Modi Govt on EV: इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को इन्सेन्टिव्स देने की दिशा में काम कर रही सरकार, जल्द ही मिल सकती है ये सौगात
Modi Govt on EV: हम सबके सामने इलेक्ट्रिक वाहनों के रूप में आ चुका है। जिसको चलन में लाने के लिए सरकार द्वारा इंटेंसिव स्कीम फेम 1 और फेम 2 के तौर पर देखा जा सकता है।
Modi Govt on EV: पर्यावरण संरक्षण को लेकर सरकारें युद्ध स्तर पर काम कर रही हैं। यही वजह है कि इस अब तक इस दिशा में कई बड़े बदलाव को धरातल पर लाया जा चुका है। जिसका सबसे बड़ा उदाहरण हम सबके सामने इलेक्ट्रिक वाहनों के रूप में आ चुका है। जिसको चलन में लाने के लिए सरकार द्वारा इंटेंसिव स्कीम फेम 1 और फेम 2 के तौर पर देखा जा सकता है। जिसके बाद इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद में जबरदस्त इजाफा दर्ज हुआ।
वहीं पिछले महीने की इलेक्ट्रिक टू व्हीलर की बात करें तो, जून में बिकीं 45,000 यूनिट्स गाड़ियों के मुकाबले अगस्त 2023 में 59,000 से ज्यादा इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स की बिक्री देखने को मिली है, जबकि पिछले महीने जुलाई में कुल 54,498 यूनिट्स की तुलना में काफी ज्यादा है। इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद में ये तेज़ी तब आई है जबकि सरकार द्वारा दो महीने पहले इसकी छूट में 15 प्रतिशत की कटौती कर दी गई है। जिससे इस बात का साफ साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि इलेक्ट्रिक वाहन अब ग्राहकों के विश्वास पर पूरी तरह से खरी उतरी है। अभी हाल ही में प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार सरकार अब इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को इन्सेन्टिव्स देने की दिशा में विचार बना रही है। जिससे इलेक्ट्रिक वाहन के समूचे स्ट्रक्चर को स्ट्रॉन्ग बनाया जा सके। आइए जानते हैं इस विषय में विस्तार से-
इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को इन्सेन्टिव्स देने की दिशा में काम कर रही सरकार
हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान अपने एक व्यक्तव्य में कहा कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सुधार करने एवम कार्बन उत्सर्जन को कम करने के अपने लक्ष्य को पाने के लिए, इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को इंटेंसिव देने की दिशा में सरकार काम कर रही है। इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री ने आश्चर्यजनक ढंग से बड़ी ही तेज़ी के साथ अत्याधुनिक तकनीक से लैस नए-नए उत्पाद मार्केट में पेश कर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों को निजी जीवन शैली का अंग बनाने की दिशा में ग्राहक इलेक्ट्रिक वाहनों पर अपना भरोसा जताते हुए इस नए विकल्प के चलन को निसंकोच अपना रहें हैं।
इंपोर्ट टैक्स में कटौती की संभावना
केंद्र सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को इंटेंसिव देने की योजना की जानकारी का खुलासा ऐसे समय हुआ है जब सरकार कथित तौर पर एक नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पालिसी पर काम कर रही है, जिसके चलते कुछ लोकल उत्पादन करने वाली कंपनियों के लिए इंपोर्ट टैक्स में कटौती की जाने की संभावना की उम्मीद की जा रही है।
नई पालिसी में इन खास बिंदुओं पर किया जा सकता है विचार
सरकार की नई पालिसी में इस बात पर विचार किया जा सकता है कि, इलेक्ट्रिक व्हीकल मेकर कंपनियों को पूरी तरह से बनी हुई ईवी के 15 प्रतिशत टैक्स पर इंपोर्ट करने की इजाजत दी जा सकती है। जो कि वर्तमान समय में फिलहाल 100 प्रतिशत है। न्यूनतम टैक्स की लागत के साथ इंपोर्ट की जाने वाली गाड़ियां 40,000 डॉलर से ज्यादा की कीमत वाली होंगी। वहीं इससे कम कीमत वाली गाड़ियों के लिए इंपोर्ट टैक्स 70 प्रतिशत तक किए जाने की संभावना है।
इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में आया इजाफा
आपको बताते चले कि जून 2023 में, भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय ने FAME II स्कीम के तहत इलेक्ट्रिक टू व्हीलर पर दी जाने वाली छूट को 15,000 रुपये प्रति kWh से घटाकर 10,000 रुपये प्रति kWh कर दिया था। इसके साथ-साथ एक्स-फैक्ट्री कीमत पर दी जाने वाली 40 प्रतिशत की सब्सिडी को भी कम कर 15 प्रतिशत कम कर दिया था।जिसका प्रभाव का साफ साफ अंदाजा लगाएं तो केंद्र सरकार की इस बेरुखी के बाद भी इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री में कोई खास कमी देखने को नहीं मिली है। सरकार के ही वाहन पोर्टल के मुताबिक, घरेलू बाजार में टू, थ्री और फोर व्हीलर के साथ-साथ सभी तरह के सामान ढोने वाले और कमर्शियल व्हीकल को शामिल कर जुलाई माह के आंकड़ों को देखें तो इनकी कुल बिक्री 1,15,836 यूनिट्स की दर्ज की गई थी।