Bank Loan: जानिए कैसे बैंक दे देते हैं हजारों करोड़ के लोन

Bank Loan: कॉर्पोरेट लोन सुरक्षित या असुरक्षित, किसी भी प्रकार के हो सकते हैं। सुरक्षित ऋण वह होता है जिसके लिए सुरक्षा के हिस्से के रूप में कमर्शियल प्रॉपर्टी की मांग की जाती है। ऋण का भुगतान न करने की स्थिति में, ऋणदाता अपने फण्ड का दावा करने के लिए उस संपत्ति को जब्त कर सकता है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update: 2023-02-07 06:09 GMT

Know how banks give loans worth thousands of crores (Social Media)

Bank Loan: लोगों की आम शिकायत रहती है कि बैंक चार-पांच लाख के लोन के लिए दुनिया भर की तहकीकात, फॉर्मेलिटी और नानुकुर करते हैं लेकिन सैकड़ों-हजारों करोड़ के लोन आराम से दे दिए जाते हैं। वैसे, सरकारी बैंक्स का एनपीए अत्यधिक हो जाने के बाद से बड़े कॉर्पोरेट लोन देने में थोड़ी सी कमी जरूर आई है।

कॉर्पोरेट क्यों लेते हैं लोन

जब मौजूदा व्यवसायों या औद्योगिक घरानों को फंड्स या कार्यशील पूंजी की जरूरत होती है, तो वे कॉर्पोरेट लोन के लिए आवेदन करते हैं। ये लोन देशी-विदेशी किसी भी बैंक या संस्थान से लिए जाते हैं। इस लोन के जरिये उपलब्ध कराए गए फंड का उपयोग बिजनेस के सुचारु संचालन, एक्सपेंशन और अल्पकालिक और दीर्घकालिक खर्चों को ध्यान में रख कर लिया जाता है।

सुरक्षित और असुरक्षित लोन

कॉर्पोरेट लोन सुरक्षित या असुरक्षित, किसी भी प्रकार के हो सकते हैं। सुरक्षित ऋण वह होता है जिसके लिए सुरक्षा के हिस्से के रूप में कमर्शियल प्रॉपर्टी की मांग की जाती है। ऋण का भुगतान न करने की स्थिति में, ऋणदाता अपने फण्ड का दावा करने के लिए उस संपत्ति को जब्त कर सकता है। सुरक्षित ऋण के लिए असुरक्षित ऋण की तुलना में कम ब्याज दर, उच्च उधार सीमा और लंबी अवधि में चुकाने की सुविधा मिलती हैं।

दूसरी तरफ, असुरक्षित ऋण आम तौर पर व्यवसायों द्वारा फण्ड की तत्काल जरूरतों के लिए दिए जाते हैं। ऐसे लोन में वित्तीय संस्थानों द्वारा कोई गारंटी या सुरक्षा के किसी भी रूप की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, असुरक्षित ऋण प्राप्त करने के लिए व्यवसायों को हाई क्रेडिट रेटिंग की जरूरत होती है। हाई क्रेडिट रेटिंग का मतलब है कि लोन लेने वाले की साख अच्छी होनी चाहिए।

कॉर्पोरेट ऋण के प्रकार

बैंकों द्वारा विभिन्न प्रकार के कॉर्पोरेट ऋण दिए जाते हैं; कोई व्यवसाय अपनी जरूरत के आधार पर अपना लोन चुन सकता है।

सावधि ऋण (टर्म लोन) : सावधि ऋण से मिली रकम का इस्तेमाल पूंजी लगाने, संपत्ति की खरीद या नवीनीकरण, नई मशीनरी खरीदने या टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के लिए किया जा सकता है। टर्म लोन की ब्याज दरें फिक्स्ड या फ्लोटिंग हो सकती हैं और एक निश्चित वापसी शेड्यूल हो सकता है।

प्रतिभूतियों पर ऋण : म्युचुअल फंड, बीमा पॉलिसी, बॉन्ड, डीमैट शेयर, या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड जैसी वित्तीय प्रतिभूतियों को गिरवी रखकर लोन लिया जा सकता है। प्रतिभूतियों पर ऋण की अवधि हर 12 महीने में नवीनीकृत की जाती है।

लेटर ऑफ क्रेडिट सुविधा और बैंक गारंटी : इसमें बैंक, किसी विक्रेता को यह गारंटी देने के लिए एक पत्र देता है कि अपेक्षित राशि के लिए समय पर भुगतान किया जाएगा। अगर खरीदारी के लिए भुगतान नहीं किया जाता है तो बैंक कुछ शर्तों पर बकाया भुगतान को कवर करता है।

नकद ऋण सुविधा : व्यावसायिक संपत्ति जैसी चीजों को गिरवी रखकर नकद लोन सुविधा दी जाती है। नकद ऋण निकासी की सीमा आमतौर पर गिरवी रखी गई संपत्ति के मूल्य का 70 से 80 फीसदी होती है। इसके अलावा बैंक ओवरड्राफ्ट सुविधा भी देते हैं।

कौन होता है पात्र

कॉर्पोरेट ऋण के लिए पात्रता मानदंड कई तरह के होते हैं। सबसे बड़ी बात कि लोन लेने वाले का पिछला क्रिमिनल रिकार्ड नहीं होना चाहिए।

लोन लेने वाले के पास कम से कम 5 वर्षों के लिए एक स्थापित व्यवसाय होना चाहिए। व्यवसाय या उद्यम पिछले 2 वर्षों से प्रॉफिट में होना चाहिए। कंपनी को सफल व्यवसाय के रिकॉर्ड के साथ एक अच्छा सिबिल क्रेडिट स्कोर बनाए रखना चाहिए। यदि कॉर्पोरेट ने पहले कभी ऋण के लिए आवेदन किया है, तो बैंक ऋण स्वीकृत करने से पहले पुराने रिकॉर्ड और पुनर्भुगतान की स्थिति की जांच करता है। आवेदक की कोई डिफ़ॉल्ट हिस्ट्री नहीं होनी चाहिए।

नियम तो अपनी जगह हैं लेकिन असलियत में बैंक कई बार अपनी क्रेडिट रेटिंग बढ़ाने के लिए भरी भरकम लोन तो देते ही हैं, साथ में उसे टॉप अप भी करते रहते हैं। बैंक कई बार 'ऊपरी' दबाव में भी काम कर जाते हैं। आमतौर पर बैंक अपनी लोन राशि के बदले नियमित रूप से धन वापसी पर क्रेडिट लिमिट बढ़ाते भी जाते हैं। इन सबके पीछे एक बड़ी वजह ये होती है कि लोन लेवे वाला पक्ष डिफ़ॉल्ट नहीं करेगा क्योंकि उसका कारोबार बड़ा है और जमा हुआ है लेकिन अगर कारोबारी अपनी असली स्थिति छिपाए रहता है तो बैंक अँधेरे में होते हैं और उनको पता नहीं चलता कि असली हाल क्या है। 

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