पितृपक्ष में WI FI से हाई -फाई हो गया श्राद्धकर्म, सात समंदर पार भी जुड़ जाएंगे पूर्वजो से आप

हम सभी जानते हैं कि युगों पहले हमारे ऋषि त्रिकालदर्शी थे। वो लोग भूत, भविष्य और वर्तमान देख लेते थे। आपको नहीं लगता है कि आज के समय में वही काम आपका कम्प्यूटर आपके लिए कर रहा है। बस एक क्लिक में आप किसी का भी भूत, भविष्य और वर्तमान का पता कर लेते हैं।

Update: 2023-04-18 14:58 GMT

जयपुर: हम सभी जानते हैं कि युगों पहले हमारे ऋषि त्रिकालदर्शी थे। वो लोग भूत, भविष्य और वर्तमान देख लेते थे। आपको नहीं लगता है कि आज के समय में वही काम आपका कम्प्यूटर आपके लिए कर रहा है। बस एक क्लिक में आप किसी का भी भूत, भविष्य और वर्तमान का पता कर लेते हैं। अब यही कम्प्यूटर आपके पूर्वजों से भी जुड़ने में मदद कर रहा है। जी हां श्राद्ध के इस मौके पर पूर्वजों को पूरे विधि विधान से तर्पण देने के लिए पंडित अब हाई-फाई हो गये हैं। छोटे से वाई-फाई कनेक्शन के साथ अब आप अपने पूर्वजों से सीधे जुड़ जायेंगे।

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इस पर पंडित दिवाकर शास्त्री बताते है कि आज के समय में लोगों के पास वक्त की कमी है, लेकिन श्रद्धा की नहीं..वैसे भी कहा गया है कि मन चंगा तो कठौती में गंगा। बस इसी आधार पर अगर आपमें अपने पितरों के प्रति श्रद्धा विश्वास जुड़ा है तो आप कही से भी उनका श्राद्धकर्म कर सकते हैं। इसके लिए चाहें इंटरनेट हो या तीर्थ स्थल। पंडित जी कहते हैं कि उनके कई यजमान विदेशों में है जो आ नहीं सकते तो वहीं से वाई-फाई की मदद से श्राद्ध कर्म कर लेते हैं।

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श्राद्ध पक्ष के दौरान 15 दिनों तक चलने वाले इस कार्य के लिए पंडितों को अलग-अलग जगहों पर जाकर श्राद्ध करवाना होता है। इस मौके कई बार यजमानों को पंडितों से समय नहीं मिल पाता है। आवश्यकता अविष्कार की जननी होती है। अब पंडित अपने यजमानों से जुड़े रहने के लिए कम्प्यूटर या लैपटाप के जरिये कहीं से भी, कहीं भी रहते हुए श्राद्ध पूजन पूरे विधि विधान से करवा देते हैं।

विदेशों में रहने वाले भारतीय खास तौर पर इस तरह से पूजा करवाना पंसद करते हैं क्योंकि पूर्वजों से जुड़ाव और विधि विधान का पालन आसानी से हो जाता है।इस तरह की पूजा से लेकर आमतौर पर पंडित 5-6 हजार से लेकर 70-80 हजार रूपये फीस के तौर पर भी लेते हैं। इंटरनेट पर मौजूद कई वेब साइटें तो हवाई जहाज, रेल टिकट की तरह पंडितों की भी अग्रिम बुकिंग का आप्शन दे रही हैं।

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