Nitin Gadkari: नितिन गडकरी ने किया भारत को हरित अर्थव्यवस्था बनाने के प्रस्ताव का खुलासा
Nitin Gadkari: देश में जल्द ही पेट्रोल-डीजल से चलने वाली कारें नजर नहीं आएंगी, आइए इस बारे में जानते हैं विस्तार से
Nitin Gadkari: पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ऑटोमोबिल सेक्टर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। केद्रीय सरकार लगातार पर्यावरण प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए नई नीतियों को लागू करने के साथ और भी ज्यादा सुधार के लिए कई तरह की योजनाओं पर काम कर रही है। हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अपने संबोधन में कहा कि, देश में जल्द ही पेट्रोल-डीजल से चलने वाली कारें नजर नहीं आएंगी। इसको लेकर भारत को हरित अर्थव्यवस्था बनाने के अपने प्रस्ताव से पर्दा उठाया है।
हाइब्रिड वाहनों पर GST घटाने का प्रस्ताव
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि पर्यावरण के लिए सुरक्षित साबित होने वाले हाइब्रिड वाहनों की बिक्री में वृद्धि लाने के लिए इन पर लागू GST को अब घटा देना चाहिए। गडकरी ने कहा कि हाइब्रिड कारों पर GST घटाकर 5 प्रतिशत और फ्लेक्स इंजन के लिए 12 प्रतिशत करने का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेजा गया है। इस अवसर ये बात भी साझा करी कि उन्होंने देश को 36 करोड़ से अधिक पेट्रोल और डीजल वाहनों से पूरी तरह छुटकारा दिलाने का प्रण लिया है। फिलहाल अपने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए कोई भी निश्चित समयसीमा का खुलासा नहीं किया है ।
जैव ईंधन का खुलकर करें इस्तेमाल
जैव ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की दिशा में केंद्रीयमंत्री गडकरी ने इस मौके पर कहा कि, उनका इस बात को लेकर दृढ़ विश्वास है कि, अगर देश में जैव ईंधन के इस्तेमाल को खुलकरअपनाया जाए और उसे बढ़ावा दिया जाए तो देश में ईंधन आयात पर लगाम लगाने में मदद मिल सकती है। दूसरे देशों से ईधन को आयात करने में आने वाले 16 लाख करोड़ रुपये के खर्च को बचाकर हम इस धन का इस्तेमाल खेती किसानी करने वाले हमारे देश के किसानों पर खर्च कर उनके जीवन सुधारने, गांवों को समृद्ध बनाने और रोजगार देने और उन्नत खेती के विभिन्न आयामों को सफल बनाने में किया जा सकता है।
पेट्रोल और डीजल कारों से पूरी तरह छुटकारा पाना संभव
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जैव ईंधन को बढ़ावा देने और पेट्रोल,डीजल ईंधन के इस्तेमाल को कम करने की दिशा में सरकार तेजी से कदम आगे बढ़ा रही है। इस विषय पर केंद्रीय मंत्री गडकरी का कहना है कि,यह मेरा नजरिया है कि 100 फीसदी भारत के लिए पेट्रोल और डीजल कारों से पूरी तरह छुटकारा पाना संभव है। ये प्रयास हो सकता है कि मुश्किल हो, लेकिन असंभव बिलकुल नहीं है। लेकिन मैं इस परिवर्तन के लिए कोई तारीख और वर्ष नहीं बता सकता। क्योंकि यह रास्ता अभी बहुत कठिन है। लेकिन असंभव बिलकुल नहीं है।"