Adani Enterprises: चौतरफा घिरे अडानी समूह को अबू धाबी के शाही परिवार से जुड़ी कंपनी ने दी 'संजीवनी', FPO हुआ सब्सक्राइब

Adani Enterprises: अडानी एंटरप्राइजेज ने 20 हजार करोड़ रुपए के FPO का मंगलवार को आखिरी दिन है। मुश्किलों में घिरे अडानी समूह के लिए अबू धाबी की एक कम्पनी ने बड़ा निवेश किया है।

Written By :  aman
Update:2023-01-31 20:05 IST

Adani Enterprises: अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg Research) की अडानी समूह (Adani Group) को लेकर छपी रिपोर्ट के बाद भारतीय बिजनेसमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) को अप्रत्याशित नुकसान उठाना पड़ा है। अडानी ग्रुप की अधिकांश कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट देखी जा रही है। बाजार के जानकार इसे 'सुनामी' तक करार दे चुके हैं। अब तक का सबसे बड़ा नुकसान उठा रहे अडानी ग्रुप के लिए अबू धाबी की एक कंपनी संजीवनी बनकर आयी है।

व्यापारिक नजरिये से उठा-पटक की ख़बरों के बीच अडानी समूह के लिए गुड न्यूज़ है। दरअसल, अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) का फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) को 3200 करोड़ रुपए की बड़ी बोली मिली है। बताया जा रहा है ये कंपनी अबू धाबी के शाही परिवार से जुड़ी है। आज ही इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी अडानी समूह के लिए अच्छी बातें कहि। नेतन्याहू ने अडानी ग्रुप के साथ 'हाइफा पोर्ट डील' को मील का पत्थर बताया।

धड़ाम हुई अडानी की नेटवर्थ

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी के शेयरों में भूचाल आ गया। जिस वजह से गौतम अडानी की संपत्ति (Gautam Adani Net Worth) में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। इसके चलते हफ्तेभर से भी कम समय में गौतम अडानी दुनिया के शीर्ष 10 अरबपतियों की सूची से बाहर हो गए। ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स (Bloomberg Billionaires Index) की मानें तो गौतम अडानी की नेटवर्थ गिरकर 84.4 अरब डॉलर रह गई है। अब वे अमीरों की सूची में फिसलकर 11वें स्थान पर पहुंच गए हैं।

आफत के बीच मिली संजीवनी

एक ओर अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर गिर रहे हैं, वहीं अडानी एंटरप्राइजेज का 27 जनवरी को ओपन हुआ FPO बड़ी बोलियां हासिल करने में जुटा है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अडानी के फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) को अबु धाबी की एक कंपनी से 40 करोड़ डॉलर तक़रीबन 3200 करोड़ रुपए की बोली प्राप्त हुई है।

अडानी एंटरप्राइजेज की आर्थिक सेहत निवेश की वजह 

अबू धाबी के शाही परिवार से जुड़ी इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (International Holding Company) के अडानी समूह में निवेश की घोषणा के साथ ही इस पर चर्चा होने लगी। इस कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सैयद बसर शुएब (Syed Basar Shuaib) ने कहा कि, 'अडानी समूह में हमारी रुचि की वजह अडानी एंटरप्राइजेज की आर्थिक सेहत को लेकर हमारा विश्वास है। हम मानते हैं कि इस कंपनी में लंबे समय तक निवेश करने पर बढ़त होने की अच्छी संभावनाएं हैं।' इस कंपनी ने अडानी ग्रुप में ऐसे समय निवेश करने का फ़ैसला किया है जब वह चारों ओर से आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही है।

पहले भी कर चुकी है अडानी समूह में इन्वेस्ट

आपको बता दें, अबू धाबी के शाही परिवार से जुड़ी ये कंपनी अडानी ग्रुप में पहली बार निवेश नहीं कर रही है। इस समूह ने पिछले साल ही अडानी एंटरप्राइजेज़ सहित अडानी समूह की अन्य कंपनियों में दो अरब डॉलर का निवेश किया था। इस कंपनी का नेतृत्व संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के राष्ट्रपति के भाई शेख ताहनून बिन जायद अल नाहयान (Mohamed bin Zayed bin Sultan Al-Nahyan) संभाल रहे हैं, जो संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी हैं। यहां ये जानना भी जरूरी है कि इस कंपनी ने पिछले कुछ सालों में अबू धाबी के स्टॉक मार्केट में तेजी से सफलता की सीढ़ियां चढ़ी है। हालात ये हैं कि, यह कंपनी अबू धाबी के शेयर बाजार को डोमिनेट करने की स्थिति में आ चुकी है। 

40 कर्मचारियों से शुरू हुई थी कंपनी

इस कंपनी से जुड़ी ख़बरों के अनुसार, तीन साल पहले तक इस कंपनी में महज 40 लोग काम करते थे। Financial Times में छपी खबर के अनुसार, तीन साल पहले तक इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी का नाम ज़्यादा लोगों ने नहीं सुना था। ये कंपनी मछलियां पालने (fish farming) से लेकर खाद्य और रियल एस्टेट कारोबार में काम करती थी। मगर, अब अबू धाबी में लिस्टेड इस समूह की बाजार पूंजी करीब 240 अरब डॉलर से भी अधिक है। बाज़ार पूंजी के मामले में ये कंपनी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों सीमंस (simmons) और जनरल इलेक्ट्रिक (general Electric) से भी ज्यादा हो गया है। 

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