Adani Group News: अडानी ग्रुप ने श्रीलंका के बिजली प्रोजेक्ट से हाथ खींचा
Adani Group News: अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने श्रीलंका के निवेश बोर्ड को बताया है कि वह अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद पवन परियोजना से सम्मानपूर्वक पीछे हट जाएगा। कोलंबो में सरकार द्वारा कथित तौर पर परियोजना की शर्तों पर फिर से बातचीत करने के बाद अडानी ग्रुप ने ये फैसला किया है।;
अडानी ग्रुप ने श्रीलंका के बिजली प्रोजेक्ट से हाथ खींचा (Photo- Social Media)
Adani Group News: मुम्बई। अडानी ग्रुप ने उत्तरी श्रीलंका में 484 मेगावाट की पवन परियोजना से हाथ खींच लिया है। अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने श्रीलंका के निवेश बोर्ड को बताया है कि वह अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद पवन परियोजना से सम्मानपूर्वक पीछे हट जाएगा।
बताया जाता है कि कोलंबो में सरकार द्वारा कथित तौर पर परियोजना की शर्तों पर फिर से बातचीत करने के बाद अडानी ग्रुप ने ये फैसला किया है। सरकारी अधिकारियों ने संकेत दिया कि परियोजना प्रस्ताव पर फिर से बातचीत करने के लिए नई समितियों का गठन किया जाएगा। पिछले साल सितंबर में श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के चुनाव जीतने के बाद से पवन परियोजना गहन जांच के दायरे में है। उन्होंने चुनावों से पहले “भ्रष्ट” परियोजना को रद्द करने का वादा किया था।
श्रीलंका निवेश बोर्ड के अध्यक्ष अर्जुन हेराथ (Photo- Social Media)
क्या लिखा पत्र में
अडानी ग्रीन ने श्रीलंका निवेश बोर्ड के अध्यक्ष अर्जुन हेराथ को लिखे पत्र में कहा है कि - "हमारे अधिकारियों ने हाल ही में सीईबी (सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड) के अधिकारियों और कोलंबो में मंत्रालय के अधिकारियों के साथ चर्चा की। पता चला कि परियोजना प्रस्ताव पर फिर से बातचीत करने के लिए कैबिनेट द्वारा नियुक्त वार्ता समिति (सीएएनसी) और परियोजना समिति (पीसी) का गठन किया जाएगा। इस पहलू पर हमारी कंपनी के बोर्ड में विचार-विमर्श किया गया और यह निर्णय लिया गया कि कंपनी श्रीलंका के संप्रभु अधिकारों और उसकी पसंद का पूरा सम्मान करती है, लेकिन वह उक्त परियोजना से सम्मानपूर्वक हट जाएगी।"
आलोचना के दायरे में
इस परियोजना की आलोचना इस बात के लिए भी हुई है कि इससे पास के पक्षी गलियारे और स्थानीय मछली पकड़ने वाले समुदायों पर इसका संभावित प्रभाव पड़ सकता है। अडानी ग्रीन ने मंजूरी प्राप्त करने और भूमि की व्यवस्था करने सहित विकास-पूर्व गतिविधियों में कुल 5 मिलियन डॉलर खर्च किए हैं। परियोजना के लिए पहले 20-वर्षीय बिजली खरीद समझौते (पीपीए) को मंजूरी दी गई थी, जिसमें अडानी समूह से 1 बिलियन डॉलर का निवेश दर्ज किया गया था। मन्नार और पूनरी में कुछ पारेषण इंफ्रास्ट्रक्चर सहित पवन ऊर्जा उत्पादन क्षमता स्थापित की जानी थी।