Nandishwar Mahadev: शुभ श्रावण मास, नंदीश्वर महादेव
Nandishwar Mahadev: जीवन के उत्थान एवं मंगल के लिए हमारे जीवन में धर्म की बहुत बड़ी आवश्यकता है। पशु तब तक ही सही दिशा में चलता है,जब तक लगाम उसके ऊपर होती है।
Nandishwar Mahadev: जहाँ शिव है,वहाँ नंदी भी हैं,और जहाँ नंदीश्वर हैं,वहाँ शिवजी भी हैं।इसका सीधा सा अर्थ यही हुआ कि जहाँ धर्म है वहाँ शिव भी हैं,अथवा तो जहाँ शिव हैं,वहीं धर्म भी है। शिवजी का वाहन वृषभ है।वृषभ को धर्म का स्वरूप कहा जाता है,अर्थात् शिवजी धर्म की सवारी करते हैं।जीवन के उत्थान एवं मंगल के लिए हमारे जीवन में धर्म की बहुत बड़ी आवश्यकता है। पशु तब तक ही सही दिशा में चलता है,जब तक लगाम उसके ऊपर होती है।पशु को लगाम से,एवं मनुष्य को धर्म से ही नियंत्रित किया जा सकता है।अपनी जीवन ऊर्जा का कब,कहाँ और किस रुप में उपयोग करना है,ये धर्म हमें सिखाता है।ज्ञानी व्यक्ति अनासक्त भाव से कर्म करने के कारण कर्म के बन्धन में नहीं फँसता। भगवान भोलेनाथ का जीवन हमें बताता है कि जो भी करो,धर्म का अवलंबन लेकर ही करो,जिससे हमको कर्मबंधनों से मुक्ति मिल सके,एवं यह मानव जीवन सफल हो सके।
( लेखक धर्म व अध्यात्म के विशेषज्ञ हैं ।)