ये ज्योतिषीय उपाय आपके बच्चे को बनाएंगे बुद्धिमान, आज ही आजमाएं

बच्चों को लेकर माता-पिता की चिंता हमेशा बनी रहती है। बच्चे की हर गतिविधि पर माता-पिता पूरी तरह सचेत रहते हैं। बच्चा कब खाया ,कब पिया, कब क्या किया ना क्या- क्या। बच्‍चों को लेकर परिवार में कुछ ना कुछ परेशानी बनी रहती है। कभी बच्‍चे को बार-बार चोट लगती है तो कभी बच्‍चे का मन पढाई में नहीं लगता तब।

Update:2020-04-24 11:06 IST

लखनऊ : बच्चों को लेकर माता-पिता की चिंता हमेशा बनी रहती है। बच्चे की हर गतिविधि पर माता-पिता पूरी तरह सचेत रहते हैं। बच्चा कब खाया ,कब पिया, कब क्या किया ना क्या- क्या। बच्‍चों को लेकर परिवार में कुछ ना कुछ परेशानी बनी रहती है। कभी बच्‍चे को बार-बार चोट लगती है तो कभी बच्‍चे का मन पढाई में नहीं लगता तब। लोग बच्चों को लेकर इतने सचेत रहते हैं कि अस्पताल,डॉक्टर, मंदिर मस्जिद के चक्कर लगाना नहीं छोड़ते हैं। वैसे भी ज्‍योतिष में कुछ छोटे मोटे सरल उपाय है जिन्हें अपनाकर बच्चों से जुड़ी समस्या से निजात पा सकती है। और आपके बच्चे का बचपन अच्छी तरह बितेगा। जैसे...

* हनुमान चालीसा

अगर आपके बच्चे को बार-बार चोट लगती है तो हर दिन उसे हनुमान चालीसा का पाठ करके सुनाएं और बच्चे को भी "हनुमान चालीसा" का पाठ करना सिखाएं।

 

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*इन रंगों का कम इस्तेमाल

यदि बच्चे को घबराहट, एंग्जायटी, इरिटेशन और जल्दी तनाव होने की समस्या हो तो बच्चे को काले और गहरे नीले रंग के कपड़े न पहनाएं या इन रंगों का बहुत कम इस्तेमाल कराएं।

*बहुत जिद्दीपन

यदि बच्चा बहुत जिद्दी और गुस्सा करने वाला हो तो लाल और नारंगी रंग (ऑरेंज) के कपड़ों का प्रयोग न कराएं या इन रंगों का बहुत कम प्रयोग कराएं।

*बच्चे की एकाग्रता

घर में बच्चे के पढ़ने की टेबल इस तरह रखें कि पढ़ते समय बच्चे का मुख पूर्व या उत्तर दिशा में रहे। इससे बच्चे की एकाग्रता अच्छी रहती है।

*बुध कमजोर होने पर

यदि बच्चा अपने मन की बातें आपको नहीं बता पाता या हमेशा झिझकता है तो ऐसा कुंडली में बुध कमजोर होने के कारण होता है। इस स्‍थिति में प्रत्येक बुधवार को बच्चे के हाथ से स्पर्श कराकर हरा चारा गाय को खिलाना से बच्चे में सकारात्मक बदलाव होगा।

*सूर्य दर्शन की आदत

प्रतिदिन सूर्योदय के समय बच्चों को सूर्य दर्शन करने की आदत डालें। प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पित कराएं। इससे बच्चे की नेत्र ज्योति बढ़ती है। आंखों की समस्याओं से बचाव होता है। साथ ही अच्छे की रोग प्रतिरोधक क्षमता और आत्मविश्वाश बढ़ता है।

*पेड़-पौधों की सेवा

बच्चों को पेड़-पौधों के संपर्क में रखना और उनमें पानी देने की आदत डालना उनके स्नायुतंत्र के विकास, मन-मस्तिष्क की एकाग्रता के लिए बहुत अच्छा होता है। इससे इससे बच्चे के बुध (बुद्धि) और चन्द्रमा (एकाग्रता) दोनों मजबूत होते हैं।

 

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*स्टडी रूम में हल्का रंग

बच्चों के स्टडी रूम में हल्के हरे रंग का प्रयोग करना चाहिए। यह मस्तिष्क की एकाग्रता के लिए अच्छा होता है। यदि बच्चे को भूख कम लगने की समस्या हो तो यह कुंडली में कमजोर या पीड़ित बृहस्पति के कारण होता है। इसके लिए प्रत्येक बृहस्पतिवार बेसन के लड्डू बच्चे के हाथ से स्पर्श कराकर गाय को खिलाएं।

मां से विशेष लगाव

जिन बच्चों की कुंडली में बृहस्पति एवं चन्द्रमा स्वतंत्र रूप से एक-साथ हो तो ऐसे बच्चों का अपनी मां से बहुत विशेष लगाव होता है।

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