकार चली जाती है,उन्हें किसी से भी प्रशंसा नहीं मिलती।

 

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संबंधों और रिश्तों पर असर

 

नैऋत्य दिशा इसको आपसी संबंधों और रिश्तों की दिशा मानी गई है। इस दिशा में कूड़ादान रखने से आपसी संबंधों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। परिवार में एक राय नहीं होने से हमेशा तना-तनी का माहौल रहता है,बच्चे आपस में एवं बड़ों से झगड़ते रहेंगे।

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मेहनत का फल

इसे लाभ और मेहनत का फल मिलने की पश्चिम दिशा दिशा मानी गई है। इस दिशा में रखा हुआ कूड़ेदान यहां के लोगों की मेहनत का उचित फल मिलने में बाधा बनने का कारण बनेगा। इसी प्रकार मदद और सहयोग के दिशा क्षेत्र उत्तर-पश्चिम में कूड़ादान नहीं रखें। यहां कूड़ादान रखने से आपको बाहर के लोगों से कोई मदद नहीं मिलेगीऔर जरूरत पड़ने पर आप भी किसी की सहायता नहीं करेंगे।

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