इसीलिए मनाया जाता है GOOD FRIDAY, जानिए क्यों सूली पर चढ़े थे प्रभु यीशु

हर साल ईसाई समुदाय प्रभु ईसा मसीह की क्रूस पर बलिदान की वर्षगांठ को गुड फ्रायडे या शुभ शुक्रवार के रूप में मनाता है। इसके पहले के 40 दिनों में उपवास, ईश वचन पठन, त्याग व तपस्या करते  हैं।ईसा मसीह के यरुशलम में विजयी प्रवेश को खजूर रविवार के नाम से मनाया जाता है,

Update: 2020-04-10 01:45 GMT

नई दिल्ली: हर साल ईसाई समुदाय प्रभु ईसा मसीह की क्रूस पर बलिदान की वर्षगांठ को गुड फ्रायडे या शुभ शुक्रवार के रूप में मनाता है। इसके पहले के 40 दिनों में उपवास, ईश वचन पठन, त्याग व तपस्या करते हैं।ईसा मसीह के यरुशलम में विजयी प्रवेश को खजूर रविवार के नाम से मनाया जाता है, क्योंकि लोगों ने ईसा के स्वागत में खजूर की डालियां और कपड़े उनके रास्ते में बिछा दिए थे। खजूर रविवार से पवित्र सप्ताह प्रारंभ होता है जो कि प्रभु के पुनर्जीवित होने के पावन दिन 'ईस्टर' तक चलता है।

इसाई धर्म में ईस्टर एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। ईस्टर पर्व प्रभु यीशु मसीह के पुनर्जन्म की खुशी में मनाया जाता है। इसाई धर्म के अनुसार ऐसी मान्यता है कि जब यीशु मसीह को सूली पर लटका दिया गया था, तब वह तीन दिन बाद फिर से जीवित हो गए थे। तब से इस दिन को इसाई धर्म के अनुयायी ईस्टर दिवस के रूप में मनाते हैं। यह पर्व नए जीवन और जीवन के बदलाव के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।

ईसाई समुदाय का प्रमुख पर्व है। ईसाई समुदाय के लोग इस त्योहार को काले दिवस के रूप में मनाते हैं। इस त्योहार को अन्य नामों जैसे ब्लैक फ्राइडे, होली फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है। ईसाई मान्यता के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि गुड फ्राइडे के दिन ही ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। गुड फ्राइडे 10 अप्रैल यानि आज को मनाया जा रहा है। देश और दुनिया में यह धार्मिक पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

 

 

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ईसाई मान्यता के अनुसार गुड फ्राइडे ईस्टर को पड़ने वाला फ्राइडे होता है, जिसकी गणना पूर्वी और पश्चिमी ईसाईयत के आधार पर भिन्न-भिन्न तरह से होती है। जहां पश्चिमी ईसाईयत की गणना में जोर्जियन कैलेंडर का उपयोग होता है, तो वहीं पूर्वी ईसाईयत की गणना के लिए जूलियन कैलेंडर का प्रयोग किया जाता है।

 

ईसाई मान्यताओं को मानने वाले लोग गुड फ्राइडे का पर्व इसलिए मनाते हैं क्योंकि आज ही के दिन प्रभु यीशु (ईसा मसीह) को सूली पर चढ़ाया गया था। इसलिए लोग इस दिन उनके बलिदान को याद करते हैं। वे प्रेम और शांति के मसीहा थे। लेकिन दुनिया को करुणा का संदेश देने वाले प्रभु यीशु को उस समय के धार्मिक कट्टरपंथी ने रोम के शासक से शिकायत करके उन्हें सूली पर लटका दिया था।

 

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हालांकि कहते हैं कि प्रभु यीशु इस घटना के तीन दिन बाद पुनः जीवित हो उठे थे। गुड फ्राइडे के दिन ईसाई समुदाय के लोग गिरजाघरों में प्रार्थना करने के लिए जाते हैं। इस दिन गिरजाघरों में घंटा नहीं बजाया जाता है, बल्कि लकड़ी के खटखटे बजाए जाते हैं। लोग चर्च में क्रॉस को चूमकर उनका स्मरण करते हैं। इस दिन दान-धर्म के कार्य भी किए जाते हैं। हालांकि इस साल पूरी दुनिया कोरोना वायरस के कहर से पीड़ित है। इसलिए गुड फ्राइडे की रौनक इस साल फीकी रहेगी।

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