Sawan Me MahaKaal Maha Sanyog: सावन में उज्जैन के महाकाल में 2004 के बाद दुर्लभ संयोग, इतनी बार पालकी पर आएंगे महाकाल
Sawan Me MahaKaal Maha Sanyog: 4 जुलाई से शुरू हो रहा सावन मास इस बार बहुत खास है। बाबा भोले के भक्तों को इस बार 59 दिन का सावन मास मिल रहा है। जो 19 साल बाद आया है। हर साल की तरह इस बार भी सावन में बाबा महाकाल की सवारी निकलेगी जानते है इसके बारे में...
Sawan Me MahaKaal Maha Sanyog: 19 साल बाद सावन माह में विशेष संयोग में शिव पूजा का महत्व बढ़ जाता है। और साथ ही भगवान शिव का आशीर्वाद भी मिलता है ।4 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो जाएगा और अधिक मास होने के चलते इस बार 59 दिन का है। सावन आते ही देशभर के मंदिरों में शिवभगवान के जलाभिषेक की तैयारी की जाती है। इस तरह सावन में हर साल महाकाल मंदिर में सवारी निकलती है। इसको लेकर पूरी तैयारी भी की जाती है। इस दौरान देश के कोने कोने से श्रद्धालु दर्शन को आते है । हर साल सावन में बाबा महाकाल की 6 से 7 सवारी निकाली जाती हैं, लेकिन इस बार अधिकमास होने के कारण कुल 10 सवारियां निकाली जाएंगी, जिसके लिए श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति ने एक महीने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी थीं इस बार सवारी में कुल आठ रथ शामिल होंगे।
19 साल बाद होगा कि इस बार दो माह का श्रावण मास होने के कारण महाकाल की 10 सवाली निकलेगी। अधिक मास की चार, सावन की चार और भादौ की दो सवारियां मिलाकर 10 सवारियों का आनंद लेंगे।
बाबा महाकाल की सवारी कब कब
- पहली सवारी – 10 जुलाई 2023
- दूसरी सवारी – 17 जुलाई 2023
- तीसरी सवारी – 24 जुलाई 2023
- चौथी सवारी – 31 जुलाई 2023
- पांचवी सवारी – 7 अगस्त 2023
- छठी सवारी – 14 अगस्त 2023
- सातवीं सवारी – 21 अगस्त 2023
- आठवीं सवारी – 28 अगस्त 2023
- नौवीं सवारी – 4 सितंबर 2023
- अंतिम शाही सवारी – 11 सितंबर 2023
2004 के बाद फिर महाकाल की 10 सवारी
उज्जैन में विराजमान द्वादश ज्योर्तिलिंगों में से एक विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के दर्शन, पूजन और उनका आशीर्वाद लेने पहुंचेंगे।सावन मास में बाबा महाकाल जिन्हें उज्जैन की जनता राजा के रूप में मानती है। वह अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए 10 बार नगर भ्रमण पर निकलते है। साल 1985 में भी श्रावण में अधिकमास आने पर महाकालेश्वर मंदिर से 10 सवारियां निकाली गई थीं, जबकि वर्ष 2004 में भी ऐसा ही संयोग बनने पर कुल 11 सवारियां निकली थी। इस बार भी राजाधिराज बाबा महाकाल की 10 सवारी निकाली जाएंगी। । महाकाल बाबा की 10 बार पालकी निकलेंगे क्योंकि इस बार श्रावण माह में 8 सोमवार रहेंगे यानी 2 माह का श्रावण मास रहेगा।
सावन में महाकाल की सवारी
श्रावण-भादौ में भगवान महाकाल इस बार श्रावण में अधिक मास का संयोग होने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचेंगे। नागपंचमी पर खुलने वाले मंदिर के तीसरे तले पर स्थित श्री नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शन को पहुंचते हैं। इस बार एक संयोग यह भी है कि नागपंचमी का पर्व 21अगस्त को है और इसी दिन महाकाल की सातवीं सवारी भी निकलेगी। कहते हैं महाकाल की शरण में आए बिना यहां किसी का भी कुछ नहीं हो सकता है।
