Kaal Bhairav Jayanti 2024: काल भैरव यानी दंडाधिपति कालाष्टमी व्रत कथा
Kaal Bhairav Jayanti 2024: यदि घर - परिवार में शनि-केतु दोष है तो व्यक्ति के जीवन में दुख और अशांति डेरे डाल देते हैं। धन और संपत्ति धीरे-धीरे अनावश्यक कार्यों में खर्च होने लगती है।
Kaal Bhairav Jayanti 2024: काल भैरव जयंती को कालाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है।प्राचीन कथा के अनुसार,एक समय ऐसा आया जब भगवान ब्रह्मा, भगवान श्री हरि विष्णु,और भगवान महेश के बीच श्रेष्ठता को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ। यह विवाद धीरे-धीरे बढ़ता गया,जिससे सभी देवताओं को एकत्रित कर एक बैठक आयोजित की गई।इस बैठक में सभी देवताओं की उपस्थिति में यह प्रश्न उठाया गया कि इनमें से श्रेष्ठ कौन है?
सभी ने अपने विचार प्रस्तुत किए और उत्तर की खोज की। लेकिन भगवान शिव शंकर और भगवान श्री हरि विष्णु ने एक पक्ष का समर्थन किया, जबकि भगवान ब्रह्मा ने भोलेनाथ के प्रति अपशब्द कहे।इस पर महादेव अत्यंत क्रोधित हो गए।कहा जाता है कि भगवान शिव के इस क्रोध से काल भैरव का अवतार हुआ।भोलेनाथ के इस रूप का वाहन काला कुत्ता माना जाता है।उनके एक हाथ में छड़ी होती है।इस अवतार को ‘महाकालेश्वर’ के नाम से भी जाना जाता है, इसलिए इन्हें दंडाधिपति भी कहा जाता है।
शनि -केतु की अशुभता दूर करने की उपाय
जिन्हें हमेशा गुस्सा आता हो, जिनके घर में लगातार ( पति - पत्नी, सास - बहू, पिता - पुत्र, भाई - भाई, बहु - बहु ) के बीच लड़ाई होती हो, जिनका कोई भी कार्य आसानी से नहीं हो पाता हो,घर में कोई बहुत दिनों से बीमार हो,बनता हुआ काम बिगड़ जाता हो तो ये सब, शनि-केतु दोष के लक्षण हैं।
यदि घर - परिवार में शनि-केतु दोष है तो व्यक्ति के जीवन में दुख और अशांति डेरे डाल देते हैं। धन और संपत्ति धीरे-धीरे अनावश्यक कार्यों में खर्च होने लगती है। इन समस्याओं से छुटकारा प्राप्त करने और भैरव बाबा को प्रसन्न करने के लिए आज काले कुत्ते को रोटी और गुड़ जरूर खिलाए। कोई मंत्र या नुक्शा जीवन में काम इसलिए नही कर पाता है क्योंकि आप सही तरह से उस उपाय को करते नहीं हैं। जैसे गौ सेवा के नाम पे आजकल लोग जर्सी गाय का सेवा कर रहें है तो कहां से घर में सुख समृद्धि आएगी।
( लेखक प्रख्यात ज्योतिषाचार्य हैं ।)