Budget 2025: टैक्सपेयर्स को राहत तो चीन को झटका दे सकता है इस बार का बजट! मोदी सरकार कर सकती है कई बड़े ऐलान
Budget 2025: बजट में मध्यम वर्ग के लिए कर राहत, प्रतिकूल बाहरी वातावरण से उद्योग को बचाने के लिए टैरिफ उपाय और रोजगार के अवसर तथा निजी निवेश को बढ़ावा देने जैसे कई पहलुओं पर अमल किया जा सकता है।;
Budget 2025: एक फरवरी को केंद्र सरकार 2025-26 का बजट पेश करेगी। इस बार के बजट में क्या हो सकता है। इसको लेकर चर्चाएं भी होने लगी हैं। माना जा रहा है ि कइस बार के बजट में टैक्सपेयर्स के लिए सरकार कुछ घोषणा कर सकती है। जिससे उन्हें राहत मिलने की उम्मीद है। सूत्रों की मानें तो इस बार के बजट में डिमांड को सपोर्ट और ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए कई उपायों की घोषणा की जा सकती है। इसका कारण यह माना जा रहा है कि सरकार धीमी पड़ती इकॉनमी को सपोर्ट देना चाहती है। इस बार के बजट में मध्यम वर्ग के लिए कर राहत, प्रतिकूल बाहरी वातावरण से उद्योग को बचाने के लिए टैरिफ उपाय और रोजगार के अवसर तथा निजी निवेश को बढ़ावा देने जैसे कई पहलुओं पर अमल किया जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री कार्यालय में पिछले सप्ताह एक बैठक हुई थी जिसमें बजट की व्यापक रूपरेखा पर चर्चा की गई थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2026 का बजट 1 फरवरी को संसद में पेश करेंगी। हाल ही में महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनावों में मिली भारी जीत से उत्साहित केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बजट में एक मजबूत संदेश देना चाहती है। यह संदेश है सुधारों, ईज ऑफ डूइंग बिजनस और आम लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए लगातार काम करना।
मांग और निवेश को बढ़ावा देने के उपाय पर देना होगा जोर
वित्त वर्ष 2025 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर चार साल के निचले स्तर 6.4 प्रतिशत पहुंचने का अनुमान है। इससे यह साफ है कि सरकार को मांग और निवेश को बढ़ावा देने के उपाय पर जोर देना होगा। जिन टैक्स उपायों पर चर्चा की गई है, उनमें न्यू टैक्स रिजीम के तहत इंडिविजुएल के लिए राहत, कॉर्पोरेट कर को सरल बनाना और स्रोत पर कर कटौती की आसान व्यवस्था शामिल है। सूत्रों का कहना है कि शहरी खपत में गिरावट आने के कारण नई कर व्यवस्था के तहत स्लैब को और व्यापक बनाने के लिए बीजेपी के भीतर से भी आवाज उठ रही है। इस बारे में अंतिम निर्णय कुछ दिनों में लिया जा सकता है।
कैपेक्स में तेजी
इस समय इंडिविजुअल के लिए 15 लाख रुपये की सालाना इनकम पर टैक्स की दर सबसे अधिक 30 प्रतिशत है। टैक्स रेट में कटौती से अर्बन डिमांड को फिर से पटरी पर लाने में मदद मिल सकती है। यही नहीं जुलाई के पेश किए गए बजट में घोषित तीन रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन योजनाओं को सपोर्ट करने के लिए कुछ और उपायों की घोषणा की जा सकती है। बजट में पूंजीगत व्यय में निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए अधिक जोर दिए जाने की उम्मीद है।
बेसिक कस्टम ड्यूटी में भी बदलाव किया जा सकता है
साथ ही माना जा रहा है कि घरेलू इंडस्ट्री को खासकर चीन से होने वाले सस्ते आयात से बचाने के लिए बेसिक कस्टम ड्यूटी में भी बदलाव किया जा सकता है। अमेरिका में राष्ट्रपति बनने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी सामान पर टैरिफ बढ़ाने की घोषणा की है। इसके बाद से भारत में चीन के सस्ते सामान की डंपिंग का खतरा बढ़ गया है। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में विदेशी निवेश व्यवस्था को आसान बनाने के उपायों पर भी चर्चा की गई है और आम बजट में इसकी झलक देखने को मिल सकती है।
कुल मिलाकर देखा जाए तो इस बार के बजट में सरकार टैक्सपेयर्स, उद्योग जगत सहित कई सेक्टर्स को राहत दे सकती है।