Bholenath: प्रत्येक स्थिति-परिस्थिति में प्रसन्न रहना भगवान शिव के जीवन से सीखना चाहिए
Bholenath: शिवजी अपने हृदय में केवल राम नाम को रखते हैं,बाकी सब बाहर ही छोड़ देते हैं।जिनके हृदय में प्रभु श्रीराम हैं। उन्हीं के जीवन में विश्राम भी है।भगवान शिव अन्तर्मुखी हैं,स्वयं में स्थित रहते हैं।
Report : Sankata Prasad Dwived
Update:2024-08-12 22:53 IST
Bholenath: भगवान शिव बड़े भोले हैं और जो भोला है,वही दुनिया का नाथ बनने की पात्रता रखता है।शिवजी ने भीतर से अपने आपको इतना शक्तिसंपन्न,उच्च विचारयुक्त,धीर,गंभीर,सहनशील,धैर्यवान,मान-अपमान मुक्त बना रखा है कि संसार की कोई भी स्थितियाँ उन्हें विचलित नहीं कर पाती हैं।
शिवजी अपने हृदय में केवल राम नाम को रखते हैं,बाकी सब बाहर ही छोड़ देते हैं।जिनके हृदय में प्रभु श्रीराम हैं। उन्हीं के जीवन में विश्राम भी है।भगवान शिव अन्तर्मुखी हैं,स्वयं में स्थित रहते हैं।मजबूत बनो,ताकि हर स्थिति का मुस्कुराकर सामना कर सको।
एक बात और जो भोलेनाथ अर्थात कपट रहित सरल एवं सहज है।वही दुनिया का नाथ अर्थात सबके हृदय में बस जाने वाला भी बन जाता है।
( लेखक धर्म व अध्यात्म के विशेषज्ञ हैं ।)