सोमवती अमावस्या पर विशेष संयोग: करें ये आसान उपाय, नहीं होगा संकटों से सामना

इस सावन मास 6 जुलाई सोमवार से शुरू होकर सोमवार को ही खत्म हो रहा है। 3 अगस्त तक चलने वाले सावन मास में पांच सोमवार का विशिष्ट योग बना है। सावन मास में दो सोमवार को विशेष रूप से अमावस्या और पूर्णिमा पड़ रहे है।

Update: 2020-07-18 01:46 GMT

जयपुर इस सावन मास 6 जुलाई सोमवार से शुरू होकर सोमवार को ही खत्म हो रहा है। 3 अगस्त तक चलने वाले सावन मास में पांच सोमवार का विशिष्ट योग बना है। सावन मास में दो सोमवार को विशेष रूप से अमावस्या और पूर्णिमा पड़ रहे है। सावन मास में सोमवती अमावस्या और सोमवती पूर्णिमा का संयोग 47 साल पहले बना था।

सावन मास में पड़ने वाली अमावस्या का बहुत महत्व माना गया है। सावन में पड़ने की वजह से इस अमावस्या को श्रावणी अमावस्या कहते हैं। सावन में हर तरफ हरियाली छा जाती है, इसलिए इसे हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है। सावन के माह में प्रकृति की हर चीज बारिश में नहा कर एक दम नई प्रतीत होती है।

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संयोग 47 साल बाद

इस सावन में सोमवती अमावस्या व सोमवार को पूर्णिमा का संयोग 47 साल बाद आया है जबकि 20 साल सावन सोमवार को सोमवती और हरियाली अमावस्या का संयोग बन रहा है।

इस साल हरियाली अमावस्या के दिन चंद्र, बुध, गुरू, शुक्र और शनि ग्रह अपनी-अपनी राशियों में रहेंगे। ग्रहों की इस स्थिति का शुभ प्रभाव कई राशियों पर देखने को मिलेगा। महिलाओं द्वारा तुलसी की 108 परिक्रमाएं की जाती है।

पीपल के वृक्ष की परिक्रमा

रियाली अमावस्या सावन शिवरात्रि के दूसरे दिन पड़ती है इस बार यह 20 जुलाई सोमवार के दिन पड़ रही है। इस बार अमावस्या और पूर्णिमा दोनों ही सोमवार के दिन पड़ रही हैं। हरियाली अमावस्या के दिन वृक्षों का पूजन करने का बहुत महत्व होता है।

 

इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करके इसकी परिक्रमा की जाती है। इस दिन शास्त्रों के अनुसार पूजन करने से विशेष लाभ मिलता है। परेशानियों को दूर करने के लिए इस दिन कई उपाय भी किए जाते हैं। जानते हैं क्या हैं वे उपाय

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कष्टों का निदान

*परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए हरियाली अमावस्या पर किसी नदी या तालाब में जाकर मछली को आटे की गोलियां बनाकर खिलाएं, चीटियों को चीनी या सूखा आटा खिलाएं। सावन माह में चींटियों और मछलियों जैसे जीवों को कुछ खिलाना अच्छा रहता है।

*सावन की अमावस्या के दिन किसी हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए साथ ही हनुमान जी को सिंदूर का चोला और चमेली का तेल चढ़ाए। ऐसा करने से परेशानियों से मुक्ति मिलती है

*हरियाली अमावस्या की संध्या को घर के ईशान कोण में घी का दीपक प्रज्वलित करें। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और दरिद्रता नष्ट होती है। लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए रात में पूजा करते समय थाली में ऊं या स्वास्तिक का चिह्न बनाएं और उस पर महालक्ष्मी यंत्र रखें।

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