Bihar Politics: अब तेज प्रताप विवादों में घिरे, सरकारी बैठक में मीसा भारती के पति ने भी लिया हिस्सा,भाजपा हमलावर

Bihar Politics: राज्य के वन और पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप ने गुरुवार को विभागीय बैठक की। इस बैठक में तेज प्रताप की बहन और राजद सांसद मीसा भारती के पति शैलेश कुमार भी मौजूद थे।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2022-08-19 10:15 IST

तेज प्रताप (photo:social media) 

Bihar Politics: बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद लगातार नए विवाद पैदा हो रहे हैं। राज्य के नए कानून मंत्री के विवादों में घिरने के बाद अब राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव के बेटे और राज्य के कैबिनेट मंत्री तेजप्रताप के एक कदम को लेकर भी विवाद पैदा हो गया है।

राज्य के वन और पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप ने गुरुवार को विभागीय बैठक की। इस बैठक में तेज प्रताप की बहन और राजद सांसद मीसा भारती के पति शैलेश कुमार भी मौजूद थे। शैलेश कुमार बिहार में किसी भी सरकारी पद पर नहीं हैं और ऐसे में उनके बैठक में मौजूद रहने पर नया विवाद पैदा हो गया है। भाजपा ने इसे लेकर गठबंधन सरकार पर करारा तंज कसा है।

खुलासे के बाद भाजपा का तंज

वन एवं पर्यावरण मंत्रालय का कामकाज संभालने के बाद तेज प्रताप काफी सक्रिय दिख रहे हैं। उन्होंने दौरों के साथ ही सरकारी बैठकों का सिलसिला भी शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में उन्होंने गुरुवार को विभागीय अफसरों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक की सबसे उल्लेखनीय बात यह थी कि इसमें लालू की बेटी मीसा भारती के पति शैलेश कुमार ने भी हिस्सा लिया। इस मामले का खुलासा होने के बाद सियासी माहौल गरमा गया है।

भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने सरकारी बैठक में शैलेश कुमार की मौजूदगी पर करारा तंज कसा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि राजद के सभी मंत्रियों से शैलेश कुमार ज्यादा समझदार और जानकार है। यदि लालू के बेटे तेजप्रताप पर शैलेश कुमार का आशीर्वाद आगे भी इसी तरह बना रहा तो निश्चित रूप से वे सर्वश्रेष्ठ मंत्री साबित होंगे।

राजद की ओर से दी गई सफाई

इस मामले को लेकर विवाद पैदा होने के बाद राजद की ओर से सफाई पेश की गई है। राजद प्रवक्ता शशि यादव का कहना है कि दरअसल शैलेश कुमार किसी काम के सिलसिले में तेज प्रताप से मिलने गए हुए थे। उस समय तेजप्रताप सरकारी बैठक में व्यस्त थे। इसलिए शैलेश कुमार से वहीं बैठकर इंतजार करने के लिए कहा गया।

उन्होंने सफाई पेश करते हुए कहा कि शैलेश कुमार की ओर से बैठक के दौरान सरकारी अफसरों को कोई भी निर्देश नहीं जारी किया गया। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर व्यर्थ का विवाद खड़ा किया जा रहा है क्योंकि किसी मंत्री के चैंबर में जाना कोई अपराध नहीं है।

लगातार पैदा हो रहे विवाद

वैसे नीतीश कुमार की अगुवाई में महागठबंधन की नई सरकार के गठन के बाद विवादों का सिलसिला शुरू हो गया है। इसके पहले राज्य के नए कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को लेकर बड़ा विवाद पैदा हो गया था। भाजपा ने इस मुद्दे को भी जोर शोर से उठाया था। कार्तिकेय सिंह के खिलाफ अपहरण के मामले में वारंट होने के कारण नीतीश सरकार रक्षात्मक मुद्रा में दिखी थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस मामले की जानकारी न होने की बात कही थी। हालांकि विवाद के बावजूद कार्तिकेय सिंह अभी तक अपने पद पर बने हुए हैं।

भाजपा ने राज्य के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के चावल गबन और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह के कारतूस रखने का मामला भी उठाया है। राज्य में हुए सियासी बदलाव के बाद भाजपा ने आक्रामक रणनीति अपना रखी है। पार्टी ने भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर महागठबंधन सरकार को घेरने का फैसला किया है। इसी रणनीति के तहत पार्टी ने हमलावर रुख अपना रखा है।

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