FAME-2 Subsidy: फेम-2 के ग्राहकों को वापस करनी पड़ सकती है सब्सिडी, चुनिंदा कंपनियों के नाम हुए चिन्हित

FAME 2 Subsidy: फेम योजना के तहत अब तक कुल दो चरणों को लागू किया जा चुका है। इस योजना के अंतर्गत बनाई गई गाइड लाइन के अनुरूप दी जाने वाली छूट में कई तरह की धांधली सामने आने के बाद अब सरकार ने इसे लेकर और सख्त रवैया अपनाया है।

Update:2023-08-01 07:47 IST
FAME 2 Subsidy (photo: social media )

FAME 2 Subsidy: पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से इलेक्ट्रिक वाहनों के चलन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा EV वाहनों पर लगने वाले टैक्स में कटौती कर उनकी कीमतों में रियायत देने की योजना को लागू किया था। यानी की फेम योजना के तहत अब तक कुल कुल दो चरणों को लागू किया जा चुका है। इस योजना के अंतर्गत बनाई गई गाइड लाइन के अनुरूप दी जाने वाली छूट में कई तरह की धांधली सामने आने के बाद अब सरकार ने इसे लेकर और सख्त रवैया अपनाया है।

कई कंपनियां जो गाइड लाइन से छेड़छाड़ कर गलत तरीके से धन उगाही कर रहीं थी ।उन पर सरकार ने तगड़ा हर्जाना थोपा है। अब इलेक्ट्रिक वाहन सब्सिडी का गलत तरीके से प्रयोग कर मुनाफा कमाने वाली इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों पर जब सरकार ने हर्जाना थोपा हैं। अब ये इलेक्ट्रिक दोपहिया निर्माताओं के एक समूह ने सरकार की इस कारवाई का विरोध दर्ज करते हुए कथित तौर पर भारत सरकार से निवेदन किया है कि वह ग्राहकों से इलेक्ट्रिक स्कूटर और मोटरसाइकिल की खरीद पर ली गई अतिरिक्त छूट का भुगतान करने के लिए कहने की संभावना पर अपनी प्रतिक्रिया दें।

एसएमईवी के प्रमुख संजय कौल ने कथित तौर पर पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि यह राशि सब्सिडी का फायदा उठाने वाले ग्राहकों से वसूला जाए। उन्होंने कथित तौर पर लिखा, "यह उस सब्सिडी के बारे में है जिसे आपके विभाग ने पूर्वव्यापी आधार पर ओईएम से वापस लेने का दावा किया है। और यह उस 1,200 करोड़ रुपये के लिए भी है जिसके बारे में ओईएम का दावा है कि इसकी प्रतिपूर्ति नहीं की गई है।" उन्होंने कथित तौर पर सरकार को यह भी लिखा कि यदि किसी ग्राहक को सही कीमत से ज्यादा छूट मिली है, तो अतिरिक्त राशि वापस करना उसके लिए अनिवार्य है, भले ही सुधार पूर्वव्यापी हो।इसका मतलब है कि यदि आपने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन की खरीद के दौरान सब्सिडी का लाभ उठाया है, तो आपको इसे निर्माता को वापस करना पड़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उद्योग मंत्रालय को लिखे एक पत्र में सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल ने सुझाव दिया है कि जिन ग्राहकों ने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन खरीदने के लिए सब्सिडी ली है, उन्हें इन्हें प्रभावित ओईएम को वापस करने के लिए कहा जा सकता है।

सरकार ने हर्जाने के तौर पर इलेक्ट्रिक दोपहिया निर्माताओं से 469 करोड़ रुपये की मांग की है।

इन कंपनियों का नाम डिफाल्टर लिस्ट में है शामिल

योजना के नियमों में कहा गया है कि भारत में निर्मित कंपोनेंट्स का इस्तेमाल करके इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहन की अनुमति दी गई थी। लेकिन जांच से पता चला कि इन सात कंपनियों ने अपने उत्पादों में इंपोर्ट किए गए कंपोनेंट्स का इस्तेमाल किया और उनके लिए सब्सिडी का लाभ उठाया।कथित तौर पर FAME 2 योजना मानदंडों का अनुपालन नहीं करते हुए इंसेंटिव का दावा करने वाली कंपनियों से सब्सिडी की वापसी का आदेश देते हुए हीरो, ओकीनावा, एम्पीयर ईवी, रिवोल्ट मोटर्स, बेनलिंग इंडिया, एमो मोबिलिटी और लोहिया ऑटो आदि कंपनिया शामिल हैं।मंत्रालय ने एक गुमनाम ईमेल मिलने के बाद जांच शुरू की थी। यही वजह थी की मंत्रालय ने पिछले वित्त वर्ष में सब्सिडी वितरण में देरी की। इस ई-मेल में आरोप लगाया गया कि कई ईवी निर्माता चरणबद्ध विनिर्माण योजना नियमों का पालन किए बिना सब्सिडी का दावा कर रहे थे।

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