FADA Report: त्योहारी सीजन के आने के बावजूद, ऑटो बाजार की बिक्री फीकी, जाने क्या कहती है उद्योग निकाय FADA की रिपोर्ट
FADA Report: हाल ही में उद्योग निकाय FADA द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट में कई वजहों का खुलासा हुआ है। जिसमें भारत में यात्री वाहन खुदरा बिक्री में अगस्त के महीने में 5 प्रतिशत की सालाना गिरावट दर्ज हुई है।
FADA Report: सितंबर महीना आते ही ऑटो बाजार ग्राहकों की आवक से खास गुलजार नजर आने लगता है लेकिन इस बार हमेशा की तरह वाहन विक्रेताओं के चेहरे पर न ही कोई उत्साह नजर आ रहा है और न ही बाजार में पहले जैसी ग्राहकों की चहलकदमी से होने वाली रौनक का नजारा है। जिसके पीछे की मुख्य वजह पिछले साल की मुताबिक ऑटोबाजार में छाई मंदी को माना जा रहा है। हाल ही में उद्योग निकाय FADA द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट में कई वजहों का खुलासा हुआ है। जिसमें भारत में यात्री वाहन खुदरा बिक्री में अगस्त के महीने में 5 प्रतिशत की सालाना गिरावट दर्ज हुई है। जिसके पीछे की मुख्य वजह वाहन खरीद को लेकर उपभोक्ता की कम होती इच्छा और कई इलाकों में लगातार भारी बारिश से प्रभावित होता जनजीवन, ग्राहकों द्वारा खरीद में देरी जैसे कई कारण निकल कर सामने आए हैं।
क्या कहते हैं फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) (फाडा) के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने एक बयान में कहा, "त्योहारी सीजन के आने के बावजूद, बाजार काफी दबाव में है। इन्वेंट्री का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, अब स्टॉक दिन 70-75 दिनों तक बढ़ गया है और इन्वेंट्री कुल 7.8 लाख वाहनों की है, जिसकी चिंताजनक रूप से कीमत 77,800 करोड़ रुपये है।"उन्होंने इस विषय पर विस्तार से बताया कि यात्री वाहन मूल वाहन निर्माता वाहनों की बिक्री में कमी आने की स्थिति का जवाब देने के बजाय, महीने दर महीने डीलरों पर बिक्री का दबाव बढ़ाते रहते हैं, जिससे समस्या गंभीर हो गई है। उन्होंने कहा कि स्थिति पर प्रतिक्रिया देने के बजाय, पी.वी. मूल उपकरण निर्माता (ओ.ई.एम.) महीने-दर-महीने आधार पर डीलरों को भेजे जाने वाले सामानों की संख्या में बढ़ोतरी कर रहे हैं।
रणनीतिक इन्वेंट्री मैनेजमेंट और टार्गेटेड मार्केटिंग की जरूरत
वहीं FADA नजदीकी भविष्य में व्यापार की संभावनाओं को लेकर सतर्कतापूर्वक आशावादी दृष्टिकोण रखता है। त्योहारों के मौसम और ग्रामीण क्षेत्रों से वाहनों की मांग में सुधार से इस बार बिक्री बढ़ोतरी के लिए आशाजनक संकेत मिल रहे हैं। लेकिन मौजूदा समय में कई इलाकों में जनहानि करती बारिश और उच्च इन्वेंट्री स्तर जैसे कई कारक समग्र सुधार को कम करने में अपनी भूमिका निभा रहें हैं। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए, रणनीतिक इन्वेंट्री मैनेजमेंट और टार्गेटेड मार्केटिंग इनिशिएटिव त्योहारों की बिक्री को अधिकतम करने और प्रतिकूल मौसम की स्थिति से जोखिम को कम करने में कारगर साबित हो सकते हैं।
अतिरिक्त स्टॉक लेना बंद करने के लिए तेजी से कार्रवाई करने की डिलरों से अपील
सिंघानिया ने कहा, "डीलरों को भी अपनी फाइनेंस हेल्थ को सुरक्षित रखने के लिए अब निर्माता कंपनियों से वाहनों का ओवर स्टॉक लेना बंद करने के लिए तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही OEM को भी तत्काल प्रभाव से अपनी आपूर्ति के तरीकों में सुधार करने की जरूरत है। वर्ना ऑटोउद्योग बहुत जल्द ही इन्वेंट्री ओवरलोड की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। सिंघानिया ने कहा, "अगर अतिरिक्त स्टॉक का यह आक्रामक दबाव अनियंत्रित रूप से जारी रहा, तो ऑटो रिटेल इकोसिस्टम को गंभीर व्यवधान का सामना करना पड़ सकता है।"FADA सभी बैंकों और NBFC से तत्काल हस्तक्षेप करने और अत्यधिक इन्वेंट्री वाले डीलरों को दिए जाने वाली फंडिंग को नियंत्रित करने की भी भी अपील की है।" उन्होंने कहा कि स्थिति पर प्रतिक्रिया देने के बजाय, पी.वी. मूल उपकरण निर्माता महीने-दर-महीने आधार पर डीलरों को जरूरत से ज्यादा स्टॉक को रखने का दबाव बना रहें हैं। जिससे डीलर्स के सामने समस्या बहुत कठिन होती जा रही है।
तीन पहिया खुदरा बिक्री में भी पिछले महीने 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी
बात अगर तीन पहिया खुदरा बिक्री की करें तो इसमें भी पिछले महीने अगस्त में 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जो साल-दर-साल 1,03,782 यूनिट्स के मुकाबले 1,05,478 यूनिट्स पर पहुंच गई। पिछले महीने कुल पंजीकरण में साल-दर-साल 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। जो पिछले साल अगस्त में 18,38,501 यूनिट्स के मुकाबले 18,91,499 यूनिट्स पर पहुंच गई।
वाणिज्यिक वाहनों के पंजीकरण में अगस्त मे साल-दर-साल 6 प्रतिशत की गिरावट
भारतीय बाजार में कमर्शियल वाहनों के पंजीकरण में अगस्त में साल-दर-साल 6 प्रतिशत की कमी देखी गई। वहीं ट्रैक्टर खुदरा बिक्री में भी साल-दर-साल 11 प्रतिशत घट गई है।हालांकि, दोपहिया बिक्री में अगस्त में साल-दर-साल 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। जो पिछले साल इसी महीने में 12,59,140 यूनिट्स के मुकाबले 13,38,237 यूनिट्स का आंकड़ा पार कर गई। इस बढ़ोतरी के पीछे की वजह त्योहारों के मौसम की शुरुआत के सात ग्राहकों की जरूरत के अनुरूप बेहतर स्टॉक उपलब्धता जैसे कई कारण है।जबकि पिछले महीने कुल यात्री वाहनों का पंजीकरण पर नजर डालें तो ये 3,09,053 यूनिट्स रहा, जो अगस्त 2023 में 3,23,720 यूनिट्स की तुलना में घट गया है।