नीतीश कुमार के बाद कौन संभालेगा JDU की विरासत, बिहार में शुरू हुई सियासत

Nitish Kumar: जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का गठन साल 2003 में हुआ था। समाजवाद को मूलमंत्र मानने वाली जेडीयू नीतीश कुमार की छत्रछाया में लगभग 22 सालों बिहार की सत्ता में काबिज है।;

Written By :  Shishumanjali kharwar
Update:2025-02-22 13:45 IST
nitish kumar

Nitish Kumar: साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले है। जिसके लिए राजनीतिक दलों ने अभी से तैयारी भी शुरू कर दी है। लेकिन आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का सीएम चेहरा नीतीश कुमार ही होंगे या फिर कोई और। इसको लेकर अभी से सियासत शुरू हो गयी है। 74 वर्षीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार की राजनीति का धुरी माना जाता है। लेकिन उनकी आयु और स्वास्थ्य ने जेडीयू के सामने मुश्किल खड़ी कर दी है। ऐसे में जेडीयू के समक्ष उत्तराधिकारी का संकट खड़ा हो गया है।

इस संकट से भाजपा भी जूझ रही है। क्योंकि भाजपा बिहार में कभी भी खुद के दम पर सरकार नहीं बना सकी है। जेडीयू और नीतीश कुमार के सहारे की भाजपा बिहार की सत्ता में रह सकी है। ऐसे में जेडीयू के सामने उत्तराधिकारी का संकट बिहार विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए कोई बड़े अवसर से कम नहीं है। वहीं बिहार में जेडीयू की मौजूदा स्थिति से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के हौंसले बुलंद हो सकते हैं।

पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और जनसुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर कई बार नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर सवाल उठा चुके हैं। तेजस्वी यादव ने एक बार यहाँ तक कह दिया था कि सीएम नीतीश कुमार होश में नहीं रहते हैं। वह अब थक चुके हैं। वहीं प्रशांत किशोर ने भी सीएम नीतीश कुमार के मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल उठाए थे।

कब अस्तित्व में आयी जेडीयू

जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का गठन साल 2003 में हुआ था। समाजवाद को मूलमंत्र मानने वाली जेडीयू नीतीश कुमार की छत्रछाया में लगभग 22 सालों बिहार की सत्ता में काबिज है। पार्टी के गठन से लेकर अब तक जेडीयू में ’नीतीश नाम केवलम’ ही रहा। हालांकि समय-समय पर पार्टी में कुछ नेताओं का उभार जरूर हुआ। इनमें सबसे प्रमुख नाम यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी आरसीपी सिंह (रामचंद्र प्रसाद सिंह) का था।

2010 में आरसीपी सिंह ने प्रषासनिक सेवा से वीआरएस लेकर जेडीयू महासचिव (संगठन) का पद संभाला था। उनका पार्टी में इस कदर प्रभाव था कि विपक्ष यह कहता था कि बिहार में ’आरसीपी टैक्स’ चलता है। हालांकि वह कुछ समय बाद भाजपा में शामिल हो गये और उन्होंने अपनी पार्टी ‘आप सबकी आवाज’ बना लिया। इसी तरह जेडीयू में ललन सिंह, प्रशांत किशोर और उपेंद्र कुशवाहा का भी उभार हुआ, लेकिन समय से साथ सभी ने पार्टी से किनारा कर लिया। प्रशांत किशोर ने अलग पार्टी बना ली। तो वहीं ललन सिंह केंद्र में मंत्री बन गये। उपेंद्र कुशवाहा ने भी जेडीयू से अलग होकर अपनी पार्टी बना ली।

कौन होगा जेडीयू का उत्तराधिकारी

बिहार विधानसभा चुनाव में अगर नीतीश कुमार सीएम फेस नहीं होते हैं तो फिर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का अगला उत्तराधिकारी कौन होगा। इसके लिए चर्चा तेज हो गयी है। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इन तीन क़रीबी नेताओं का नाम की चर्चा सियासी गलियारों में सबसे ज्यादा चल रही है। वह तीन नाम हैं राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, विजय कुमार चौधरी और अशोक चौधरी। हालांकि यह तीनों ही दूसरे दलों से जेडीयू में शामिल हुए हैं। संयज झा भाजपा में रह चुके हैं। तो विजय कुमार चौधरी और अशोक चौधरी ने कांग्रेस के बाद जेडीयू का दामन थामा था।

इन तीनों नेताओं में संजय झा नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते हैं। हालांकि इन तीनों की नेताओं के नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी होने पर पार्टी के अन्य नेता असहमत है। पार्टी नेताओं का कहना है कि करीबी होना अलग है और लीडरशिप अलग है। फिलहाल नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही पार्टी आगे बढ़ेगी। जब समय आएगा तो सर्वसम्मति से ही कोई निर्णय लिया जाएगा। कुर्मी-कोइरी और अति पिछड़ा वर्ग जेडीयू का कोर वोटर है। जातिगत समीकरण के लिहाज से भी ये तीनों नेता फिट नहीं बैठते हैं।

निशांत कुमार की होगी एंट्री?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद जेडीयू की बागडोर कौन संभालेगा। ऐसे में इस गुत्थी को सुलझाने के लिए राजनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज है कि उनके बेटे निशांत कुमार ही उनकी राजनीतिक विरासत को संभालेंगे।

निशांत जल्द ही जेडीयू ज्वाइन कर सकते हैं और गढ़ हरनौत विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में ताल भी ठोंक सकते हैं। वैसे सीएम नीतीश कुमार राजनीति में परिवारवाद के खिलाफ रहे हैं। लेकिन निशांत कुमार को राजनीति में उतारने को लेकर जेडीयू में मंथन का दौर लगातार जारी है। ऐसा माना जा रहा है कि नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की सियासी एंट्री का औपचारिक ऐलान होली के बाद हो सकता है।

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