Traffic Challan Payment: अब ट्रैफिक चालान का भुगतान करना हुआ बेहद आसान, घर बैठे करें ये काम, जानें तरीका

Traffic Challan Payment: ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वाले वाहन चालकों को ऑटोमेटेड मैसेज भेजकर ट्रैफिक चालान के भुगतान को सुव्यवस्थित करने के लिए एक नया सिस्टम इजाद किया है। हालांकि अभी इस तरह के सिस्टम की शुरुआत दिल्ली से की जा रही है।

Report :  Jyotsna Singh
Update: 2024-08-31 10:16 GMT

Traffic Challan Payment

Traffic Challan Payment: अब यदि आप भूले भटके ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने के दोषी पाए जाते हैं और आपका चालान हो चुका है तो अब आपको चालान की राशि जमा करने के लिए आरटीओ के चक्कर लगाने की बिलकुल भी जरूरत नहीं पड़ेगी। बल्कि घर बैठकर ही आप अपने फोन से इसका भुगतान कर सकेंगे। दिल्ली परिवहन विभाग सीधे ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वाले वाहन चालकों को ऑटोमेटेड मैसेज भेजकर ट्रैफिक चालान के भुगतान को सुव्यवस्थित करने के लिए एक नया सिस्टम इजाद किया है। हालांकि अभी इस तरह के सिस्टम की शुरुआत दिल्ली से की जा रही है।

ये होगी फोन से चालान भरने की प्रक्रिया

दिल्ली परिवहन विभाग सीधे ट्रैफिक नियम उल्लंघनकर्ताओं को ऑटोमेटेड एसएमएस या व्हाट्सएप के जरिए भेजे जाने वाले ये मैसेज उल्लंघन के बारे में विस्तृत जानकारी और भुगतान करने से जुड़े निर्देश दिए जाएंगे।भुगतान ऑप्शन पर क्लिक करने पर, मैसेज यूजर को भुगतान गेटवे पर रीडायरेक्ट करेगा। जिसके जरिए वे जुर्माने की राशि को आसानी से भुगतान कर सकेंगे। मीडिया रिपोर्ट में एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि, "जैसे ही कोई व्हाट्सएप पर भुगतान विकल्प पर क्लिक करता है, उन्हें कई विकल्पों के साथ एक भुगतान गेटवे पर निर्देशित किया जाएगा, जिसमें भीम यूपीआई भी शामिल है।"

क्या कहते हैं परिवहन विभाग के अधिकारी

परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह सिस्टम सरकार को राजस्व बढ़ाने में मदद करेगा। क्योंकि कई लोग ऑनलाइन चालान का भुगतान करने से बचते हैं। कुछ को तो यह भी पता नहीं होता कि उनके ऊपर बकाया चालान है।अधिकारी ने कहा, "चूंकि व्हाट्सएप में पुश मैसेज की सुविधा है, यह उस व्यक्ति को याद दिलाता रहेगा कि एक चालान लंबित है। यह किसी बैंक या अन्य कंपनियों के साथ बकाया भुगतान के लिए सर्विस का इस्तेमाल करने जैसा ही होगा।" परिवहन विभाग के अधिकारियों ने हाल ही में इस संबंध में व्हाट्सएप के अधिकारियों से मुलाकात की। विभाग का लक्ष्य अगले छह महीनों के भीतर इस सिस्टम को शुरू करना है।

राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र से चालान डेटाबेस तक पहुंच का अनुरोध

परिवहन विभाग के अधिकारियों ने वेब साइट के जरिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र से चालान डेटाबेस तक पहुंच बनाने हेतु अनुरोध किया है, जो echallan.parivahan.gov.in साइट पर जेनरेट होता है। एक बार पहुंच मिलने के बाद, ऑटोमेटेड मैसेज लिंक यूजर्स को ई-चालान वेबसाइट पर समय समय पर लंबित चालान भुगतान को लेकर निर्देशित करने का माध्यम बनेंगे। जहां यूजर्स को किसी भी बकाया चालान को भुगतान करने की सुविधा उपलब्ध होगी।

भुगतान करने के लिए गूगल पे और भीम सहित अन्य यूपीआई एप में से किसी प्लेटफार्म को चुनने की छूट होगी। इसके अतिरिक्त हर बार चालान जेनरेट होने पर एक पुश नोटिफिकेशन भी यूजर्स को भेजा जाएगा।यह पहल इसलिए शुरू की जा रही है क्योंकि अक्सर चालान लंबित होने पर परिवहन विभाग की चालान प्रक्रिया को लेकर लोगों की ये शिकायत रहती है कि उन्हें रजिस्टर्ड नंबर पर चालान किए जाने से संबंधित कोई संदेश प्राप्त नहीं हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि चालान रिकवरी वास्तव में विभाग के सामने एक जटिल समस्या बन कर खड़ी हो चुकी है। क्योंकि विभाग के पास सभी वाहन चालकों के मोबाइल नंबर उपलब्ध नहीं हैं।

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