मकर संक्रांति की पूजा: बदल जाएगी ग्रह-नक्षत्रों की चाल, पड़ेगा ऐसा असर, कष्ट होंगे दूर

मकर संक्रांति  का त्योहार भगवान सूर्य को समर्पित है। कहते हैं कि सूर्य देव सभी देवों में प्रमुख स्थान रखते हैं। सूर्य सभी ग्रहों के पिता कहा जाता हैं।

Update: 2021-01-08 10:26 GMT

लखनऊ: मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का पर्व हिन्दू रीतिरिवाजों के तहत साल का सबसे पहला और बड़ा पर्व होता है। ये त्योहार मात्र खिचड़ी खाने या पतंग उड़ाने तक सीमित नहीं। ये तो बस मकरसंक्रांति का एक प्रतीक है, इस त्योहार को मनाने का एक तरीका।

मकर संक्रांति खास क्यों हैं?

दरअसल , मकर संक्रांति का त्योहार भगवान सूर्य को समर्पित है। कहते हैं कि सूर्य देव सभी देवों में प्रमुख स्थान रखते हैं। सूर्य सभी ग्रहों के पिता कहा जाता हैं। ऐसे में सूर्य भगवान के लिए मनाया जाने वाला ये त्योहार आपके ग्रहों की दिशा बदलने और आपके जीवन में आई समस्याओं के समाधान के लिए खास महत्व रखता है।

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धर्म शास्त्रों में ऐसा वर्णन भी मिलता है, जिसमे सूर्य की उपासना से व्यक्ति अपने जीवन के हर क्षेत्र में विजय होता है। इसलिए सूर्य देव की उपासना कई लोग करते हैं।

 

सूर्य की उपासना से सारे ग्रह होते है मजबूत

बता दें कि सूर्य की उपसाना से सभी ग्रह स्वतः मजबूत हो जाते हैं। मकर संक्रांति पर सूर्य देव की उपासना का उल्लेख कई ग्रन्थों में मिलता है। सूर्य की उपासना का सर्वप्रथम उल्लेख वाल्मीकि रामायण में मिलता है।

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कैसे करें सूर्य देव की उपासना

सूर्य देव की उपासना के लिए 'आदित्य हृदय स्तोत्र' का पाठ बेहद प्रभावशाली माना गया है। जीवनवाल्मीकि रामायण के अनुसार आदित्यहृदय स्तोत्र अगत्या ऋषि द्वारा भगवान श्री राम को युद्ध में रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए दिया गया था।

 

आदित्य हृदय स्त्रोत के नित्य पाठ से दूर होते हैं कष्ट

मान्यता है कि आदित्य हृदय स्तोत्र के नित्य पाठ से जीवन में अनेक कष्टों का निवारण होता है। इसके नियमित पाठ से मानसिक रोग हृदय रोग, शत्रु भय निवारण और असफलताओं पर विजय प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा जीवन की तमाम समस्याओं से छुटकारा भी पाया जा सकता है और हर क्षेत्र में जीत हासिल की जा सकती है।

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राशि के अनुसार करें सूर्य उपासना का पाठ

वैसे इस मकर संक्रांति पर बनने वाले योग में इस स्तोत्र का पाठ करने से जीवन के हर क्षेत्र में विजय प्राप्त का वरदान मिलता है। साथ ही धन-धान्य की कमी भी महसूस नहीं होती है। राशि के अनुसार आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से जीवन की हर समस्या से मुक्ति मिल सकती है।

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