Fintech Firm Shutdown: बंद हो गया 3750 करोड़ वैल्यू वाला एक स्टार्टअप, कर्मचारी हुए बेरोजगार; जानिए कौन सा है फर्म?

Fintech Firm Shutdown: स्टार्टअप जस्टमनी की शुरुआत साल 2016 में हुई थी। इसको लिजी चैपमैन, प्रिया शर्मा और आशीष अनंतरामन ने मिलकर शुरू किया था। हालांकि साल 2023 में यह बंद हो गया और कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं।

Report :  Viren Singh
Update:2023-12-06 13:32 IST

Fintech Firm Shutdown (सोशल मीडिया) 

Fintech Firm Shutdown: भारत की सबसे मूल्यवान स्टार्ट एडटेक कंपनी बायूज पहले से ही आर्थिक संकटों का सामना कर रही है। दिन पर दिन मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। हाल यह हो गई है कि कंपनी के पास कर्मचारियों की सैलरी लेने के लिए धन नहीं बचा है, इसके लिए बायजू के मालिक बायजू रवींद्रन ने अपना घर को गिरवी रखा है। इस खबर के बाद एक और स्टार्टअप कंपनी को लेकर खबर सामने आई है, जोकि बुरी है। दरअसल, स्टार्टअप कंपनी जेस्टमनी (ZestMoney) आर्थिक संकट की वजह से अब बंद हो जा रही है। कंपनी के इस कदम से कई कर्मचारियों के सामने तत्काल के लिए रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

5 दिसंबर को बैठक कर बंद करने का ऐलान

एक आर्थिक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जेस्टमनी ने अपने संचालन को लेकर 5 दिसंबर, मंगलवार को कर्मचारियों के साथ एक बैठक की। इसमें कंपनी ने अपने संचालन को बंद करने की जानकारी कर्मचारियों की दी। इससे कंपनी में बचे हुए 150 कर्मचारी मौजूदा वक्त के लिए बेरोजगार हो गए हैं। हालांकि स्टार्टअप फर्म ने 150 कर्मचारियों को 2 महीने की अतिरिक्त सैलरी देने का ऐलान किया है, जिससे उन्हें आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े और वह आराम से इस अवधि में कोई और नौकरी खोज सकें।

बंद होने से पहले इस कंपनी से मांगी थी मदद

स्टार्टअप कंपनी जेस्टमनी बाय नाउ और पे लेटर’ को फैसिलिटी प्रदान करती थी। रेगुलेटरी अनिश्चितता और कंपनी के नए मैनेजमेंट की ओर से बिजनेस को फिर से खड़ा करने के प्रयास में असफल होने से जेस्टमनी को बंद करने फैसला लिया गया है। कंपनी की मुश्किलें साल 2023 लगते ही बढ़ने लगी थीं। स्टार्टअप फर्म बंद न हो, इसके लिए उसने फिनटेक फर्म फोनपे (PhonePe) के साथ बातचीत शुरू की थी, लेकिन बाद में फोनपे ने जेस्टमनी अधिग्रहण करने से मना कर दिया था। यह डील वैल्यूएशन और हाई डिफॉल्ट रेट की वजह से पूरी नहीं हो सकती थी। बता दें कि फोनपे वॉलमार्ट के ओनरशिप वाली फिनटेक फर्म है।

इस वजह से नहीं पूरी हुई डील

ZestMoney में अब 150 कर्मचारी बचे थे। एक समय का था, जब फर्म के पास कर्मचारियों की संख्या 500 की थी, लेकिन धीरे-धीरे स्थिति खराब होती गई और कर्मचारियों की संख्या भी घटती गई। बाद में 150 में आकर ZestMoney बंद हो गई। बंद होने के पहले ZestMoney ने फोनपे से अधिग्रहण करने का प्रस्ताव भी रखा। दोनों के बीच 1667-2500 करोड़ रुपये डील होने की संभावना थी, लेकिन वैल्यूएशन और हाई डिफॉल्ट रेट की वजह से बात नहीं बन पाई। सितंबर 2021 में अंतिम फंडिंग राउंड के दौरान स्टार्टअप कंपनी जेस्टमनी की वैल्यूएशन 3750 करोड़ रुपये थी।

मिलेगी अतिरिक्त सैलरी और नौकरी में मदद

बंद होने की वजह से कंपनी निकाल जा रहे बचे 150 कर्मचारियों को ZestMoney ने 2 महीने की अतिरिक्त सैलरी और दूसरी जगह नौकरी दिलवाने में मदद करने का आश्वासन दिया है।

साल 2016 में शुरू हुई कंपनी

जस्टमनी की शुरुआत साल 2016 में हुई थी। इसको लिजी चैपमैन, प्रिया शर्मा और आशीष अनंतरामन ने मिलकर शुरू किया था। स्टार्टअप फर्म एक ईएमआई और पे लेटर नेटवर्क ऑपरेट करता था। कंपनी के पास 27 लेंडिंग पार्टर्नस थे।

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