Shivaratri Ka Jal Kab Chadhega: शिवरात्रि पर जल चढ़ाने का शुभ मुहूर्त और उपाय जो करेंगे आपको मालामाल
Shivaratri Ka Jalabhishek Kab Kare:सावन और शिवरात्रि भगवान शिव को प्रिय है। शिवरात्रि का दिन शुभता एवं पवित्रता को दर्शाता है। जानते है इस दिन कब करेंगे जलाभिषेक...
Shivratri Ka Jal Kab Chadhega शिवरात्रि का जलाभिषेक कब करें
सावन के सोमवार , प्रदोष शिवरात्रि, अमावस्या ये तिथियां शिव को अतिप्रिय है। जब शिवलिंग पर जल चढ़ेगा तो विशेष मनोरथ पूर्ण होते हैं। 2 अगस्त 2024 से सावन ( Sawan) की शुरुआत और शिवलिंग ( shivaling) पर जलाभिषेक होने लगा है। वैसे तो पूरा माह शिव की आराधना के लिए खास है, लेेकिन इस माह की खास तिथियों पर जलाभिषेक का खास महत्व है।
शिव सावन और शिवरात्रि की तिथि का गहरा संबंध है। ये सब भगवान शंकर को अतिप्रिय है। इस दिन सच्चे मन से और भक्ति भाव से शिव की पूजा की जाये तो भगवान शिव अतिशीघ्र प्रसन्न होते हैं। इसके पीछे मान्यता है कि कृष्ण पक्ष की शिवरात्रि जिसमें चतुर्दशी तिथि भी होती है को व्रत रखा जाता है।
शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा. चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 2 अगस्त दोपहर 36 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 3 अगस्त दोपहर 3:50 पर समाप्त होगी. उदय तिथि के मुताबिक, सावन माह की मासिक शिवरात्रि का पर्व 2 अगस्त को मनाया जाएगा ।
सुबह का शुभ समय 05:40 से 08:25 तक
शाम का शुभ समय 19:28 से 21:30 तक
शाम 21:30 से 23:33 तक (निशीथकाल समय)
रात्रि 23:43 से 24:10 तक (महानिशिथकाल समय)
अभिजीत मुहूर्त - 12:07 PMसे 12:59 PM
ब्रह्म मुहूर्त - 04:26 AM से 05:14 AM
विजय मुहूर्त- 02:18 PM से 03:12 PM
गोधूलि बेला-06:33 PM से 06:57 PM
निशिता काल- 11:43 PM से 12:26 AM, 3 अगस्त
शिवरात्रि व्रत पारण मुहूर्त –3 अगस्त सुबह 05 . 41 मिनट से – दोपहर 3. 52 मिनट तक।
जलाभिषेक का समय व् जल चढाने का शुभ समय - सुबह का शुभ समय 05:40 से 08:25 तक सावन में शिवलिंग पर जलाभिषेक का सबसे उत्तम समय है
सर्वार्थसिद्धि योग - Aug 02 10:59 AM से Aug 03 06:02 AM
शिवरात्रि के दिन जलाभिषेक कब करें
निशिता काल-11:43 PM से 12:26 AM, तक जलाभिषेक करें।
सावन शिवरात्रि की पूजा का रात्रि प्रथम प्रहर का मुहूर्त शाम 7:11 से 9:49 बजे तक रहेगा।
रात्रि का द्वितीय प्रहर का शुभ मूहूर्त 09:49 रात से 12:27 ( 3 अगस्त) को है।
इसके बाद रात्रि का तीसरे प्रहर की पूजा का शुभ मुहूर्त 12:27 से 03:06 AM
चतुर्थ प्रहर का शुभ मुहूर्त 03:06 से 05:44 AM ( 3 अगस्त) को है.
सावन में पूरे मास इस समय शिव का जलाभिषेक किया जा सकता है।शिवरात्रि के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए. देवी देवता का ध्यान करते हुए साफ वस्त्र धारण कर भगवान सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए. मंदिर की सफाई करनी चाहिए. चौकी पर एक साफ कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और माता पार्वती को स्थापित करना चाहिए. इसके बाद दूध गंगाजल और जल से शिवजी का अभिषेक कर बेलपत्र, भांग, धतूरा आदि अर्पित करना चाहिए। देसी घी का दीपक जलाकर आरती करनी चाहिए। शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए।
सावन शिवरात्रि पर करें ये उपाय
सावन शिवरात्रि के दिन मंदिर अथवा नदियों के किनारे दीपदान करता है उसके घर में सुख समृद्धि आती है। सावन में जब तक दीपक जलता है,तब तक भगवान स्वयं उस स्थान पर उपस्थित रहते है,इसलिए वहां पर मांगी गई मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं
जिन लोगों की कुंडली में कालसर्पदोष, पितृदोष और शनि का प्रकोप है वे सावन शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक,पंचामृत या रुद्राभिषेक करें तो उन्हें लाभ होगा।
सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा के साथ ही वृक्ष लगाने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार अच्छे स्वास्थ्य के लिए नीम का पेड़ लगाएं। संतान के लिए केले का पौधा, सुख-शांति और समृद्धि के लिए तुलसी और लक्ष्मी प्राप्ति की कामना हो तो आंवले का पौधा लगाना शुभ माना जाता है। पीपल का पेड़ लगाने से पितरों के पाप दूर होते हैं