महाकाल की कथा
उज्जयिनी में राजा चंद्रसेन का राज था। वह भगवान शिव का परम भक्त था। शिवगणों में मुख्य मणिभद्र नामक गण उसका मित्र था। एक बार मणिभद्र ने राजा चंद्रसेन को एक अत्यंत तेजोमय 'चिंतामणि' प्रदान की। चंद्रसेन ने इसे गले में धारण किया तो उसका प्रभामंडल तो जगमगा ही उठा, साथ ही दूरस्थ देशों में उसकी यश-कीर्ति बढ़ने लगी। उस 'मणि' को प्राप्त करने के लिए दूसरे राजाओं ने प्रयास आरंभ कर दिए। कुछ ने प्रत्यक्षतः माँग की, कुछ ने विनती की।राजा की अत्यंत प्रिय वस्तु थी, अतः राजा ने वह मणि किसी को नहीं दी। अंततः उन पर मणि आकांक्षी राजाओं ने आक्रमण कर दिया। शिवभक्त चंद्रसेन भगवान महाकाल की शरण में जाकर ध्यानमग्न हो गया। जब चंद्रसेन समाधिस्थ था तब वहाँ कोई गोपी अपने छोटे बालक को साथ लेकर दर्शन हेतु आई।बालक की उम्र थी पांच वर्ष और गोपी विधवा थी। राजा चंद्रसेन को ध्यानमग्न देखकर बालक भी शिव की पूजा हेतु प्रेरित हुआ। वह कहीं से एक पाषाण ले आया और अपने घर के एकांत स्थल में बैठकर भक्तिभाव से शिवलिंग की पूजा करने लगा। कुछ देर पश्चात उसकी माता ने भोजन के लिए उसे बुलाया किन्तु वह नहीं आया। फिर बुलाया, वह फिर नहीं आया। माता स्वयं बुलाने आई तो उसने देखा बालक ध्यानमग्न बैठा है और उसकी आवाज सुन नहीं रहा है।
सावन मास में जलाभिषेक
सावन में सोमवार के दिन जलाभिषेक कब करें
पहला सावन सोमवार- 10 जुलाई 2023
- सुबह- 04:19 AM, जुलाई 10 से 05:23 AM, जुलाई 10
- शाम- 06:47 PM से 07:50 PM तक
- निशिता काल-11:43 PM से 12:26 AM, तक जलाभिषेक करें।
दूसरा सावन सोमवार- 17 जुलाई 2023-सोमवती अमावस
- सुबह- 04:22 AM, से 05:26 AM,
- शाम- 06:43 PM से 07:47 PM तक
- निशिता काल-11:43 PM से 12:26 AM तक जलाभिषेक करें।
- सवार्थसिद्ध योग-05:11 AM, July 18 से 05:18 AM,
तीसरा सावन सोमवार- 24 जुलाई 2023
- सुबह- 04:24 AM, से 05:29 AM
- शाम- 06:38 PM से 07:44 PM तक
- निशिता काल-11:42 PM से 12:25 AM तक जलाभिषेक करें।
रवि योग-05:21 AM से 10:12 PM
चौथा सावन सोमवार- 31 जुलाई 2023
- सुबह- 04:26 AM, से 05:32 AM
- शाम- 06:32 PM से 07:38 PM
- निशिताकाल- 11:40 PM से 12:24 AM तक जलाभिषेक करें।
- रवि योग- 05:24 AM से 06:58 PM
- सावन का पांचवा सोमवार: 07 अगस्त
सावन का छठा सोमवार:14 अगस्त
सावन का सातवां सोमवार: 21 अगस्त
सावन का आठवां सोमवार: 28 अगस्त
सामान्यत: पूरे मास इस समय शिव का जलाभिषेक किया जा सकता है।
- सुबह: 05:40 से 08:25 तक
- शाम 19:28 से 21:30 तक
- शाम 21:30 से 23:33 तक (निशीथकाल समय)
- रात्रि 23:33 से 24:10 तक (महानिशिथकाल समय)
- पांचवी सवारी – 7 अगस्त 2023
- छठी सवारी – 14 अगस्त 2023
- सातवीं सवारी – 21 अगस्त 2023
- आठवीं सवारी – 28 अगस्त 2023
- नौवीं सवारी – 4 सितंबर 2023
- अंतिम शाही सवारी – 11 सितंबर 2023 को करें