Volvo Electric Car: वॉल्वो भारत में लगाएगी EV प्लांट!

Volvo Electric Car: वोल्वो कार्स ग्लोबल के CEO जिम रोवन ने कहा कि फिलहाल इलेक्ट्रिक कारों के लिए एक नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए अभी जगह का फैसला नहीं हुआ है। लेकिन इसके लिए भारत और दक्षिण पूर्व एशियाई देश दावेदारों में शामिल हैं। इस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का इस्तेमाल घरेलू जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ ग्लोबल लेवल पर दूसरे मार्केट में गाड़ियों को भेजने के लिए किया जाएगा।

Written By :  Anjali Soni
Update: 2023-02-07 12:37 GMT

Volvo Electric Car(photo-social media) 

Volvo Electric Car: भारतीय कस्टमर अब स्थाई उपाय के रूप में ईवी वाहनों पर भरोसा करने लगे हैं। भारत में ईवी की बढ़ती बिक्री इस बात का प्रमाण है। भारत सरकार भी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक ईवी पहुंचाने की पहल कर रही है। भारत में पिछले साल से इलेक्ट्रिक व्हीकल बाजार में काफी ग्रोथ देखने को मिली है, क्योंकि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में लोग विकल्प के तौर पर सीएनजी और इलेक्ट्रिक व्हीकल की ओर ध्यान दे रहे हैं।

हालांकि, ईवी की डिमांड भारत में दिन-प्रति बढ़ती जा रही है। लेकिन इनकी अधिक कीमतों के चलते अभी भी लोग कहीं न कहीं खरीदने से कतरा रहे हैं। चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के डिवेलपमेंट और डीजल, पेट्रोल इंजन गाड़ियों की तुलना में कीमत का अंतर घटने से आने वाले वर्षों में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री तेज होने के आसार हैं। इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्वीडन की लक्जरी कार निर्माता वोल्वो कार्स एशिया में चीन से बाहर एक नई मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की संभावना तलाश रही है।

इलेक्ट्रिक कारों के लिए एक नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए भारत भी है दावेदार

वोल्वो कार्स ग्लोबल के CEO जिम रोवन ने कहा कि फिलहाल इलेक्ट्रिक कारों के लिए एक नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए अभी जगह का फैसला नहीं हुआ है। लेकिन इसके लिए भारत और दक्षिण पूर्व एशियाई देश दावेदारों में शामिल हैं। इस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का इस्तेमाल घरेलू जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ ग्लोबल लेवल पर दूसरे मार्केट में गाड़ियों को भेजने के लिए किया जाएगा। रोवन ने कहा, 'हमें यह निश्चित करना है कि हम उस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से भारत के अलावा दूसरे देशों में भी गाड़ियां भेज सकें। इसके लिए हमें इस पर आने वाले लॉजिस्टिक खर्च और लागत संबंधी फायदों का खयाल भी रखना होगा। लेकिन हम यह यूनिट एशिया में लगाना चाहते हैं।'

क्या कम हो जाएगा डीजल, पेट्रोल इंजन और इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमत का अंतर

सीईओ वॉल्वो कार्स ने इस दशक के अंत तक पूरी तरह से इलेक्ट्रिक हो जाने की योजना बनाई है। वह कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग के लिए किसी के साथ साझेदारी करने को भी तैयार है। रोवन ने कहा कि कंपनी का मानना है कि डीजल/ पेट्रोल इंजन और इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमत का अंतर 2025 तक लगभग एक बराबर हो जाएगी। इससे बड़ी संख्या में ग्राहकों के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियां किफायती हो जाएंगी।रोवन ने कहा, 'हमने घोषणा की है। कि हम अगले कुछ वर्षों तक हर साल इलेक्ट्रिक कार का एक नया ब्रैंड लाएंगे। वोल्वो कार्स भारत में फिलहाल XC40 रिचार्ज बेचती है, जिसकी कीमत 56.90 लाख (एक्स-शोरूम) है। इसे ग्राहकों से मजबूत प्रतिक्रिया मिली है। कंपनी इस साल त्योहारी सीजन से पहले दूसरी इलेक्ट्रिक कार - C40 पेश करेगी। वोल्वो कार्स इंडिया XC40 रिचार्ज को कर्नाटक के अपने प्लांट में असेंबल करती है।

ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के ईवी को बढ़ावा देना जरूरी

ग्लोबल वार्मिंग एक वैश्विक मुद्दा है। ग्लोबल वार्मिंग को सीमित करने और कार्बन के बढ़ते उत्सर्जनों को रोकने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है।‌ बताते चलें कि परिवहन क्षेत्र को कार्बन मुक्त करने के लिए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में परिवर्तन करके एक आशाजनक भविष्य देने की कोशिश की जा रही है। भारत उन गिने चुने देशों में से एक है, जो प्रदूषण रहित देश बनाने के अभियान में इलेक्ट्रिक वाहनों को सपोर्ट कर रहा है।

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