अनोखी सजा: महिला पर डाली थी बुरी नजर, अब छह महीने तक पूरे गांव की महिलाओं के धोएगा कपड़े

Bihar News: 20 वर्षीय युवक ललन कुमार साफी पेशे से धोबी है। इसलिए उसे उसके पेशे से जुड़े काम को मुफ्त में करने की शर्त पर जमानत दी गयी है।

Newstrack :  Network
Published By :  Pallavi Srivastava
Update:2021-09-22 14:52 IST

कोर्ट ने सुनाई सजा pic(social media)

Bihar News: बिहार(Bihar) के मधुबनी(Madhubani) से एक ऐसा मामले सामने आया है जिसमे आरोपी(Accused) को छह महीने(6 Month Punishment) तक महिलाओं के कपड़े धोने और प्रेस करने होंगे। ये सजा पेशे से धोबी आरोपी ललन कुमार साफी को दुस्कर्म के प्रयास और अभद्र व्यवहार के लिए दिया गया है।

बता दें कि मधुबनी में महिला से दुष्कर्म के प्रयास के आरोपी को छह महीने तक गांव की सभी महिलाओं के कपड़े मुफ्त(Free Washing Clothes) में धोने और आयरन(Press) करने की शर्त पर जमानत(Bail) दी गई है। मंगलवार को झंझारपुर कोर्ट के एडीजे अविनाश कुमार प्रथम ने आरोपी ललन कुमार साफी को इसी शर्त पर जमानत दी है कि वह यह सारे काम फ्री में करेगा। जानकारी के मुताबिक आरोपी इसी साल 19 अप्रैल को गिरफ्तार(Arrest) किया गया था। उसपर आरोप था कि 17 अप्रैल की रात उसने एक महिला के साथ अभद्र व्यवहार और दुष्कर्म का प्रयास किया था।

आरोपी मुफ्त में धोयेगा कपड़े (Concept Image) pic(social media)

मिली जानकारी के अनुसार 20 वर्षीय युवक ललन कुमार साफी पेशे से धोबी है। इसलिए उसे उसके पेशे से जुड़े काम को मुफ्त में करने की शर्त पर जमानत दी गयी है। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखा और कहा कि युवक 20 साल का है। मामले में चार्जशीट जमा किया जा चुका है और पुलिस की जांच पूरी हो गय है। दोनों पक्षों के बीच समझौते का आवेदन भी दे दिया गया है। बहस में आरोपी पक्ष ने कहा कि आरोपी अपनी गलती मानते हुए अपने पेशे के माध्यम से समाज की सेवा करना चाहता है। एडीजे कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद अपना यह अनोखा फैसला सुनाया। इसके साथ ही कोर्ट ने 10 हजार रुपये के दो जमानतदार भी देने को कहा है।

छह महीने के बाद जब आरोपी यह काम ठीक से कर लेगा तब उसे मुखिया, सरपंच या किसी सरकारी अधिकारी से मुफ्त सेवा करने का प्रमाण पत्र भी कोर्ट में सौंपने का आदेश दिया गया है। मुखिया या आरोपी युवक गांव में फ्री सेवा दे रहा है या नहीं इस पर नजर रखने के लिए जमानत की कॉपी गांव के सरपंच और मुखिया को भेजे जाने की बात कही गयी है।

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